Garuda Construction and Engineering IPO: गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग का IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 08 अक्तूबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. इसकी आख़िरी तारीख़ 10 अक्तूबर 2024 है.
निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
Garuda Construction and Engineering IPO: संक्षेप में
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क्वालिटी:
FY2022 और 2024 के बीच,कंपनी ने लगभग 53 फ़ीसदी का एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE)
दर्ज़ किया.
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ग्रोथ:
FY22-24 के दौरान, कंपनी का रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट क्रमशः 42 और 39 फ़ीसदी सालाना बढ़ा.
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वैल्यूएशन:
IPO के बाद, कंपनी का स्टॉक क्रमशः 24 और 3 गुना के
P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो)
और
P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो)
पर कारोबार करेगा.
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मार्केट में कंपनी की स्थिति:
इंफ़्रास्ट्रक्चर पर सरकार के बढ़ते ख़र्च और घरेलू कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ से कंपनी को फ़ायदा होने की उम्मीद है. हालांकि, कंस्ट्रक्शन सेक्टर की साइक्लिक प्रकृति और इसके लंबे समय तक ख़राब प्रदर्शन वाले जोख़िम से कंपनी की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.
ध्यान दें कि गरुड़ कंस्ट्रक्शन की पैरेंट कंपनी PKH वेंचर्स ने पिछले साल जून 2023 में अपना असफल IPO जारी किया था, जिसे वैल्यूएशन संबंधी दिक़्क़तों की वजह से कम सब्सक्रिप्शन के कारण रद्द कर दिया गया था. इसे केवल 65 फ़ीसदी ही सब्सक्राइब किया गया था. PKH वेंचर्स अब गरुड़ के IPO के माध्यम से 30 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेच रही है.
Garuda Construction and Engineering के बारे में
गरुड़ कंस्ट्रक्शन कंपनी रेज़िडेंशियल, कमर्शियल, इंफ़्रास्ट्रक्चर, और इंडस्ट्रियल प्रॉजेक्ट के लिए कंस्ट्रक्शन सर्विस देती है. कंपनी ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस (O&M) और मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग (MEP) सर्विस भी मुहैया कराती है. FY24 तक, इसके रेवेन्यू का 90 फ़ीसदी हिस्सा इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन (EPC) कॉन्ट्रेक्ट से मिलता था.
ताक़त
- मज़बूत ऑर्डर बुक: ₹1,400 करोड़ के कॉन्ट्रेक्ट वाली इस कंपनी की ऑर्डर बुक इसके FY24 के रेवेन्यू से नौ गुना ज़्यादा है, जिससे मज़बूत टॉपलाइन विज़िबिलिटी मिलती है.
कमज़ोरियां
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क्लाइंट कॉन्सेंट्रेशन:
कंपनी ने FY24 और FY23 में अपने टॉप 5 क्लाइंट से क्रमशः 80 और 96 फ़ीसदी रेवेन्यू कमाया.
- ज़्यादा रिसीवेबल और डेटर डेज़ (दिन): कंपनी के डेटर डेज़ FY22 में 143 से बढ़कर FY24 में 417 हो गए हैं, जिसका मतलब है कि कंपनी को अपने देनदारों से पेमेंट लेने में एक साल से ज़्यादा का समय लगता है. नतीजतन, इसका नेट प्रॉफ़िट, ऑपरेटिंग कैश फ़्लो में तब्दील नहीं हो रहा है, क्योंकि ज़्यादातर कैश रिसीवेबल अकाउंट में फंसा हुआ है.
Garuda Construction and Engineering IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 264 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 90 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 174 |
प्राइस बैंड (₹) | 92-95 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 08-10 अक्टूबर, 2024 |
उद्देश्य | वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों और इनऑर्गेनिक एक्सपेंशन की फ़ंडिंग करने के लिए |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 884 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 296 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 67.56 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 24.26 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 3.01 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल की ग्रोथ (% सालाना) | FY24 | FY23 | FY22 |
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रेवेन्यू | 41.5 | 154 | 161 | 77 |
EBIT | 35.6 | 49 | 55 | 27 |
PAT | 39.3 | 36 | 41 | 19 |
नेट वर्थ | 68.7 | 119 | 83 | 42 |
कुल डेट | -88.8 | 0.15 | 0.19 | 12 |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत (%) | FY24 | FY23 | FY22 |
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ROE (%) | 53.2 | 36.1 | 65.6 | 58.0 |
ROCE (%) | 52.7 | 46.7 | 70.9 | 40.5 |
EBIT मार्जिन (%) | 33.7 | 32.0 | 34.3 | 34.9 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.1 | 0.0 | 0.0 | 0.3 |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
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Garuda Construction and Engineering की रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में गरुड़ कंस्ट्रक्शन की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने FY24 में ₹50 करोड़ की ‘टैक्स के पहले की कमाई’ दर्ज़ की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. भारतीय कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने FY18-23 के दौरान डबल डिज़िट ग्रोथ दर्ज़ की है, और इंफ़्रास्ट्रक्चर पर ख़र्च को लेकर सरकार की प्राथमिकता को देखते हुए इसके और भी तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कंपनी को भी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
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क्या गरुड़ कंस्ट्रक्शन का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
नहीं. इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट आमतौर पर प्रतिस्पर्धी बिडिंग प्रक्रिया के ज़रिए दिए जाते हैं.
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क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. कंस्ट्रक्शन सेक्टर काफ़ी प्रतिस्पर्धी है और इसमें कई बड़ी सिविल कंस्ट्रक्शन कंपनिया काम करती हैं, और ये इंडस्ट्री बहुत ज़्यादा बंटी हुई है.
गरुड़ कंस्ट्रक्शन का मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटरों की हिस्सेदारी 68 फ़ीसदी हो जाएगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन, प्रवीणकुमार अग्रवाल, साल 2010 में इसके गठन के बाद से ही कंपनी से जुड़े हुए हैं.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या गरुड़ कंस्ट्रक्शन की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
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गरुड़ कंस्ट्रक्शन के फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
हां. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE 53 फ़ीसदी है. FY2024 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः 36 और 47 फ़ीसदी रहा है.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
नहीं. इसने पिछले तीन साल के दौरान नेगेटिव ऑपरेटिंग कैश फ़्लो दर्ज किया.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. कंपनी का नेट कैश पॉज़िटिव है, जिसका मतलब है कि इसका नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो नेगेटिव है.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. गरुड़ कंस्ट्रक्शन की वर्किंग कैपिटल ज़रूरतें काफ़ी ज़्यादा हैं. FY24 तक इसकी वर्किंग कैपिटल कमिटमेंट ₹92 करोड़ थी, जबकि इसकी नेट वर्थ ₹119 करोड़ ही थी.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
नहीं. कंपनी को अपनी वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अगले दो सालों में ₹380 करोड़ से ज़्यादा की ज़रूरत है. कंपनी इस ख़र्च का कुछ हिस्सा बाहरी फ़ंडिंग से पूरा करने की योजना बना रही है.
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क्या कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त है?
हां. FY24 तक, कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त थी.
गरुड़ कंस्ट्रक्शन का वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 6 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
नहीं. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 24.5 गुना P/E पर कारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 22 गुना है.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
नहीं. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 3 गुना P/B पर कारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 2.8 गुना है.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.
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