दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।
अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥
‘राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए।’
(महाभारत, शांति पर्व अध्याय, 72, श्लोक 11)
- निर्मला सीतारमन, यूनियन बजट, 2022
“आस्था वो पक्षी है जो भोर के अँधेरे में भी उजाला महसूस करता है।”
(रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा ‘जुगनू: नीतिवचन, सूत्र और कहावतों का संग्रह')
- निर्मला सीतारमन, यूनियन बजट, 2021
यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी लेकर चिराग़ जलता है।
- निर्मला सीतारमन, यूनियन बजट, 2019
इस मोड़ पे घबरा के न थम जाइए आप
जो बात नई है उसे अपनाइए आप
डरते हैं नई राह पे क्यों चलने से
हम आगे आगे चलते हैं आ जाईए आप
- अरुण जेटली, यूनियन बजट, 2017
नई दुनिया है, नया दौर है, नई उमंग
कुछ थे पहले के तरीक़े, तो हैं कुछ आज के ढ़ंग
रोशनी आ के अंधेरों से जो टकराई है
काले धन को भी बदलना पड़ा आज अपना रंग
- अरुण जेटली, यूनियन बजट, 2017
कश्ती चलाने वालों ने
जब हार के दी पतवार हमें
लहर लेकर तूफ़ान मिले
और मोड़ मौज मझधार हमें
फिर भी दिखाया है हमने
और फिर ये दिखा देंगे सबको
कि इन हालात में आते हैं
दरिया करना पार हमें
- अरुण जेटली, यूनियन बजट, 2017
कुछ तो फूल खिलाए हमने
और कुछ फूल खिलाने हैं
मुश्किल ये है बाग़ में अब तक
कांटे कई पुराने हैं
- अरुण जेटली, यूनियन बजट, 2017
हे प्रभु, ये काम कैसे होगा?
- सुरेश प्रभु, रेल बजट, 2015
हे प्रभु, ये काम कैसे होगा?
- सुरेश प्रभु, रेल बजट, 2015
मुझे दयावान होने के लिए क्रूर होना होगा।
- प्रणव मुखर्जी, यूनियन बजच, 2012
हम आह भी करते हैं, तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं, तो चर्चा नहीं होता।
- ममता बनर्जी, रेल बजट, 2011
जहां, पिछले साल जैसे, मैं भगवान इंद्र से आशिर्वाद मांगता हूं कि वो समय पर और अच्छी मानसून लाने की कृपा करें, मैं देवी लक्ष्मी से भी प्रार्थना करता हूं। अपने रिस्क को ज़्यादा से ज़्यादा डाईवर्सिफ़ाई करना अच्छी नीति है।
- प्रणव मुखर्जी, यूनियन बजट, 2011
अगर आपने हवा में महल बनाए हैं, तो ज़रूरी नहीं कि आपका काम बेकार गया; उन्हें वहीं रहना चाहिए। अब उनके नीचे नींव डालिए।
- पी. चिदंबरम, यूनियन बजट, 2008
अगर हल चलाने वाला अपने हाथ जोड़े रहें, तो संन्यासी होने का दावा करने वाले भी मोक्ष नहीं पा सकते।
- पी. चिदंबरम, यूनियन बजट, 2008
इन्कम टैक्स समझना दुनिया की सबसे मुश्किल चीज़ है।
- जसवंत सिंह, यूनियन बजट, 2003
यूनान-ओ-मिस्त्र-ओ-रोमा, सब मिट गए जहां से
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशां हमारा
- मनमोहन सिंह, यूनियन बजट, 1991