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Kross IPO: क्रॉस का IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 9 सितंबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. इसकी आख़िरी तारीख़ 11 सितंबर 2024 है.
निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम ऑटोमोटिव पार्ट्स बनाने वाली इस कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
Kross IPO: संक्षेप में
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क्वालिटी:
FY22-24 के बीच, कंपनी का 3 साल का एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE)
और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) दोनों 26 फ़ीसदी के क़रीब रहा.
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ग्रोथ:
FY22-24 के दौरान, कंपनी का रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट क्रमशः 44.4 और 91.8 फ़ीसदी सालाना बढ़ा.
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वैल्यूएशन:
IPO के बाद, कंपनी का स्टॉक क्रमशः 34.5 और 3.9 गुना के
P/E
(प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो) और P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो) पर कारोबार करेगा.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: कंपनी को ऑटोमोटिव सेक्टर, ख़ासकर कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में बढ़ती डिमांड से फ़ायदा होगा. माल ढुलाई की बढ़ी हुई क़ीमतें, रिप्लेसमेंट ऑटो पार्ट्स की बढ़ती डिमांड और इंडस्ट्री और इंफ़्रास्ट्रक्चर की हेल्दी ग्रोथ से कंपनी को फ़ायदा होगा. हालांकि, क्रॉस एक साइक्लिक इंडस्ट्री में काम करती है और कई संगठित खिलाड़ियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करती है.
Kross के बारे में
साल 1991 में स्थापित, 'क्रॉस' विशेष रूप से कमर्शियल व्हीकल के लिए ट्रेलर एक्सल और सस्पेंशन असेंबली (trailer axles and suspension assemblies) जैसे कई फोर्ज्ड और मशीनी कॉम्पोनेन्ट बनाती है. कंपनी झारखंड में पांच मैन्युफ़ैक्चरिंग फ़ैसिलिटी ऑपरेट करती है, और FY24 तक इसका कैपेसिटी यूटिलाइज़ेशन 68 फ़ीसदी था. मीडियम और हैवी कमर्शियल व्हीकल (M&HCV) सेगमेंट ने इसके FY24 रेवेन्यू में 85 फ़ीसदी योगदान दिया. क्रॉस मुख्य रूप से घरेलू मार्केट में काम करती है और एक्सपोर्ट इसके कुल रेवेन्यू में सिर्फ़ 1 फ़ीसदी योगदान देता है.
ताक़त
- वफ़ादार क्लाइंट: क्रॉस के प्रमुख क्लाइंट में अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) और टाटा इंटरनेशनल (Tata International) जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं, जिनका कंपनी के साथ लंबे समय से जुड़ाव है. ऑटोमोबाइल क्लाइंट अपने कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर से इसलिए लंबे समय तक जुड़े रहते हैं क्योंकि मैन्युफैक्चरर ऑनबोर्डिंग, प्रोडक्ट टेस्टिंग और फ़िटिंग में काफ़ी ज्यादा ख़र्च और समय लगता है.
कमज़ोरियां
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रेवेन्यू कॉन्सेंट्रेशन:
क्रॉस के कुल रेवेन्यू का लगभग 50 फ़ीसदी हिस्सा इसके टॉप तीन क्लाइंट से आता है. कुछ ही क्लाइंट पर इतनी ज़्यादा निर्भरता जोख़िम भरी होती है -- किसी भी क्लाइंट के साथ कोई विवाद इसके रेवेन्यू में भारी उतार-चढ़ाव ला सकता है.
- जियोग्राफ़िक कॉन्सेंट्रेशन: क्रॉस की पांच मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी झारखंड में स्थित हैं. इससे कंपनी को बड़े ऑपरेटिंग जोख़िम का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इस क्षेत्र में आने वाली कोई भी ख़राब स्थिति या आपदा इसके प्रोडक्शन पर असर डाल सकती है.
Kross IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 500 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 250 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 250 |
प्राइस बैंड (₹) | 228-240 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 9-11 सितंबर, 2024 |
उद्देश्य | समय से पहले क़र्ज़ चुकाना, और वर्किंग कैपिटल और Capex की ज़रूरतों के लिए फ़ंडिंग |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 1,548 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 397 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 67.7 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 34.5 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 3.9 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल का CAGR (%) | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू | 44.4 | 620 | 489 | 298 |
EBIT | 76.8 | 75 | 53 | 24 |
PAT | 91.8 | 45 | 31 | 12 |
नेट वर्थ | 147 | 102 | 72 | |
कुल डेट | 119 | 88 | 86 | |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत (%) | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
ROE (%) | 25.9 | 30.6 | 30.3 | 16.8 |
ROCE (%) | 26.2 | 32.9 | 30.5 | 15.2 |
EBIT मार्जिन (%) | 10.4 | 12.1 | 10.9 | 8.1 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.8 | 0.9 | 1.2 | |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
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Kross की रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में क्रॉस की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने FY24 में ₹61 करोड़ की 'टैक्स के पहले की कमाई' दर्ज़ की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. कमर्शियल ऑटोमोटिव सेक्टर में ग्रोथ से कंपनी के प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी.
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क्या कंपनी का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
हां. कंपनी को ऑटो एंसिलरी इंडस्ट्री में क्लाइंट के साथ मज़बूत जुड़ाव का फ़ायदा मिलता है. क्लाइंट अपने सप्लायर से लंबे समय तक जुड़े रहते हैं क्योंकि कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर ऑनबोर्डिंग, प्रोडक्ट टेस्टिंग और अप्रूवल में काफ़ी ज्यादा ख़र्च और समय लगता है.
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क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. कंपनी बहुत ही प्रतिस्पर्धी माहौल में काम करती है, जिसमें कई संगठित खिलाड़ी मौज़ूद हैं.
क्रॉस का मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटरों की हिस्सेदारी 67.7 फ़ीसदी हो जाएगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर राय, 1991 में कंपनी के गठन के बाद से ही इसके साथ जुड़े हुए हैं.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
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क्रॉस के फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
हां. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE दोनों 26 फ़ीसदी के क़रीब है. FY2024 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः 31 और 33 फ़ीसदी के क़रीब रहा है.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
हां. इसने FY2022-24 के दौरान पॉज़िटिव कैश फ़्लो फ़्रॉम ऑपरेशन्स (CFO) दर्ज़ किया.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. FY24 में, कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.8x था.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. इस बिज़नस में वर्किंग कैपिटल ज़्यादा लगती है. कंपनी ने FY24 में 85 दिनों से ज़्यादा का वर्किंग कैपिटल साइकिल दर्ज़ किया.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
हां. IPO से प्राप्त राशि से कंपनी को बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना ऑपरेशन चलाने में मदद मिलेगी.
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क्या कंपनी बड़ी कंटिंजेंट देनदारी से मुक्त है?
नहीं. FY24 तक कुल इक्विटी के प्रतिशत के रूप में कंपनी की कंटिंजेंट देनदारियां 26 फ़ीसदी थीं.
क्रॉस का वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. लिस्टिंग के बाद, ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 4.5 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
नहीं. IPO के बाद, स्टॉक 34.5 गुना P/E पर क़ारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 20 गुना है.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
हां. IPO के बाद, स्टॉक 3.9 गुना P/B पर क़ारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 4.3 गुना है.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.
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