बफ़ेट कहते हैं
मैंने हमेशा वही काम किया है जो मैं पसंद करता हूं। मैं तब भी उतना ही पसंद करता था, जब ये सोचता था कि $1,000 बहुत बड़ी बात है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आप वही काम करें जो आप पसंद करते हों। मुझे लगता है कि ये नासमझी होगी अगर आप ऐसे काम करते रहें, जो आपको नहीं तो पसंद नहीं हैं, पर आपके बायोडेटा में अच्छे लगेंगे।
लेक्चर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ़्लोरिडा बिज़नस स्कूल, 1998
मुझे लगता है आप जो कुछ भी पढ़ सकते हैं, वो आपको पढ़ना चाहिए। अगर मैं अपनी बात करूं तोदस साल की उम्र तक मैंने ओमाहा लाइब्रेरी में रखी, निवेश पर सारी क़िताबें पढ़ ली थीं। जिनमें से कुछ को तो दो बार पढ़ा। आपके दिमाग़ में अलग-अलग तरह के विचार होने चाहिए, और जो विचार बेहतर हो उसी के आधार पर आपको फ़ैसला लेना चाहिए। फ़ैसले के बाद, आपको पानी में ख़ुद ही कूदना होगा, और निवेश का ये काम आप थोड़े से पैसो से अपने-आप करना शुरु करें। पेपर पर निवेश करना एक रोमांस का नॉवल पढ़ने के अलावा और कुछ नहीं है। अगर आप निवेश करना शुरु करते हैं तो आपको जल्द ही पता चल जाएगा कि ये आपको पसंद आ रहा है या नहीं। इसे जितना जल्दी शुरु करेंगे, उतना ही बेहतर होगा।
सालाना मीटिंग नोट, 2007
ये (ग़ैर-बीमा) कंपनियों का ग्रुप, लॉलीपॉप से लेकर जेट एरोप्लेन तक बेचता है। इनमें से कुछ बिज़नस तो ऐसे हैं जिनकी वित्तीय स्थिति शानदार है। मगर इनमें से कुछ का रिटर्न बहुत ही ख़राब है, जिसकी वजह, वो बड़ी ग़लतियां जो मैंने पूंजी को लगाने में की हैं। ये ग़लतियां इसलिए हुईं क्योंकि या तो मैंने ख़रीदे जाने वाले बिज़नस की क्षमता प्रतिद्वंदियों को पछाड़ने की क्षमता का सही अंदाज़ा नहीं लगा पाया, या जिस इंडस्ट्री का वो बिज़नस है, उस इंडस्ट्री के भविष्य की वत्तीय व्यवस्था का सही आकलना नहीं कर पाया।
जब मैं कोई बिज़नस ख़रीदता हूं, तो मैं दस या बीस साल के अर्से को नज़र में रखता हूं, मगर कई बार मैं ठीक से समझ नहीं पाया। चार्ली इसमें बेहतर रहे; उन्होंने मेरे कई ग़लत ख़रीद के फ़ैसलों पर बस अपनी 'मौजूदगी' जताने से जितना ही वोट किया।
सालाना पत्र, 2011
एक बात मैं कहना चाहूंगा, कि सबसे बुरा निवेश अगर कोई हो सकता है, तो वो है कैश। हर कोई कहता है कि कैश किंग होता है। कैश समय के साथ बेकार हो जाएगा। मगर अच्छे बिज़नस वक़्त के साथ और क़ीमती वाले होते जाते हैं।
बफ़ेट और गेट कोलंबिया बिज़नस स्कूल, 2009
ये स्टोरी पहली बार जून 2015 में प्रकाशित की गई है।
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