Tax on Sovereign Gold Bond (SGB): सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड को टैक्स के लिहाज से निवेश के लिए ख़ासा अनुकूल माना जाता है. अगर आप इसे मेच्योरिटी तक यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो इस पर कोई टैक्स नहीं देना होता. हालांकि, बजट में कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains tax) में बदलाव के बाद गोल्ड बॉन्ड्स पर भी इसका असर पड़ने की चर्चा है. हम यहां गोल्ड बॉन्ड पर लगने वाले टैक्स के मसले पर ही तस्वीर साफ़ कर रहे हैं.
बजट में प्रस्ताव
Budget 2024 में किए गए प्रस्तावों के मुताबिक़, अब सभी लिस्टेड सिक्योरिटीज़ को 12 महीने से ज़्यादा समय तक होल्ड करने पर लॉन्ग टर्म एसेट्स माना जाएगा और अब उन पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगेगा. लेकिन यहां सवाल उठता है कि क्या SGB को लिस्टेड सिक्योरिटी माना जाना चाहिए.
यहां ध्यान रखना चाहिए कि सभी SGB लिस्टेड हैं और इन्हें सेकेंडरी मार्केट में बेचा जा सकता है. तो फिर, SGB पर टैक्स कैसे लगेगा.
SGB को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचने या ट्रांसफ़र करने पर लगता है टैक्स
अगर आप RBI की बायबैक विंडो से पहले SGB से बाहर निकलना चाहते हैं, तो आप दो विकल्पों में से एक चुन सकते हैं, जो स्टॉक एक्सचेंज पर बेचना या इसे किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर करना हैं.
अगर आपको अपने SGBs को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचना है, तो आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि इसे डीमैट मोड में रखा गया है या डीमैट मोड में बदल लिया गया है.
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अगर डीमैट अकाउंट में नहीं हैं SGB: उन्हें गवरमेंट सिक्योरिटीज़ एक्ट, 2006 के प्रोविजंस के अनुसार बेचा और ट्रांसफ़र किया जा सकता है. वहीं, बॉन्ड लेजर खाते के रूप में रखी गई सिक्योरिटीज़, मेच्योरिटी से पहले, गवरमेंट सिक्योरिटीज़ एक्ट, 2007 के तहत ट्रांसफ़र की जा सकती हैं.
स्टॉक एक्सचेंज पर बेची जाने वाली SGB पर टैक्स देना होगा. हालांकि, इन पर कितना टैक्स लगेगा, ये होल्डिंग के समय पर निर्भर करेगा.
बजट 2024 से पहले SGB पर कितना टैक्स लगता था?
बजट 2024 में कैपिटल गेन टैक्स में व्यापक बदलाव से पहले SGB को लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स (36 महीने से ज़्यादा समय तक रखा गया) के रूप में क्लासिफ़ाई किया गया था, उन पर 20% (इंडेक्सेशन बेनेफ़िट्स के साथ) या 10% (इंडेक्सेशन बेनेफ़िट के बिना) जो भी ज़्यादा हो, टैक्स लगाया जाता था.
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 48 के चौथे प्रोविजन के माध्यम से SGB पर इंडेक्सेशन बेनेफ़िट दिया गया था. इसी तरह, 3 साल से कम समय के लिए रखे जाने वाले SGB को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के रूप में क्लासिफ़ाई किया गया था और उन पर लागू स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाया जाता था."
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Budget 2024 के प्रस्तावों के बाद SGB पर Tax?
बजट 2024 में पूंजीगत परिसंपत्तियों के लिए होल्डिंग की अवधि में बदलाव के संबंध में कुछ बदलाव किए गए थे. साथ ही, बजट 2024 ने सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड के लिए इंडेक्सेशन बेनेफ़िट प्रभावी रूप से खत्म कर दिए हैं.
SGB की होल्डिंग अवधि ये तय करती है कि आपका लाभ LTCG है या STCG. SGB का LTCG या STCG में क्लासिफ़िकेशन होल्डिंग के समय पर निर्भर करता है. चूंकि SGB लिस्टेड सिक्योरिटीज़ हैं, इसलिए 12 महीने से ज़्यादा समय तक रखे गए SGB को लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स के रूप में क्लासिफ़िकेशन किया जाएगा.
साफ़ है कि 12 महीने से ज़्यादा होल्ड करने के बाद 23 जुलाई 2024 को या उसके बाद SGB को ट्रांसफ़र किया जाता है तो 12.5 फ़ीसदी टैक्स लगेगा. वहीं, 12 महीने से कम होल्ड करने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल एसेट्स माना जाएगा और आप पर लागू स्लैब रेट्स के हिसाब से टैक्स लगेगा.