बैंक में जमा पैसों (जैसे FDs) पर ब्याज दरें बढ़ने की संभावना नहीं है. तो क्या जमा किए गए पैसों को मौजूदा स्थिति में म्यूचुअल फ़ंड में ट्रांसफ़र करना सही रहेगा? - एस बी जोशी
Best Investments in India: ब्याज दरों में संभावित उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाना बहुत मुश्क़िल है. बीते 4-5 साल में, कई फ़ंड मैनेजरों के अनुमान अक़्सर ग़लत साबित हुए हैं. मान लेते हैं कि आपका अनुमान सही है, फिर भी निवेश के फ़ैसले सिर्फ़ ब्याज दर के अनुमान के आधार पर नहीं होने चाहिए.
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फ़ाइनेंशियल गोल के मुताबिक़ निवेश
Where should one invest money: लॉन्ग टर्म गोल के लिए अपने पैसे को इक्विटी में और शॉर्ट-टर्म गोल के लिए डेट फ़ंड में निवेश करना ही सही विकल्प है. निवेश के लिए फ़ैसले हमेशा आपके फ़ाइनेंशियल गोल के मुताबिक़ होने चाहिए, न कि ब्याज दर या बाज़ार की स्थिति को देखते हुए.
1. शॉर्ट-टर्म ज़रूरतें के लिए: अगले दो से तीन साल में आपको जिन पैसों की ज़रूरत पड़ने वाली है, उसे डिपॉज़िट या डेट फ़ंड में निवेश करना चाहिए. इससे स्थिरता बनी रहती है यानी, गिरावट का डर कम हो जाता है और ज़रूरत पड़ने पर पैसे आसानी से निकाल सकते हैं.
2. लॉन्ग टर्म गोल के लिए: इक्विटी निवेश के लिए आपको वो पैसा इस्तेमाल करना चाहिए जिसकी ज़रूरत आपको 5 से 10 साल तक नहीं पड़ेगी. हालांकि, भले ही आपके पास इक्विटी में निवेश करने के लिए पर्याप्त रक़म हो, लेकिन उसे 100 फ़ीसदी इक्विटी में निवेश करने से बचना चाहिए. पर्याप्त रक़म जमा करने के बाद, ये सुनिश्चित करें कि आपके पास 20-30 फ़ीसदी फ़िक्स्ड इनकम हो, ताकि आप किसी झटके का सामना कर सकें. नतीजतन, बाज़ार की गिरावट के दौरान आपका पोर्टफ़ोलियो स्थिर रहता है और नुक़सान कम होता है. साथ ही, ज़रूरत पड़ने पर आपको अपने पोर्टफ़ोलियो को बैलेंस्ड करना चाहिए.
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