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एक साल और ख़त्म हुआ और एक साल और शुरू हो गया. उबासी. ये साल का वो समय है जब बिज़नस चैनल 72,000 से 79,000 तक के सेंसेक्स के सफ़र का विश्लेषण करने वाले लोगों से भरे पड़े हैं. जुलाई से शानदार रैली देखिए! ओह, लेकिन नवंबर की गिरावट का क्या? स्मॉल कैप बहुत ज़्यादा गर्म हैं! नहीं-नहीं, रुकिए, ये तो उनकी बस शुरुआत है! हमेशा की तरह, हर किसी की हर चीज़ को लेकर एक राय होती है, ख़ासकर इस बारे में कि 2025 क्या गुल खिलाएगा.
इस साल जो बात ख़ासतौर पर मनोरंजक है, वो ये कि बाज़ार के एक्सपर्ट बता रहे हैं कि उन्हें 'हमेशा से पता था' सेंसेक्स 2024 में 79,000 के क़रीब होगा. जब बाज़ार पहली तिमाही में 72,000 के आसपास मंडरा रहा था, तब वही एक्सपर्ट वैश्विक मंदी के डर से सिर थामे बैठे थे. वही लोग जो सितंबर में 85,000 के शिखर पर बहुत ज़्यादा तेज़ी छलांगें मारते बढ़ रहे थे, वे अक्टूबर में बाज़ार की गिरावट के वक़्त चौकन्ने हो गए थे. अब यही लोग, साल के अंत का ज्ञान बघारने वापस लौटे हैं, और आत्मविश्वास से लबरेज़ होकर आपको बता रहे हैं कि 2025 में क्या-क्या होगा.
क्या आपको 2024 की शुरुआत याद है? हमें हर चीज़ को लेकर चिंतित होना चाहिए था—चीन का प्रॉपर्टी क्राइसिस, चुनाव, यूरोप में युद्ध, वैश्विक ब्याज दरें, तेल की क़ीमतें और इसके अलावा भी बहुत कुछ. मगर फिर भी हम यहां खड़े हैं, और सेंसेक्स इस साल क़रीब 9% ऊपर है. ये 2023 जितना शानदार नहीं है, लेकिन सभी बातों को देखते हुए पूरी तरह से सम्मानजनक है. इससे भी बड़ी बात ये है कि जो निवेशक उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश में बने रहे, उन्होंने काफ़ी बढ़िया किया है.
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बाज़ार की भविष्यवाणियों की दिलचस्प बात उनका कम सटीक होना नहीं बल्कि ये है कि गंभीर निवेशक, जो लंबे समय का निवेश करते हैं उनके लिए ये भविष्यवाणियां कितना थोड़ा मायने रखती हैं. पिछले दशकों में भारतीय बाज़ारों में वैल्थ बनाने के बड़े मौक़ों के बारे में सोचिए. क्या किसी ने 2000 के दशक में हमारी आई.टी. सर्विस कंपनियों के बड़े पैमाने पर वैल्थ बनाने की भविष्यवाणी की थी? या निजी क्षेत्र के बैंकों के अद्भुत उदय की घोषणा की थी? या, हाल ही में, पुरानी अर्थव्यवस्था की कंपनियों का डिजिटल लीडर में बदलने पर कुछ कहा था?
लेकिन असल बात वो है जो ये भविष्यवाणी उद्योग आपको नहीं बताना चाहता: 2025 के लिए सबसे अच्छी निवेश रणनीति वही है जो 2024 या किसी दूसरे साल के लिए है. ये बात इस बारे में नहीं है कि कौन सा सेक्टर बेहतर प्रदर्शन करेगा या क्या मिड-कैप लार्ज-कैप को पछाड़ देगा. ये एक साफ़ और स्पष्ट फ़ाइनेंशियल प्लान बनाने के बारे में है जो आपके निवेश की अवधि से मेल खाता हो.
अगर आपको अगले कुछ साल में पैसों की ज़रूरत है - जैसे कि आपके बच्चे की शिक्षा या घर के डाउन पेमेंट के लिए - तो ये पैसा फ़िक्स्ड इनकम वाले निवेशों में होना चाहिए, फिर चाहे स्टॉक कुछ भी करें. अगर आपका लक्ष्य पांच साल से ज़्यादा दूर है, तो SIP के ज़रिए निवेश किए गए इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड का एक डाइवर्स पोर्टफ़ोलियो आपके लिए सबसे अच्छा दांव है. 2024 के किसी भी महीने में शुरू की गई SIP आपके ख़र्चों का औसत करते हुए, हाई और लो दोनों को पार कर जाएगी - ठीक वैसे ही जैसे कि इसे हमेशा करना चाहिए.
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साल के अंत में बाज़ार की भविष्यवाणियों का सबसे ख़तरनाक पहलू ये नहीं है कि वे ग़लत हो सकती हैं. इसके बजाय, ये है कि वे एक्सपर्ट होने का भ्रम पैदा करती हैं, जहां एक्सपर्ट होने जैसी बात ही नहीं होती, जिससे निवेशक अपने पोर्टफ़ोलियो में ग़ैर-ज़रूरी बदलाव कर बैठते हैं. 'जिन सेक्टरों से बचना है' या 'जिनसे बाहर निकलना है', इन सबकी भविष्यवाणी में एक अंतर्निहित लागत होती है, जो वास्तविक ख़र्च और अवसर लागत, दोनों के साथ-साथ भार के तौर पर भी मौजूद होती है.
जैसे-जैसे हम 2025 में प्रवेश कर रहे हैं, यहां एक सुझाव है: ये पता लगाने के बजाय कि क्या आई.टी. स्टॉक बैंकिंग स्टॉक से बेहतर प्रदर्शन करेंगे, अपने आर्थिक लक्ष्यों की समीक्षा करें. क्या आपकी बचत काफ़ी है? क्या आपके निवेश उस अवधि से मेल खाते हैं जो आपने तय की है? क्या आपका बीमा काफ़ी है और इंमरजेंसी के लिए आपने पैसा रख छोड़ा है? क्या आपकी SIP की रक़म आपकी आमदनी बढ़ने के साथ तालमेल बिठा रही है? ये सवाल इस बात से कहीं ज़्यादा मायने रखते हैं कि क्या सेंसेक्स 2025 में 90,000 पर पहुंचेगा.
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बेशक़, मुझे यहां विडंबना का एहसास है - इस शोर मैं भी एक आवाज़ हूं जो आपको बता रही है कि आने वाले साल में आपको अपने पैसों का क्या करना है. शायद आपको मेरे सुझावों पर उतना ही शक होना चाहिए जितना कि मैं दूसरे एक्सपर्ट की भविष्यवाणियों पर करता हूं. लेकिन एक महत्वपूर्ण अंतर है: मैं आपको ये नहीं बता रहा हूं कि बाज़ारों में क्या होगा (मुझे कोई जानकारी नहीं है!), मैं बस ये सुझाव दे रहा हूं कि आप उन लोगों को नज़रअंदाज़ करें जो दावा करते हैं कि उन्हें पता है. हालांकि मुझे लगता है कि ये भी एक तरह की भविष्यवाणी है... ख़ैर, यहां मेरी सलाह के लिए आपको कोई फ़ीस देने की ज़रूरत नहीं है.
कैलेंडर बदल जाएगा, लेकिन निवेश के सही सिद्धांत नहीं बदलेंगे. आप निवेश में बने रहें, डाइवर्सिफ़ाई रहें और अपनी लागत कम रखें. बाक़ी सब कुछ सिर्फ़ शोर है, भले ही वो एक्सपर्ट की टिप्पणी के तौर पर आप तक आए."
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