बाल दिवस विशेष

बस जेब से पैसा निकलवाने की ट्रिक है चाइल्‍ड प्‍लान

चाइल्‍ड प्‍लान बच्‍चे और आपकी मदद करने के बजाए नुकसान ही करते हैं

बस जेब से पैसा निकलवाने की ट्रिक है चाइल्‍ड प्‍लान

अगर आप अपने बच्‍चों से प्‍यार करते हैं तो हमारे उत्‍पाद खरीदिए। बच्‍चों के लिए उत्‍पाद बेचने वाली कंपनियां अक्‍सर यह दावा करके लोगों को लुभाती हैं। बात बच्‍चों के भविष्‍य की हो तो लोग आसानी से उत्‍पाद खरीद लेते हैं। हेल्‍थ ड्रिंक बेचने वाली से लेकर कार कंपनियां तक अपने उत्‍पाद बेचने के लिए इस तरह की ट्रिक का इस्‍तेमाल करती हैं। अब इनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है लेकिन वित्‍तीय उत्‍पाद का मामला इससे अलग है।

बच्‍चों के नाम के सहारे बिक्री बढ़ाने की रणनीति पर काम करने वाले उत्‍पाद भारत में लंबे समय से बाजार में हैं। बच्‍चों के लिए खास तौर पर बनाए गए बीमा उत्‍पाद या म्‍युचुअल फंड इतने लंबे समय से बेचे जा रहे हैं कि लोग आसानी से इस बात को मान लेते हैं कि इन उत्‍पादों में बच्‍चों के लिए कुछ खास है। अगर वे इन उत्‍पादों को खरीद लेते हैं तो पैसों के लिहाज से बच्‍चों का भविष्‍य एक हद तक सुरक्षित हो जाएगा।

बच्‍चों के नाम पर बेचे जा रहे चाइल्‍ड प्‍लान का असर लोगों पर इस कदर है कि वैल्‍यू रिसर्च में हमारे पास बड़े पैमाने पर माता पिता के ईमेल आते हैं। अपने बच्‍चों के भविष्‍य के लिए चिंतित माता पिता बेस्‍ट चाइल्‍ड प्‍लान के बारे में जानना चाहते हैं। सालों से चाइल्‍ड प्‍लान का नाम सुनते सुनते वे यह मान लेते हें कि टैक्‍स प्‍लान की तरह चाइल्‍ड प्‍लान भी पर्सनल फाइनेंस का अभिन्‍न अंग है।

लेकिन सही मायने में देखें तो चाइल्‍ड प्‍लान शब्‍द आपकी वित्‍तीय योजना से जुड़ा शब्‍द नहीं है। यह उत्‍पाद बेचने वाली कंपनियों की मार्केटिंग रणनीति से जुड़ा शब्‍द है। यानी आसान शब्‍दों में कहें तो चाइल्‍ड प्‍लान शब्‍द को कंपनियों ने इसलिए लोकप्रिय बनाया जिससे वे आपकी जेब से आसानी से पैसे निकाल सकें।

चाहे इन्‍श्‍योरेंस कंपनी का चाइल्‍ड प्‍लान हो या म्‍युचुअल फंड कंपनी का प्‍लान। इस तरह के प्‍लान आपको या आपके बच्‍चे को कुछ अलग से नहीं देते हैं। इसके उलट आपका नुकसान ही कराते हैं। उदाहरण के तौर पर आप एक सबसे बड़े चाइल्‍ड म्‍युचुअल फंड को ही लें लें। यह एक बैलेंस्‍ड फंड है सालों से इस फंड का रिटर्न के लिहाज से प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है।

चाइल्‍ड प्‍लान बेचने वाली कंपनियां कहती हैं कि आप इस प्‍लान में निवेश करें और रकम का इस्‍तेमाल बच्‍चों की कॉलेज फीस के लिए करें। लेकिन अगर आप इन फंडों के रिटर्न पर गौर करें तो पाएंगे कि इनका रिटर्न बहुत अच्‍छा नहीं रहा है। हो सकता है कि इन फंडों में निवेश से आपको बच्‍चे की पढ़ाई के लिए जरूरी रकम भी न मिल पाए। वहीं अगर माता पिता ने इन फंडों के बजाए किसी दूसरे बेहतर प्रदर्शन करने वाले फंड में निवेश किया होता तो वे ज्‍यादा रकम जुटा सकतते थे और इससे उनको बच्‍चों की पढ़ाई में वास्‍तव में मदद मिल सकती थी।

बीमा कंपनियां भी अपने चाइल्‍ड प्‍लान को लेकर यही ट्रिक अपनाती हैं। बीमा कंपनियों के दूसरे बीमा उत्‍पादों में और चाइल्‍ड प्‍लान में कोई अंतर नहीं होता है। बीमा कंपनियां चाइल्‍ड प्‍लान के बेनेफिट के तौर पर दावा करती हैं कि अगर आपकी मौत हो जाती है तो बच्‍चे की कॉलेज फीस का भुगतान वे करेंगी। यह बेनेफिट तो दूसरे बीमा उत्‍पाद भी देते हैं। ऐसे में एक अलग चाइल्‍ड प्‍लान का क्‍या मतलब है। साफ है यह बच्‍चों के नाम पर माता पिता की जेब से पैसे निकलवाने की ट्रिक है बस और कुछ नहीं।


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