बफ़ेट अपने स्टॉक के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए, कुछ बहुत साधारण से स्टेप गिनवाते हैं और कहते हैं,
"हम जल्दी निर्णय लेते हैं क्योंकि हमारे पास निर्णय पर पहुंचने से पहले ही फ़िल्टर मौजूद रहते हैं।"
1. क्या हम इस बिज़नस को समझ सकते हैं? ये 10-20 साल में कैसा दिखाई देगा? अब आप इंटल बनाम च्वुइंग गम, या टॉयलेट पेपर की बात को ले लीजिए। हम अपनी जानकारी के दायरे में ही निवेश करते हैं।
2. क्या बिज़नस में दोहरा प्रतिस्पर्धात्मक फ़ायदा (dual competitive advantage) है? यही वजह है कि मैं एक हूला-हूप (hula hoop) या रियूबिक्स क्यूब (Rubik’s cube) कंपनी को नहीं ख़रीदूंगा। मैं सॉफ़्ट ड्रिंक और च्युइंग गम ख़रीदूंगा। इसीलिए मैंने जिलेट और कोक ख़रीदे।
3. क्या आपके पास मैनेजमेंट है जिसपर आप भरोसा करते हैं?
4. क्या प्राइस मार्केट का कोई सिर-पैर है?
अपने आप से ये सवाल पूछिए कि पिछली बार आपने स्टॉक देखा हो, और सोचा हो कि दस साल बाद ये कहां होगा, या आप इस स्टॉक को अगर आप पहले ही बेचते नहीं हैं, तो कम-से-कम पांच साल के लिए अपने पास रखना चाहेंगे। बहुत कम ही लोग इतनी आगे की बात सोचते हैं क्योंकि इसके लिए एक ख़ास तरह की समझ की ज़रूरत होती है, जो बहुत से लोग हासिल ही नहीं करते। बफ़ेट इस क़मज़ोरी से उबरने के लिए खूब पढ़ने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, इंडस्ट्री से जुड़े जितने ज़्यादा लोगों से बात हो सके तो ये उनके काम को जानने के क्रैश कोर्स की तरह होगा। यही तरीक़ा अगर पूरी लगन से हर स्टॉक के निवेश पर लागू किया जाता है, तो ये आपके निवेश के रिटर्न को बहुत ज़्यादा बढ़ा सकता है।
बफ़ेट कहते हैं
मैं निवेश को दुनिया का सबसे महान बिज़नस कहता हूं, क्योंकि इस बेसबॉल के खेल में आपको कभी बल्ला नहीं घुमाना पड़ता। आप हमेशा प्लेट पर ही खड़े रहते हैं। पिचर आपको 47 की की स्पीड से जनरल मोटर्स फेंकता है! यू.ए. स्टील 39 की स्पीड से आपकी तरफ़ आता है! और इसके बावजूद कोई भी आपको स्ट्राइक आउट नहीं करता। इसमें कोई पेनल्टी नहीं है, सिवाय मौक़े को गंवाने के। हर दिन आप उस पिच का इंतज़ार करते हैं जिसे आप पसंद करते हैं; और जब फ़ील्डर सो रहे होते हैं, तो आप आगे बढ़ते हैं और ज़ोरदार हिट कर देते हैं।
फ़ोर्ब्स 1974
मैं तब तक नहीं ख़रीदूंगा जब तक मुझे एक सिंपल बिज़नस न मिले, जिसे समझना आसान हो, जिसका मौजूदा इकोनॉमिक्स बढ़िया हो, उसे चलाने वाला ईमानदार और क़ाबिल मैनेजमेंट हो, और मुझे ये बात साफ़ नज़र आए कि वो अब से दस साल बाद कहां होंगे। अगर मैं ये नहीं समझ पा रहा कि वो दस साल बाद कहां होंगे, तो मैं उसे नहीं ख़रीदूंगा। बुनियादी तौर पर, मैं उस स्टॉक को नहीं ख़रीदूंगा जिसे - अगर कल एनवाईएससी (NYSE) अगले पांच साल के लिए बंद हो जाए तो - मैं उसे पूरे पांच साल खुशी-खुशी नहीं रखना चाहूंगा। लोग स्टॉक ख़रीदते हैं और अगली ही सुबह उसका दाम देखना शुरु हो जाते हैं और वो ये तय कर रहे होते हैं कि उनका निवेश अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नहीं। ये पागलपन है। वो बिज़नस का एक हिस्सा ख़रीद रहे हैं। यही सबसे बुनियादी बात है जिसे ग्राहम ने मुझे सिखाया। तुम स्टॉक नहीं ख़रीद रहे हो, तुम बिज़नस में हिस्सेदारी ख़रीद रहे हो। अगर तुमने बिल्कुल ग़लत तरह का दाम नहीं अगा किया है तो, जैसे-जैसे बिज़नस अच्छा प्रदर्शन करता है, तुम भी बेहतर ही करोगे। ये सब कुछ इसी के बारे में है।
फ़्लोरिडा बिज़नस स्कूल यूनिवर्सिटी का लेक्चर, 1998
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