म्यूचुअल फंड सही है

PPF में निवेश करके कितना गंवाया

75 लाख या 2 करोड़ में से क्‍या चुनेंगे आप। यही फर्क रहा PPF और ELSS के नतीजों के बीच

PPF में निवेश करके कितना गंवाया

PPF काफी लंबे समय से टैक्स बचाने के लिए सबसे पसंदीदा ऑप्शन रहा है। यह भारत सरकार का लॉग टर्म सेविंग इंस्ट्रूमेंट है। यह कंट्रीब्यूशन के साथ साथ लॉक इन पीरियड के बाद रकम निकालने पर भी टैक्स बेनेफिट ऑफर करता है। यह स्कीम 1 जुलाई, 1968 को लागू की गई थी। स्कीम का मकसद स्वरोजगार में लगे और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को ओल्ड एज इनकम सिक्योरिटी मुहैया कराना है।

हर साल सरकार हमें PPF में रकम निवेश करके टैक्स बचाने की सुविधा देती हैं और बहुत से लोग ऐसा करते भी हैं। लेकिन वे आम तोर पर एक और टैक्स सेविंग ऑप्शन-इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS को नजरअंदाज कर देते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां म्यूचुअल फंड का एक सेट संचालित करती हैं। ये फंड सरकार की परिभाषा के तहत ELSS फंड के कैटेगरी में आते हैं। जब आप इन फंड में एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपए तक के निवेश्ा पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। ऐसा ही बेनेफिट PPF में भी मिलता है।

तो क्या हुआ होता अगर आपने इन वर्षों में रकम PPF के बजाए ELSS में निवेश की होती ? हम 2001 से 2021 की अवधि के बीच 20 साल का डाटा एनॉलाइज करने के बाद यह सवाल कर रहे हैं। हमने PPF को ELSS के अगेंस्ट एनॉलाइज किया है और जो तस्वीर सामने आई है,वह बहुत से लोगों के लिए आंख खोलने वाली है।

हमने यह माना है कि PPF और ELSS में हर माह 12,500 रुपए यानी सालाना 1.5 लाख रुपए निवेश किया गया। यह निवेश 2001 की शुरूआत से और 2021 के अंत में किया गया। इस तरह प्रत्येक विकल्प में कुल 30 लाख रुपए निवेश किए गए। बराबरी के लिए हमने इस अवधि का ELSS कैटेगरी का औसत रिटर्न और PPF का वास्तविक रिटर्न लिया है।

PPF में कुल निवेश बढ़ कर लगभग 74 लाख रुपए हो गया जबकि समान अवधि में ELSS फंड में निवेश बढ़ कर 2 करोड़ रुपए हो गया होता। PPF से 2.75 गुना ज्यादा। ELSS पर पोस्ट टैक्स रिटर्न थोड़ा कम होगा लेकिन तब भी इसका रिटर्न PPF से काफी अधिक है।

PPF में निवेश करके कितना गंवाया

इसके अलावा ELSS का एक और फायदा है। यह नए निवेशकों को इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का शानदार अनुभव मुहैया कराता है। आप टैक्स बचाने के मकसद से इन फंड में निवेश करते हैं और इसका लॉक इन पीरियड सबसे छोटा है। हालांकि तीन साल का लॉक इन पीरियड यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक को अच्छा रिटर्न मिले। इस अनुभव की वजह से बहुत से निवेशक टैक्स बचाने की जरूरतों के अलावा भी इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और पूरी जिंदगी के लिए निवेशक बन जाते हैं। और जब आपको लंबी अवधि के इक्विटी रिटर्न का स्वाद मिल जाता है तो आप दूसरे तरह के इक्विटी निवेश में भी खुद को आजमाने के लिए तैयार पाते हैं।

एक अच्छा टैक्स सेविंग निवेश निवेश पहले होना चाहिए और टैक्स बचाने वाला बाद में। ज्यादातर लोगों के लिए टैक्स बचाने के लिहाज से सबसे अच्छा निवेश ELSS फंड है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सैलरी क्लास के ज्यादातर लोग पीएफ में कंट्रीब्यूट करते हैं इस तरह से उनके निवेश का एक हिस्सा फिक्स्ड इनकम में जा रहा है जिस पर उनको टैक्स छूट भी मिलती है और 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए की लिमिट के बचे हुए हिस्से के लिए इक्विटी बेहतर है। ऐसे में आपको कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर ELSS में निवेश पर विचार करना चाहिए।


टॉप पिक

फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड या फ़ोकस्ड फ़ंड: क्या बेस्ट है आपके निवेश के लिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

क्या आप अपना निवेश ख़ुद करने वालों में से हैं?

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड इस समय महंगे हैं. गोल्ड में निवेश के दूसरे तरीक़े क्या हैं?

पढ़ने का समय 5 मिनटAbhishek Rana

Stock Rating Update: 20 स्टॉक जो अब बेहद सस्ते हैं

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

प्रॉपर्टी बेचने पर मिले ₹1.5 करोड़ कहां निवेश करूं?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

AI तो है, पर AI नहीं

ऑटोमेटेड, मशीन से मिलने वाली फ़ाइनेंस पर सलाह कैसी होनी चाहिए.

दूसरी कैटेगरी