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HDFC Nifty 500 Multicap 50:25:25 Index Fund: कैसा है नया फ़ंड आपके निवेश के लिए?

HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड NFO के बारे में जानिए सबकुछ

HDFC Nifty 500 Multicap 50:25:25 Index Fund: कैसा है नया फ़ंड आपके निवेश के लिए?

HDFC निफ्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड NFO 6 अगस्त, 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है और निवेशकों के लिए 20 अगस्त, 2024 तक सब्सक्राइब करने के लिए खुला रहेगा.

ये इंडेक्स फ़ंड निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स को ट्रैक करने वाला दूसरा फ़ंड होगा. पहला नवी निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड था, जिसे 1 अगस्त, 2024 को लॉन्च किया गया था.

HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड NFO एक नज़र में

NFO पीरियड 6-20 अगस्त, 2024
बैंचमार्क निफ़्टी500 मल्टीकैप 50:25:25
फ़ंड मैनेजर्स निर्माण मोरखिया ​​और अरुण अग्रवाल
एग्जिट लोड शून्य
टैक्स अगर यूनिट एक साल के अंदर बेची जाती हैं: 20% कैपिटल गेन टैक्स. अगर यूनिट एक साल बाद बेची जाती हैं: 12.5% कैपिटल गेन टैक्स. (₹1.25 लाख तक का लाभ टैक्स फ़्री है)

HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड के बेंचमार्क के बारे में

चूंकि HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 का लक्ष्य निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स की नकल करना है. तो आइए बाक़ी की डिटेल को गहराई से समझते हैं.

निफ़्टी 500 मल्टी-कैप 50:25:25 इंडेक्स में वे सभी कंपनियां शामिल हैं जो निफ़्टी 500 इंडेक्स का हिस्सा हैं.लेकिन दोनों इंडेक्स के बीच एक ख़ास अंतर है. निफ़्टी 500 में, लार्ज, मिड- और स्मॉल-कैप का वेट कुल फ़्री-फ़्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पर आधारित हैं. नतीजन, लार्ज कैप के लिए क़रीब 72 फ़ीसदी, मिड कैप के लिए 18 फ़ीसदी और स्मॉल कैप के लिए 10 फ़ीसदी का वेट होता है. हालांकि, निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स मिड और स्मॉल कैप पर थोड़ा ज़्यादा वज़न रखता है, जिसमें लार्ज कैप के लिए 50 फ़ीसदी, मिड कैप के लिए 25 फ़ीसदी और स्मॉल कैप के लिए 25 फ़ीसदी वज़न तय किया गया है.

निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स का प्रदर्शन
चूंकि निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स में निफ़्टी 500 की सभी कंपनियां शामिल हैं, इसलिए उनके प्रदर्शन की तुलना करना समझदारी है.

10-साल के रोलिंग रिटर्न के अनालेसिस से पता चलता है कि निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 ने अक्सर निफ़्टी 500 से बेहतर प्रदर्शन किया है, जैसा कि ग्राफ़ में देख सकते हैं.

संख्याओं में कहें तो निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 ने इसी दौरान निफ़्टी 500 के 12.4 निफ़्टी के मुक़ाबले 10 साल में क़रीब 13.9 फ़ीसदी का रिटर्न दिया है.

हमने निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स के प्रदर्शन की तुलना मल्टी-कैप फ़ंड्स से भी की है, क्योंकि इनकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी थोड़ी एक जैसी ही है. जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि मल्टी-कैप फ़ंड्स को कम से कम 25 फ़ीसदी लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में निवेश करना जरूरी है. बाक़ी का 25 फ़ीसदी फ़ंड मैनेजर के मुताबिक़ कहीं भी निवेश किया जा सकता है.

हालांकि मल्टी-कैप फ़ंड का इतिहास सीमित है, लेकिन उन्होंने 2021 से ख़ासा बढ़ोतरी का मज़ा लेना शुरू किया है. हमने देखा कि जनवरी 2021 से मंथली कैटेगरी एवरेज रिटर्न पर 43 महीनों में से 29 में उन्होंने निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स को मात दी है. ये क़रीब 67 फ़ीसदी दौरान है.

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HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड के फ़ंड मैनेजर

निर्मन मोराखिया और अरुण अग्रवाल साथ मिलकर इस फ़ंड को मैनेज करेंगे. मोराखिया को इक्विटी में 14 साल से ज़्यादा का तजुर्बा है. ये 2018 से HDFC AMC के साथ जुड़े हुए हैं. हाल में, वे फ़ंड हाउस में 20 स्कीम (फ़ंड ऑफ़ फ़ंड्स को छोड़कर) को मैनेज करते हैं. अग्रवाल को इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव डीलिंग के साथ-साथ फ़ंड मैनेजमेंट, इंटरनल ऑडिट और ट्रेज़री ऑपरेशन में 23 साल से ज़्यादा का ज़्यादा है. वे हाल में HDFC निफ़्टी रियल्टी इंडेक्स फ़ंड, HDFC निफ़्टी PSU बैंक ETF और HDFC BSE 500 इंडेक्स फ़ंड सहित कई फ़ंड का प्रबंधन करते हैं.

क्या आपको HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड में निवेश करना चाहिए?

HDFC निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स फ़ंड एक पैसिव फ़ंड है. फ़ंड मैनेजर के पास स्टॉक चुनने का लचीलापन नहीं है. हालांकि ये एक्टिवली मैनेज फ़ंड के मुक़ाबले में कम लागत वाले हो सकते हैं. लेकिन ये निवेश में ज्यादा कठोर है. फ़ंड को निफ़्टी 500 के सभी शेयरों में निवेश करने के लिए बाध्य किया जाता है, भले ही उनकी निवेश में कितने ही माहिर क्यों न हों.

प्रदर्शन के लिहाज़ से, निफ़्टी 500 मल्टीकैप 50:25:25 इंडेक्स ने 10 साल के दौरान निफ़्टी 500 से बेहतर प्रदर्शन किया है, ये एक्टिवली मैनेज मल्टी-कैप फ़ंड्स के मुक़ाबले इतने असरदार नहीं है. इसके अलावा, ध्यान दें कि एक्टिवली मैनेज फ़ंड्स ने मिड- और स्मॉल-कैप सेगमेंट में लंबे समय में बड़े रिटर्न की क्षमता भी दिखाई है.

इसलिए, हम मल्टी-कैप और फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड जैसे एक्टिवली मैनेज डाइवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड पर विचार करने की सलाह देते हैं. ये फ़ंड मैनेजरॉन को चुनिंदा निवेश करने की आज़ादी देते हैं.

अगर आप इस इंडेक्स फ़ंड में निवेश करने की इच्छा रखते हैं, तो आप अपने पोर्टफ़ोलियो का एक छोटा हिस्सा एलोकेट करने पर विचार कर सकते हैं.

ये भी पढ़िए - NFO में निवेश से पहले खुद से पूछें ये 3 सवाल


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