इस बात पर अभी भी असमंजस बना हुआ है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) इस दुनिया पर अपना दबदबा बना पाएगी या नहीं, लेकिन ये बात साफ़ है कि शेयर मार्केट में इसका दबदबा बना हुआ है. AI की लहर ने निवेशकों को भी उत्साहित कर दिया है, जिससे अमेरिकी टेक बेंचमार्क नैस्डैक (Nasdaq) में तेज़ी आई है. इस तेज़ी में सबसे आगे Nvidia है, जिसने पिछले साल लगभग 200 फ़ीसदी का उछाल दर्ज़ किया और अपने मार्केट कैप में 2 ट्रिलियन डॉलर जोड़े; और यहां तक कि एक समय पर माइक्रोसॉफ़्ट (Microsoft) को पछाड़कर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन गई.
एक भारतीय कंपनी ने भी कुछ ऐसा ही प्रदर्शन किया है. Nvidia, इंटेल ( Intel ) और AMD सहित प्रमुख चिपसेट प्रोवाइडर के साथ मैन्युफ़ैक्चरिंग पार्टनरशिप की बदौलत, नेटवेब टेक्नोलॉजीज़ (Netweb Technologies) की इनकम और शेयर की क़ीमत में हाल ही में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी का कारण समझने के लिए हमें पहले कंपनी के बिज़नस और इंडस्ट्री के स्वाभाव को जानना होगा.
नेटवेब का बिज़नस
नेटवेब टेक्नोलॉजीज़, डेटा सेंटर कंप्यूटिंग सॉलूशन्स के लिए पूरी तरह से इंटीग्रेटेड प्रोडक्ट बनाने वाली एक कंपनी है. ये डेटा सेंटर में इस्तेमाल किए जाने वाले हाई-परफ़ॉरमेंस कंप्यूटिंग हार्डवेयर के लिए सॉफ़्टवेयर डिज़ाइन और मैन्युफ़ैक्चर करती है और प्रोवाइडर भी है.
डेटा सेंटर क्या हैं ? - ये ऐसी फ़ैसिलिटी होती हैं जिनमें बड़ी संख्या में कंप्यूटर सर्वर और संबंधित इक्विपमेंट जैसे ख़ास चिपसेट होते हैं जो AI एप्लीकेशन में इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा की बड़ी मात्रा को स्टोर और प्रोसेस करते हैं. अलग-अलग सेक्टरों और बिज़नस में AI वर्कलोड संभालने के लिए डेटा सेंटर सॉलूशन्स की डिमांड तेज़ी से बढ़ी है. Nvidia को इस ट्रेंड से सबसे ज़्यादा फ़ायदा हुआ है क्योंकि इसके विशेष चिपसेट यानि ग्राफ़िक प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) की शक्तिशाली कंप्यूटिंग क्षमताओं का इस्तेमाल डेटा सेंटरों में किया जाता है.
Nvidia के रेवेन्यू में जबरदस्त ग्रोथ
डेटा सेंटरों ने इस जबरदस्त ग्रोथ में मुख्य रूप से मदद की है
FY19 | FY20 | FY21 | FY22 | FY23 | FY24 | |
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रेवेन्यू (अरब डॉलर) | 10.7 | 11.8 | 19.3 | 29.5 | 25.9 | 79.8 |
डेटा सेंटर सेगमेंट का रेवेन्यू शेयर (%) | 26.7 | 29.6 | 39.5 | 41.7 | 60 | 82.5 |
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भारत में AI इंफ़्रास्ट्रक्चर
भारत में, नेटवेब टेक्नोलॉजीज़ पहली कंपनी है जो डेटा सेंटर और संबंधित सॉलूशन्स की बढ़ती डिमांड का फ़ायदा उठा रही है. आइए जानते हैं कि कंपनी ये कैसे कर रही है:
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कंपनी के पास हाई-परफ़ॉरमेंस कंप्यूटिंग में अपने 20 साल के अनुभव के कारण बेहतर विशेषज्ञता है, जिसने इसे ISRO के लिए भारत का चौथा सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर विकसित करने में मदद की.
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कंपनी Nvidia की इलीट पार्टनर (टियर-1) है, जिसका मतलब है कि इसे मार्केट के दूसरे खिलाड़ियों से पहले Nvidia के GPUs का एक्सेस मिलता है; इन GPUs को ये अपने कंप्यूटिंग और डेटा सेंटर सॉलूशन्स में इंटीग्रेट करती है.
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डेटा सेंटरों की संख्या बढ़ने से हाई-परफ़ॉरमेंस कंप्यूटिंग मार्केट में Nvidia की स्थिति और ज़्यादा मज़बूत होने की उम्मीद है. टियर-1 पार्टनर के रूप में, नेटवेब को भी Nvidia की लीडरशिप से बहुत फ़ायदा होगा, क्योंकि इसकी और Nvidia की ग्रोथ की दिशा एक ही है.
- अगर Nvidia की लीडरशिप को भविष्य में चुनौती भी मिलती है, तो इससे नेटवेब पर ज़्यादा बड़ा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसने पहले ही Nvidia के प्रतिद्वंद्वियों -- Intel और AMD -- के साथ कनेक्शन बना लिए हैं.
निवेश में ज़ल्दबाज़ी न करें…
चूंकि AI इस वक़्त मार्केट में बहुत लोकप्रिय है, इसलिए कोई भी संबंधित बिज़नस निवेशकों को आकर्षित कर सकता है. लेकिन इन शानदार संभावनाओं के बावज़ूद, नेटवेब कुछ जोख़िमों से भरा हुआ है, जिनसे सावधान रहने की ज़रूरत है:
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एक महंगा दांव:
Nvidia की ताबड़तोड़ ग्रोथ की तरह ही, नेटवेब का शेयर भी पिछले साल लगभग 3 गुना तेज़ी से बढ़ा है, जिससे इसका P/E मल्टीपल 148 तक पहुंच गया है. FY19 और FY24 के बीच, कंपनी के नेट प्रॉफ़िट में आई 25 गुना तेज़ी ने रैली को जारी रहने में मदद की है, लेकिन स्टॉक अभी भी सीमित सेफ़्टी मार्जिन देता है.
- प्रतिस्पर्धियों से ख़तरा: टियर-1 पार्टनर होने से नेटवेब को सिर्फ़ Nvidia की तकनीक का एक्सेस मिलता है, लेकिन इससे कोई स्पेशलिटी नहीं मिलती है. चूंकि Nvidia का पार्टनर बनने में कोई अड़चन नहीं है, इसलिए Esconet Technologies जैसी दूसरी घरेलू कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हैं. इसके अलावा, नेटवेब हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग सेक्टर में एक तरह से नई खिलाड़ी है. गीगाबाइट (Gigabyte), सुपरमाइक्रो (Supermicro), डेल ( Dell ) और आसुस (Asus) जैसी मौज़ूदा दिग्गज़ कम्पनियों की ब्रांड की मौजूदगी विश्व स्तर पर काफ़ी बेहतर है, और इनकी सप्लाई और सर्विस इंफ़्रास्ट्रक्चर भी नेटवेब से ज़्यादा मज़बूत है.
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