फ़र्स्ट-क्राई का IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 6 अगस्त 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 8 अगस्त 2024 को बंद होगा. निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम इस मल्टी-चैनल रिटेल प्लेटफ़ॉर्म की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
‘FirstCry’ IPO: संक्षेप में
-
क्वालिटी:
कंपनी का 3 साल का एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE)
और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) क्रमशः -7.6 और -7 फ़ीसदी रहा है.
-
ग्रोथ:
FY22-2024 के बीच, इसका रेवेन्यू सालाना 64.3 फ़ीसदी बढ़ा, लेकिन कंपनी ने इसी अवधि में ₹787 करोड़ का 'टैक्स के बाद क्युमिलेटिव लॉस या घाटा' दर्ज़ किया.
-
वैल्यूएशन:
IPO के बाद, स्टॉक का वैल्यूएशन 5 गुना के P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो) पर किया जाएगा.
P/E
(प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो) रेशियो पता नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कंपनी पिछले तीन साल से घाटे में चल रही है.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: बड़े देशों में भारत का बर्थ रेट दुनिया में सबसे ज़्यादा है. इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, चाइल्ड केयर प्रोडक्ट की डिमांड भी सालाना 10 फ़ीसदी बढ़ रही है. इसे देखते हुए, कंपनी का पहले से जमा-जमाया ब्रांड मज़बूत ग्रोथ में तब्दील होगा. हालांकि, कंपनी बहुत ही ज़्यादा बंटी हुई इंडस्ट्री में काम करती है और कई असंगठित और संगठित खिलाड़ियों से कड़ी टक्कर का सामना करती है.
FirstCry (Brainbees Solutions) के बारे में
सबसे ज़्यादा ग्रॉस मर्चेंडाइज़ वैल्यू (GMV) के साथ, Brainbees Solutions के स्वामित्व वाली ये कंपनी कपड़े, खिलौने, डायपर और बेबी फ़ूड जैसे मां और बच्चे के केयर प्रोडक्ट के मामले में भारत का सबसे बड़ा मल्टी-चैनल रिटेल प्लेटफ़ॉर्म है. इसके 533 शहरों में 1,063 स्टोर हैं, और GMV (FY24 तक) के हिसाब से संगठित चाइल्ड केयर प्रोडक्ट मार्केट में इसका शेयर 16-17 फ़ीसदी है. ये अपने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, ऑफ़लाइन स्टोर और जनरल रिटेल स्टोर के ज़रिए अपने ख़ुद के ब्रांड और थर्ड-पार्टी ब्रांड बेचती है. इसका ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म UAE और सऊदी अरब जैसे ग्लोबल मार्केट में भी प्रोडक्ट बेचता है. लेकिन ये भारत में अपने क़ारोबार से ज़्यादा कमाई करती है, जिसका FY24 में इसके कुल रेवेन्यू में 70 फ़ीसदी योगदान रहा.
FirstCry की ताक़त
-
ग्राहकों के साथ मज़बूत कनेक्शन:
कंपनी ने अपने ग्राहकों के साथ मज़बूत कनेक्शन बनाया है, जिससे इसे (संगठित सेगमेंट में) मार्केट में लीडर बनने और असंगठित खिलाड़ियों से अलग एक बड़ा मार्केट शेयर हासिल करने में मदद मिली है. चूंकि चाइल्ड-केयर एक नॉन-डिस्क्रिशनरी ख़र्च है, जिसमें बार-बार ख़रीदारी की जाती है, इसलिए कंपनी का मानना है कि माता-पिता एक बार प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ने के बाद लगभग एक-जैसी और लगातार ख़रीदारी करना शुरू कर देते हैं. ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए ग्राहक आसानी क़ीमत का पता लगा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर, ऑफ़लाइन चैनल के ज़रिए वे प्रोडक्ट की क्वालिटी की जांच-परख कर सकते हैं.
- मज़बूत डिस्ट्रीब्यूशन: कंपनी के पास मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक एक मज़बूत सप्लाई चेन है. FY24 में, इसने अपने ख़ुद के ब्रांडों के लिए 900 कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर के साथ पार्टनरशिप की. कंपनी के पास 80 वेयरहाउस, स्टॉकिस्ट, 567 डिस्ट्रीब्यूटर और 1,312 से ज़्यादा सब-डिस्ट्रीब्यूटर की आपस में जुडी हुई एक मज़बूत सप्लाई चेन भी है, जो भारत के 45 शहरों में सेम-डे डिलीवरी और 1,043 शहरों में नेक्स्ट-डे डिलीवरी करती है.
FirstCry की कमज़ोरियां
-
घाटे का सिलसिला:
कंपनी पिछले तीन साल से घाटे में चल रही है और ऑपरेशन से नेगेटिव कैश फ़्लो आ रहा है, क्योंकि ये मुख्य रूप से अपना विस्तार करने और बड़ा मार्केट शेयर हासिल करने पर फ़ोकस कर रही है. यही हाल इसकी कुछ प्रमुख सब्सिडरी कंपनियों का भी है, जिनमें से चार ने FY24 में ₹21 करोड़ से ज़्यादा के कुल घाटे के साथ नेगेटिव नेट वर्थ दर्ज़ की. एक और सब्सिडरी कंपनी -- Firstcry Retail DWC -- ने 2019 में अपनी स्थापना के बाद से ₹342 करोड़ का क्यूमिलेटिव लॉस (FY23 तक) दर्ज़ किया है.
- तेज़ इन-आर्गेनिक ग्रोथ के कारण गुडविल में बढ़ोतरी: बैलेंस शीट में कंपनी की गुडविल FY22 में 15 फ़ीसदी से बढ़कर FY24 में 21 फ़ीसदी हो गई है, जो इसके एग्रेसिव और तेज़ एक्वीजीशन की होड़ का नतीजा है. पिछले चार साल में, इसने लगभग ₹1,287 करोड़ के पांच एक्वीज़िशन किए हैं. बैलेंस शीट में गुडविल में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इसमें नुक़सान का ज़्यादा जोख़िम होता है और कंपनी के फ़ाइनेंशियल पर गहरा असर पड़ सकता है.
IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 4,194 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 2,528 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 1,666 |
प्राइस बैंड (₹) | 440 - 465 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 6-8 अगस्त, 2024 |
उद्देश्य | कैपेक्स और वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों के लिए |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 24,142 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 4,837 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | - |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | - |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 5 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल की ग्रोथ (% सालाना) | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू | 64 | 6,481 | 5,633 | 2,401 |
EBIT | - | -300 | -612 | -129 |
PAT | - | -274 | -441 | -72 |
नेट वर्थ | 3,171 | 3,456 | 3,528 | |
कुल डेट | 1,423 | 899 | 409 | |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
ROE (%) | -7.6 | -8.3 | -12.6 | -2 |
ROCE (%) | -7 | -5.8 | -12.5 | -2.7 |
EBIT मार्जिन (%) | -7 | -4.6 | -10.9 | -5.4 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.4 | 0.3 | 0.1 | |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
ये भी पढ़िए - स्टॉक इन्वेस्टमेंट: क्या है मार्जिन ऑफ़ सेफ्टी और क्यों आपके लिए ज़रूरी है?
FirstCry: रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
-
क्या पिछले 12 महीनों में FirstCry की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
कंपनी ने FY24 में ₹321.5 करोड़ का घाटा (टैक्स से पहले) दर्ज़ किया.
-
क्या FirstCry अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. भारत में बर्थ रेट दुनिया में काफ़ी ज़्यादा है, जिससे चाइल्ड केयर प्रोडक्ट की डिमांड बनी रहेगी. इससे कंपनी को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
-
क्या FirstCry का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार या लॉयल है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
हां. FirstCry प्लेटफॉर्म और इसका बेबीहग (Babyhug) ब्रांड काफ़ी मशहूर है. FY24 में कंपनी के GMV का लगभग 72 फ़ीसदी हिस्सा मौज़ूदा ग्राहकों से आया.
-
क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. कई दूसरे संगठित और असंगठित खिलाड़ी भी उसी तरह के प्रोडक्ट बेचते हैं.
FirstCry का मैनेजमेंट
-
क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
नहीं. कंपनी को पेशेवर रूप में मैनेज किया जाता है और इसका कोई जाना-माना प्रमोटर नहीं है.
-
क्या टॉप तीन मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. प्रमुख मैनजरों और सीनियर मैनेजमेंट के पास कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का अनुभव है.
-
क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
-
क्या कंपनी की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
-
क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
ये भी पढ़िए - कैसे न्यूलैंड लेबोरेटरीज़ स्मॉल-कैप फ़ार्मा कंपनी बाधाओं को चुनौती दे रही है
FirstCry के फ़ाइनेंशियल
-
क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
नहीं. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः -7.6 और -7 फ़ीसदी है. FY2024 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः -8.3 और -5.8 फ़ीसदी रहा है.
-
क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
नहीं. पिछले तीन साल में कंपनी का कैश फ़्लो फ्रॉम ऑपरेशन्स (CFO) नेगेटिव रहा है.
-
क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. मार्च 2024 तक इसका का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.4 था.
-
क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. इसका बिज़नस वर्किंग कैपिटल इंटेंसिव है. हालांकि कंपनी ने FY24 में अपने वर्किंग कैपिटल साइकिल को 102 दिनों से घटाकर 53 दिन करने में क़ामयाबी हासिल की है, लेकिन हाई पेबल डेज़ (52) और इन्वेंटरी डेज़ (92) चिंता के विषय बने हुए हैं. FY24 में कंपनी की इन्वेंट्री, कुल करेंट एसेट का 53 फ़ीसदी थी.
-
क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
नहीं. FY24 में इसकी वर्किंग कैपिटल ज़रूरत ₹1,480 करोड़ थी. कंपनी अब IPO से ₹1,666 करोड़ जुटा रही है, लेकिन नेगेटिव कैश फ़्लो के रिकॉर्ड को देखते हुए, कंपनी को आगे बढ़ने के लिए लोन या बाहरी फ़ंड जुटाने पर निर्भर रहना होगा.
-
क्या कंपनी बड़ी कंटिंजेंट देनदारी से मुक्त है?
हां. FY24 तक, कुल इक्विटी के प्रतिशत के रूप में इसकी कंटिंजेंट देनदारियां लगभग 0.2 फ़ीसदी थीं.
FirstCry की वैल्यूएशन
-
क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. लिस्टिंग के बाद, ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर -1.2 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
-
क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
P/E कैलकुलेट नहीं किया जा सकता क्योंकि कंपनी घाटे में चल रही है. इसकी कोई लिस्टेड प्रतिद्वंद्वी कंपनी नहीं है.
-
क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
स्टॉक 5 गुना के P/B रेशियो पर क़ारोबार करेगा. इसकी कोई लिस्टेड प्रतिद्वंद्वी कंपनी नहीं है.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.
ये भी पढ़िए - SIP Calculator: रोज़ ₹100 बचाकर भी बना सकते हैं 1 करोड़? जानिए कैसे