हर कोई 2025 का स्वागत कर रहा है, और साथ ही अपने मन में एक ही सवाल ख़ुद से पूछ रहा है: "मैं इस साल और ज़्यादा पैसे कैसे कमा सकता हूं या बना सकता हूं या बढ़ा सकता हूं?" पूंजी बनाने के अपने प्लान को सुपरचार्ज करने के पांच असरदार नियम पर यहां चर्चा करते हैं, ताकि आप, सिर्फ़ इसी साल नहीं, बल्क़ि आने वाले कई सालों में भी अपनी पूंजी लगातार बढ़ाते रहें. तो शुरुआत करते हैं सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की बात से...
1. SIP की शुरुआत करें और आगे बढ़ें
अगर आपको लगता है कि पैसे बनाने का कोई जादुई तरीक़ा है, तो उस जादू का नाम होगा SIP यानि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. इसके ज़रिए लगातार निवेश करके आप बाज़ार में निवेश कर सकते हैं और बाज़ार के उतार-चढ़ावों के बुरे असर से काफ़ी हद तक से बचे भी रह सकते हैं.
मान लीजिए, आपने एक फ़्लेक्सी कैप म्यूचुअल फ़ंड में ₹10,000 महीने का निवेश किया. पांच साल में ये पैसा ₹9.6 लाख हो सकता है और 20 साल में ₹1.1 करोड़ तक पहुंच सकता है. पर अगर, आप SIP को हर साल 10% बढ़ाते रहते हैं, तो 20 साल में अपने निवेश में आपको ₹2.2 करोड़ देखने को मिल सकते हैं.
यानि, जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, उतना ही कम निवेश में ज़्यादा पैसा बनाएंगे और कंपाउंडिंग का जादू आपके लिए उतने ही बेहतर तरीक़े से काम करेगा.
2. लक्ष्य की अवधि के अनुसार निवेश तय करें
निवेश करने से पहले, अपने निवेश के लक्ष्य को अच्छी तरह से समझें. इससे आप आसानी से तय कर पाएंगे कि कितना रिस्क लेना है और फिर उसी हिसाब से फ़ंड का चुनाव करके निवेश करेंगे.
- लॉन्ग टर्म गोल (5+ साल): जितना ज़्यादा समय होगा उतना ही ज़्यादा इक्विटी निवेश आपके पास होगा. कंज़ंरवेटिव निवेशक 70:30 या 75:25 इक्विटी से डेट में एलोकेशन कर सकते हैं पर अनुभवी निवेशक बाज़ार के उतार-चढ़ाव की परवाह किए बग़ैर 100% इक्विटी में निवेश कर सकते हैं.
- मीडियम टर्म गोल (3-5 साल): इक्विटी और फ़िक्स्ड इनकम का मेल रिस्क को बैलेंस करते हुए ग्रोथ दे सकता है. कंज़ंरवेटिव निवेशक पूरी तरह से फ़िक्स्ड इनकम एलोकेशन का विकल्प चुन सकते हैं. लेकिन निवेश की अवधि अगर बहुत फ़िक्स नहीं है और उसे कुछ आगे पीछे किया जा सकता है तो आपके इस निवेश का कुछ हिस्सा इक्विटी का हो सकता है.
- शॉर्ट टर्म गोल (3 साल से कम): रिस्क को कम करने के लिए ख़ासतौर से डेट (Debt) या फ़िक्स्ड डिपॉज़िट जैसे फ़िक्स्ड-इनकम वाले निवेशों में रखें. इक्विटी एक्सपोज़र से बचें क्योंकि कम समय में बाज़ार के उतार-चढ़ाव से रिटर्न में काफ़ी असर पड़ सकता है. अपने लक्ष्यों के मुताबिक़ निवेश करें और आपने ट्रैक पर बने रहें. अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने पर ज़्यादा ध्यान दें और फ़िज़ूल के रिस्क लेने से बचें.
ध्यान रखें, जितना ज़्यादा समय उतना बढ़िया रिटर्न और जितनी कम अवधि उतना ज़्यादा सुरक्षित निवेश होना चाहिए.
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3. इंश्योरेंस के साथ अपने पैसों की सुरक्षा
बस पैसों को बढ़ाना ही नहीं, उन्हें सुरक्षित रखना भी ज़रूरी है.
- लाइफ़ इंश्योरेंस: एक प्योर टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान से ये पक्का हो जाता है इमरजेंसी के मामले में आपके प्रियजनों का फ़ाइनेंशियल भविष्य सुरक्षित रहे. ऐसा कवरेज लें जो आपकी सालाना इनकम का कम से कम 10-15 गुना हो.
यहां बताया जा रहा है कि आमतौर पर एक टर्म प्लान की लागत कितनी होती है. 30 साल का व्यक्ति जो धूम्रपान नहीं करता उसके लिए ₹1 करोड़ की पॉलिसी का सालाना प्रीमियम लगभग ₹11,000 से ₹13,000 सालाना है, जो इसे किफ़ायती और ज़रूरी दोनों बनाता है. - हेल्थ इंश्योरेंस: मेडिकल इमरजेंसी आपके सभी फ़ाइनेंशियल प्लान को बिगाड़ सकती है. परिवार के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस चाहिए, जो आपको इमरजेंसी के दौरान सुरक्षा दे. परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेहद ज़रूरी है और ये मेडिकल सर्विस के लंबे-चौड़े ख़र्च ख़िलाफ़ एक ढाल का काम करता है.
इंश्योरेंस को अपने फाइनेंशियल प्लान की नींव मानें ताक़ि, आपकी मेहनत की कमाई और निवेश की पूंजी सुरक्षित रहे.
4. नए-नए ट्रेंड्स के पीछे न भागें, निवेश में स्थिरता बनाने पर फ़ोकस करें
हर साल, कोई न कोई नया ट्रेंड आता है जैसे क्रिप्टो या NFTs, जो आपको जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाते हैं. लेकिन डेटा पर ग़ौर करें तो म्यूचुअल फ़ंड्स जैसे पारंपरिक विकल्प समय के साथ ज्यादा अच्छा रिटर्न देते हैं.
बीते 15 साल में, डाइवर्सिफ़ाइड इक्विटी (फ़्लेक्सी-कैप) म्यूचुअल फ़ंड ने बाज़ार में कई बार करेक्शन होने के बावजूद औसतन 13% से ज़्यादा का सालाना रिटर्न दिया है.
कुल मिलाकर जल्दी अमीर बनने की प्लान सिर्फ़ जल्दी ग़रीब बनने की कहानी बदल सकता है. तो, ध्यान रखें कि ट्रेंड पर नहीं बल्कि स्थिरता पर फ़ोकस बना रहे.
5. निवेश को ऑटोमेट करें और समय-समय पर चेक करें.
स्मार्ट निवेश वो नहीं, जो एक बार कर दिया और भूल गए. SIP शुरू करें, ताक़ि आपका पैसा बिना किसी रुकावट के बढ़े. और साथ ही, साल में एक बार अपने अपने पोर्टफ़ोलियो को चेक ज़रूर करें. ऑटोमेटेड निवेश से ये पक्का हो जाता है कि SIP की कोई भी किश्त न चूकने पाए. और कंपाउंडिंग का जादू चलता रहे.
निवेश का सबसे बड़ा मंत्र है: "ज़रूरत पड़ने पर बदलाव करें". जैसे-जैसे आप अपने गोल के क़रीब आते हैं, इक्विटी को डेट (Debt) में बदलें. जिससे आपका पोर्टफ़ोलियो शॉर्ट टर्म के उतार-चढ़ाव से बचा रहे.
2025 में पैसे बनाना: क्या ये हमेशा रहने वाली आदत है?
वेल्थ बनने का मतलब ये नहीं है कि ज़्यादा पैसे कैसे कमाए, बल्क़ि ये ऐसी आदत बनाने के बारे में है जो साल दर साल काम करती रहे.
सिर्फ़ 2025 ही नहीं, हर साल सही प्लान के साथ अपने पैसे को बढ़ाएं, फिर चाहे 2025 हो, 2030 हो या 2040 सिद्धांत वही रहेंगे. हर क़दम पर सुधार करें, और इंश्योरेंस के साथ सुरक्षा को न भूलें. और अपने प्लान पर टिके रहें.
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