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तीन फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स ने ‘क्रैश’ को दिखाया ठेंगा!

दिलचस्प ये है कि तीनों फ़ंड ने गिरावट से बचने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाई

Flexi Cap funds: should I invest in this mutual category?AI-generated image

अक्तूबर महीने में शेयर मार्केट उथल-पुथल से भरा था और नवंबर भी कुछ ख़ास नहीं रहा. 26 सितंबर तक BSE 500 अपने टॉप से 10.3 फ़ीसदी गिर चुका है और इक्विटी निवेशक भारी नुक़सान में रहे हैं. अख़बार कि हेडलाइनें चीख़-चीख़ कर चेतावनियां सुना रही हैं और विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) अक्तूबर से अब तक मार्केट से ₹1.45 लाख करोड़ निकाल चुके हैं. कई लोगों को पुरानी नसीहत फिर याद आ गई है कि शेयर बाज़ार बेहद उतार-चढ़ाव भरे हो सकते हैं.

फिर भी, इस उतार-चढ़ाव के बीच कुछ फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड अलग ही दिखाई दिए - इसलिए नहीं कि उन्होंने अपने-आप को नुक़सान से पूरी तरह बचा लिया, बल्कि इसलिए कि उन्होंने इस गिरावट का सामना दूसरों से कहीं बेहतर किया. इससे भी दिलचस्प ये रहा कि इन फ़ंड्स (जिनमें से हेरक का कम-से-कम एक साल का रिकॉर्ड है) ने अपने निवेशकों के पैसों की सुरक्षा के लिए दिलचस्प रणनीतियों का इस्तेमाल किया.

फ़्लेक्सी-कैप के लीडर जो मज़बूती से टिके रहे

  • पराग पारिख फ़्लेक्सी कैप फ़ंड: -4.31 फ़ीसदी
  • हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड: -6.12 फ़ीसदी
  • HSBC फ़ोकस्ड फ़ंड: -6.54 फ़ीसदी

नोट: 26 सितंबर से 17 नवंबर 2024 तक डायरेक्ट प्लान के रिटर्न.

पराग पारिख फ़्लेक्सी कैप फ़ंड

पराग पारिख फ़्लेक्सी कैप फ़ंड की एसेट वैल्यू ₹82,000 करोड़ से ज़्यादा हैं (कैटेगरी की कुल वैल्यू का 14%). इस फ़ंड को लंबे समय से मार्केट में एक स्थिर फ़ंड माना जाता है.

इस फ़ंड का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है, जिसने पांच साल की किसी भी अवधि में अपने बेंचमार्क से 100 फ़ीसदी बेहतर नतीजे दिए हैं. अकेले 2024 में निवेशकों ने मज़बूत भरोसा जताते हुए इसमें ₹18,140 करोड़ निवेश किए.

एक बात जो इस फ़ंड को दूसरों से अलग करती है, वो ये कि ये सतर्क नज़रिए के साथ-साथ और ग्रोथ लाने की कोशिश करता है. ये फ़ंड मुख्य रूप से लार्ज-कैप स्टॉक (90%) में निवेश करता है और इसकी रणनीति वैल्यू पर आधारित है. इसका P/E रेशियो 17.57 है, जबकि कैटेगरी का औसत 28.31 है.

दूसरी अहम बात ये है कि इस फ़ंड के पास अंतरराष्ट्रीय मार्केट में निवेश का बढ़िया ट्रैक रिकॉर्ड है, जो इसके नज़रिए को बयान करता है.

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तीसरी, बात ये है कि इस समय इसके पास कैश और कैश जैसी 20.5 फ़ीसदी की अच्छी धनराशि है, जिसने इसे मार्केट में आई हालिया उथल-पुथल से निपटने में मदद की है. चूंकि फ़ंड एक वैल्यू इंवेस्टमेंट रणनीति का पालन करता है, इसलिए ये सिर्फ़ तभी निवेश करता है जब इसे वैल्यू पाने के मौक़े मिलते हैं; इस वज़ह से सही निवेश के मौक़े न होने पर मोटा कैश रखने का इसका रिकॉर्ड बरक़रार है.

इसके फ़ंड मैनेजर राजीव ठक्कर ने हमेशा सतर्क नज़रिया बनाए रखने पर ज़ोर दिया है. उनका कहना है कि वे निवेश से पहले आकर्षक मौक़ों का इंतज़ार करना पसंद करते हैं. हाल ही के एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि वे लंबे समय के लिए अच्छा निवेश करने के बाद शॉर्ट-टर्म के "कमज़ोर प्रदर्शन से खुश हैं". ये अनुशासित नज़रिया, फ़ंड की वैल्यू इंवेस्टमेंट वाली फ़िलॉसफ़ी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता दिखाता है.

हालिया डेटा बताता है कि फ़ंड का "हिट रेट" (इंडेक्स से बेहतर करने वाले शेयरों का प्रतिशत) 55 फ़ीसदी रहा है. इसके बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयरों ने इंडेक्स की तुलना में 4.5 फ़ीसदी ज़्यादा रिटर्न दिया, जबकि बाक़ी 45 फ़ीसदी शेयरों ने इंडेक्स की तुलना में सिर्फ़ 3.5 फ़ीसदी की गिरावट के साथ कमज़ोर प्रदर्शन किया.

फ़ंड की बाज़ी जीतने वाली टॉप-10 होल्डिंग ने 2.6 प्रतिशत के औसत अंतर से बेहतर प्रदर्शन किया. कुछ बड़े विजेताओं में मेटा (Meta) और गूगल (Google) शामिल रहे (नेट एसेट में दोनों की 3% से ज़्यादा हिस्सेदारी है). इन्होंने क्रमशः 10 और 7 फ़ीसदी बेहतर प्रदर्शन किया.

डॉमेस्टिक होल्डिंग में, HCL टेक्नोलॉजीज़ ने सबसे अच्छा किया और इंडेक्स को 5.6 फ़ीसदी से पछाड़ा.

हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड

नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया ये फ़ंड पहले ही धूम मचा रहा है -- एक साल के अंदर इसकी कुल एसेट वैल्यू ₹2,145 करोड़ हो गई है (94 फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स में 43वां सबसे बड़ा फ़ंड). इसने अपने पहले साल में ही 10 फ़ीसदी का तगड़ा अल्फ़ा दिया, जो किसी नए फ़ंड के लिए बड़ी उपलब्धि है (आज तक का ऐसा 12वां फ़ंड बना जो ऐसी क़ामयाबी हासिल कर पाया है).

ये फ़ंड ब्लेंडेड इंवेस्टमेंट (मिलेजुले) करता है. इसका P/E 29.85 है, जो कैटेगरी औसत (28.31) से कुछ ऊपर है. जो चीज़ हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड को दूसरों से अलग करती है, वो इसकी अनूठी एलोकेशन स्ट्रैटजी है. अक्टूबर 2024 का डेटा बताता है कि इसके पैसों का पांचवां हिस्सा उन स्टॉक में है जो काफ़ी कम डायवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो में शामिल हैं.

हेलिओस फ़्लेक्सी कैप के कुछ स्टॉक इस तरह से हैं:

पिछले दो महीनों में फ़ंड ने 52 फ़ीसदी हिट रेट दिया, जिसमें इसके हिट रहने वाले शेयरों ने इंडेक्स से 5 फ़ीसदी बेहतर औसत रिटर्न दिया.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज़, वन 97 कम्युनिकेशंस (Paytm) और पीरामल फ़ार्मा (जिनमें से हरेक के कुल एसेट में कम-से-कम 2% हिस्सेदारी है) ने क्रमशः 16, 14 और 7 फ़ीसदी का अल्फ़ा दिया.

टॉप-10 सबसे अच्छे नतीजे देने वाले निवेशों (एसेट एलोकेशन के आधार पर) ने 3.8 फ़ीसदी औसत से इंडेक्स से बेहतर किया.

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HSBC फ़ोकस्ड फ़ंड

इस फ़ंड को जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया. HSBC फ़ोकस्ड फ़ंड 31.6 के अपेक्षाकृत ज़्यादा P/E के साथ ग्रोथ वाला नज़रिया अपनाता है. इसका मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों की ओर काफ़ी झुकाव है, जो इसके पोर्टफ़ोलियो का 54 फ़ीसदी हिस्सा हैं.

पिछले रिकॉर्ड देखें, तो फ़ंड का ज़्यादा एग्रेसिव झुकाव 'कम हिट और ज़्यादा मिस' वाला रहा है. ये अपने लांच होने के बाद से जूझ रहा है, और इसने किसी भी तीन साल के दौरान सिर्फ़ 7 फ़ीसदी ही BSE 500 से बेहतर प्रदर्शन किया.

हालांकि, इस बार फ़ंड ज़्यादा टिकाऊ साबित हुआ. अक्टूबर 2024 के डेटा के आधार पर, इसके आधे से थोड़ा ज़्यादा पोर्टफ़ोलियो ने बेंचमार्क को औसतन 7 फ़ीसदी से पछाड़ा.

इसके टॉप-10 विजेता शेयरों ने 4.8 फ़ीसदी से बेहतर प्रदर्शन किया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया , रेनबो चिल्ड्रेंस मेडिकेयर और व्हर्लपूल ऑफ़ इंडिया ने क्रमशः 17, 10 और 10 फ़ीसदी का अल्फा दिया.

इन धुरंधर फ़्लेक्सी कैप का निवेशकों के लिए क्या मतलब है?

मार्केट के उतार-चढ़ाव, निवेश रणनीतियों को परखने की एक कसौटी हैं, जो बताते हैं कि फ़ंड मैनेजर रिस्क और रिवॉर्ड को कैसे बैलेंस करते हैं.

ध्यान रखें, हमारे अनालिसिस सिर्फ़ पिछले दो महीनों में इन फ़ंड के प्रदर्शन और इनकी हालिया होल्डिंग पर आधारित हैं. इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि ये फ़ंड मंदी के दौरान कम गिरते हैं या ये मार्केट की उथल-पुथल में रहते हैं.

किसी भी फ़ंड का छोटे अर्से का प्रदर्शन उसके मैनेजमेंट स्टाइल की जानकारी दे सकता है, लेकिन ये इसकी क्वालिटी तय करने का इकलौता तरीक़ा नहीं समझा जाना चाहिए.

एक व्यापक मूल्यांकन के लिए, फ़ंड के मैनेजर की योग्यता का सही-सही पता लगाने के लिए मार्केट के कई साइकिल में फ़ंड का अनालिसिस करना ज़रूरी है.

हमेशा की तरह, सफल निवेश की चाभी, उसके अपने नज़रिए पर टिके रहने और लॉन्ग-टर्म पर फ़ोकस करने में है. शॉर्ट-टर्म के उतार-चढ़ाव पर प्रतिक्रिया देने से अक्सर फ़ायदा कम और नुक़सान ज़्यादा होता है.

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