इंटरव्यू

Mirae Asset Large-Cap Fund: प्रदर्शन क्यों ख़राब रहा?

मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में इक्विटी के प्रमुख गौरव मिश्रा के साथ ख़ास बातचीत जिसमें इस फ़ंड पर आपको कई अहम जानकारियां मिलेंगी

Mirae Asset Large-Cap Fund: प्रदर्शन क्यों ख़राब रहा?

अंडरवैल्यू कंपनियों की पहचान करने और रिसर्च से लेकर सेल्स, मार्केटिंग और मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट के मैनेजमेंट में काम करने के बाद गौरव मिश्रा को अपना पसंदीदा काम समझ में आया. एक निजी इक्विटी फ़र्म से लेकर ASK इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में दिग्गज भरत शाह के साथ काम करने तक, मिश्रा ने निवेश की दुनिया के भी कई अलग-अलग सेक्टरों में काम किया. इतनी तरह के अनुभव पाने वाले मिश्रा की निवेश फ़ीलॉसफ़ी को इस इंटरव्यू में जानना और समझना हमारे लिए दिलचस्प रहा. इस समय गौरव मिश्रा मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में इक्विटी के प्रमुख, और मिराए एसेट लार्ज कैप फ़ंड तथा मिराए एसेट फ़ोकस्ड फ़ंड के फ़ंड मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं.

बातचीत के दौरान, उन्होंने अपने फ़ंड के प्रदर्शन की हालिया गिरावट के कारणों और मंदी से उबरने की अपनी रणनीति के बारे में भी विस्तार से बताया.

यहां उनसे बातचीत के प्रमुख अंश दिए जा रहे हैं...

आपको सबसे पहले इक्विटी में दिलचस्पी कब हुई?
ये मेरे अब तक के अनुभव से थोड़ा अलग था. सेल्स, मार्केटिंग और एक स्मॉल स्केल मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट चलाने में अनुभव पाने के बाद, मुझे विश्वास हो गया कि मेरा असली काम परिस्थितियों की पहचान करना, सस्ते अवसरों को पहचानना और रिसर्च करना है. इस इंडस्ट्री में आने के फ़ैसले के पीछे यही मेरी प्रेरणा थी. जब मैं शामिल हुआ, तो ये इंडस्ट्री काफ़ी नई थी, जिसमें देश में केवल मुठ्ठी भर घरेलू ब्रोकर और कुछ AMC ही थे. लेकिन, छुपी हुई संभावनाओं या ग़लत प्राइस वाले आइडिया और मौक़ों को तलाशने की गहरी इच्छा ही मेरी प्रेरणा बनी.

ASK इन्वेस्टमेंट में शामिल होने से पहले सेल साइड में होना कैसा था?
सेल साइड (sell side) की बात करें, तो इंडस्ट्री में एनेलिस्ट के तौर पर मैंने जो सबसे अहम सबक़ सीखा, वो था कि आपको शुरू से आख़िर तक रिसर्च करनी चाहिए और अलग-अलग इंडस्ट्रीज़ में कंपनियों की पहचान करने के तरीक़े के बारे में व्यापक समझ बढ़ानी चाहिए. अपने शुरुआती करियर में, मैंने फ़ार्मास्युटिकल सेक्टर में काम किया, जहां हरेक फ़र्म की अपनी अनूठी गतिशीलता (Unique Dynamic) थी.

इस सेक्टर में बहुत सारे अलग-अलग बिज़नस मॉडल, स्ट्रेटजी और रेगूलेटरी ओवरहैंग (overhang) जैसे दूसरे पहलू हैं. मुझे लगता है कि उस अनुभव ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की. समय बीतने के साथ, मैंने कई दूसरे सेक्टरों के बारे में सीखा और पाया कि कैसे उनमें से हरेक में गतिशीलता (dynamics) अलग थी. इस तरह से शुरुआती अनुभव ने मेरे करियर में मेरी मदद की. मुझे उन सालों के दौरान एक निजी इक्विटी फ़र्म के साथ काम करने का मौक़ा भी मिला और एक बार फिर अनुभव की गहराई, मॉडलिंग और अलग-अलग कंसल्टेंट, लाइन मैनेजमेंट और प्रमोटरों के साथ बातचीत ने मेरी इस यात्रा को बहुत प्रभावित किया.

आपने ASK इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में लंबे समय तक काम किया है. भरत शाह के साथ काम करना कैसा रहा और वहां आपने क्या सीखा?
सेल-साइड (sell-side) और प्राइवेट इक्विटी में काम करने के बाद, मैं ASK इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में शामिल होकर बाय-साइड (buy side) में चला गया, जो मोटे तौर पर एक लॉन्ग-ओनली (long-only) पोर्टफ़ोलियो मैनेजर था. मेरा इरादा एक इन्वेस्टमेंट प्रोफेशनल के तौर पर सीखना और मज़बूत बनाना था. इसलिए, ASK में काम करने से न केवल मुझे ये पता चला कि मैं क्या करने में सहज हूं, बल्कि इससे मुझे अलग-अलग इंडस्ट्री और बिज़नस को देखने का अवसर भी मिला. मुझे इंडस्ट्री के साथ मार्केट कैपिटलाइज़ेशन की कंपनियों के साथ बातचीत करने और जीतने वाली फ़र्मों की पहचान करने का अवसर मिला. सेल-साइड पर ज़्यादा सीधे नज़रिए के मुक़ाबले इंडस्ट्री में अनुभव की गहराई काफ़ी बढ़ गई. हमने मैनेजमेंट की क्वालिटी (कैपिटल एलोकेशन के पहलुओं सहित) कॉर्पोरेट गवर्नेंस, एथिक्स और मैनेजमेंट इंटीग्रिटी जैसी कई बातों पर भी विचार किया.

क्या आप अपनी निवेश फ़िलॉसफ़ी के बारे में बता सकते हैं? किस तरह के स्टॉक या मार्केट आपको उत्साहित करते हैं?
जब बात इन्वेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी की आती है, तो मेरा मानना ​​है कि बेहतर सुपीरियर इकोनॉमिक कैरेक्टर वाले बिज़नस में निवेश करना चाहिए, जो अपने बढ़ने के साथ-साथ वैल्यू भी बनाते हैं और उनमें वैल्यू गैप या सेफ़्टी मार्जिन के साथ निवेश करना चाहिए. मेरा मानना ​​है कि ग्रोथ वैल्यू का ही एक सब-सेट है और वैल्यू डिस्कवरी का एक हिस्सा. लेकिन ग्रोथ के भीतर, मैं ग्रोथ की क्वालिटी और बिज़नस के मूल स्वभाव को देखता हूं.

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अगर कुछ कंपनियां कैपिटल पर ऊंचे रिटर्न जैसे मज़बूत इकॉनोमिकल कैरेक्टर को बनाए रख सकती हैं, तो निश्चित ही उनके पास प्रतिद्वंद्वियों के सामने लंबे समय तक टिके रहने की ख़ास बढ़त है, तो ये मेरी पहली प्राथमिकता है. इसके बाद, हम ख़ास परिस्थितियों, साइकल और डीप वैल्यू सरकमस्टांसेज़ (Deep-Value Circumstances) में वैल्यू खोजने की कोशिश करते हैं. एक फ़ंड मैनेजर के रूप में, मेरा लक्ष्य एक पोर्टफ़ोलियो को रीज़नेबल प्राइस पर क्वालिटी ग्रोथ और ख़ास परिस्थितियों का लाभ उठाने के अवसर के बीच संतुलन हासिल करना है. मैं बड़े उछाल, ओवरहीटेड और ओवरवैल्यूड मार्केट को छोड़कर सभी बाज़ार स्थितियों के साथ काम करने में सहज हूं. जब बाज़ार में तेज़ी से उछाल आता है और तनाव बढ़ता है, तो ये चुनौतीपूर्ण हो जाता है, ख़ासकर उस निवेश शैली के लिए जिसे मैं फ़ॉलो करता हूं.

आप पिछले 15 साल में मिराए के इक्विटी फ़ंड अलग-अलग मार्केट साइकल को सफलता से मैनेज करने के लिए जाने जाते हैं. पिछले दो साल में प्रमुख फ़ड्स, ख़ासतौर पर लार्ज कैप, ELSS, फ़ोकस्ड और मिडकैप फ़ड्स के प्रदर्शन में क्या हुआ है?
एक फ़ंड हाऊस के तौर पर हम अपने इन्वेस्टमेंट क्राइटेरिया के बारे में काफ़ी अनुशासित रहे हैं. इसमें उन शेयरों का पीछा न करना शामिल है जहां वैल्यूएशन बुनियादी बातों से आगे निकल गया है और इसके उलट, पोर्टफ़ोलियो के ऐसे बिज़नस बेचना शामिल है जहां वैल्यूएशन सही नहीं हो. इस संदर्भ में, कैपिटल गुड्स से लेकर डिफ़ेंस तक के कुछ सेक्टरों में मज़बूत री-रेटिंग के कारण चल रही रैली में फंड़ चूक गए होंगे. पांच साल जैसे लंबे समय में प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा, लेकिन हाल के दिनों में बेहतर हो सकता था. इस अर्थ में, पोर्टफ़ोलियो को बाज़ार के कुछ समूहों की री-रेटिंग बढ़ने से फ़ायदा नहीं हुआ है.

आप प्रदर्शन को बेहतर करने की प्लानिंग कैसे करते हैं?
आगे बढ़ने के लिए दोहरा नज़रिया है. पहला, पोर्टफ़ोलियो में मौजूद कुछ बिज़नस को लेकर धैर्य रखना. हमें उन सेक्टर और शेयरों का इंतज़ार करना होगा जहां हम क्वालिटी, ग्रोथ के नज़रिए से और वैल्यूएशन के साथ सहज हैं. पिछले दो साल के दौरान, हमने कंज़्यूमर फ़ेसिंग डिस्क्रेशनरी बिज़नस के साथ-साथ बैंकों में भी निवेश किया है, क्योंकि वे आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध थे और उनके पास सॉलिड फ़्रैंचाइज़ी थी. हम हरेक निवेश को बारीक़ी से ट्रैक करते हैं और हम तब तक निवेश को बनाए रखना चाहेंगे जब तक कि बिज़नस का चरित्र या शुरुआती आइडिया ही बदल न जाए. इसलिए ये एक ऐसा हिस्सा है जहां हमें उस बिज़नस के साथ धीरज रखना होगा जिसे हमने बनाए रखा है.

इसके अलावा, हमारा मानना ​​है कि इफ़ंरास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट में कैपेक्स अपसाइकिल (Capex Upcycle) चल रहा है. हालांकि ये पिछले साइकल जैसा नहीं हो सकता, लेकिन हमने उन नामों को मज़बूत किया है और जोड़ा है जिनमें अभी भी पूरी बढ़ोतरी है और जो अर्थव्यवस्था के इस हिस्से पर एक भूमिका निभाते हैं. हमने ऐसे विचारों को सक्रिय रूप से पोर्टफ़ोलियो में शामिल किया है और ये दो-तरफ़ा नज़रिया है. इसके अलावा, हम केवल इसके लिए मोमेंटम का पीछा नहीं कर रहे हैं; जिन शेयरों में हम निवेश करना चाहते हैं, उनमें योग्यता होनी चाहिए. हमारे पास हाल ही में चुनाव परिणाम थे और आने वाले दिनों में, हमारे पास बजट सेशन होगा, इसलिए हमें हर चीज़ के बारे में सावधान रहना होगा और अपने विश्वास के साथ धैर्य रखना होगा.

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लार्ज कैप 100 शेयरों में फैले हुए हैं. मिराए एसेट लार्ज कैप फ़ंड के लिए अल्फ़ा जेनरेट करने के लिए आपका क्या प्लान है?
मेरा मानना ​​है कि टॉप 100 में से सही मज़बूत ओवरवेट स्टॉक का विश्वास के स्तर के आधार पर चुनाव करना पहला क़दम है. इस दायरे के भीतर स्टॉक के चुनाव के लिए मुख्य दृष्टिकोण पहले ही तय किया जा चुका है. इसके अलावा, पोर्टफ़ोलियो के स्तर पर क्वालिटी, स्ट्रक्चरल ग्रोथ के मौक़ों और डीप वैल्यू, साइकल और ख़ास परिस्थितियों के खेल का मिश्रण रखना, बाज़ार के दिए मौक़ों को पकड़ने के लिए सही तरीक़े होने चाहिए. अंत में, लार्ज कैप ग़ैर-टॉप 100 स्टॉक में 20 प्रतिशत तक निवेश कर सकते हैं और इस समूह से अच्छे स्टॉक के चुनाव से भी मदद मिलेगी.

किन परिस्थितियों में आप किसी स्टॉक से बाहर निकलते हैं?
कुछ परिस्थितियां हैं जिनके तहत हम स्टॉक से बाहर निकलते हैं. हमने सही वैल्यू के मॉडल बनाए हैं और स्टॉक से बाहर निकलने पर विचार किया जाता है जब ज़्यादा लिबरल ऑपरेटिंग और प्रॉफ़िट की संभावनाओं के बाद भी मौजूदा मार्केट प्राइस, उस सही वैल्यू से ज़्यादा हो जाती है. दूसरे परिदृश्य में, अगर कोई बेहतर आइडिया या वैल्यू का प्रस्ताव आता है, तो हम उस ख़ास स्टॉक में अपनी मौजूदगी कम करने और इसके बजाय नए बिज़नस निवेश कर सकते हैं. अंत में, अगर बिज़नस की प्रवृत्ति या हमारी प्रारंभिक धारणाएं बदल जाती हैं और लंबे समय तक वैसी ही बनी रहती हैं, तो हम उन स्थितियों से बाहर निकलना चाहेंगे.

आप रेगुलेटरी चुनौतियों के बावजूद नए ज़माने के टेक स्टॉक को होल्ड करना जारी रखते हैं. आप अपने निवेशकों के सामने इन निवेशों को कैसे सही ठहराते हैं और इन कंपनियों के बारे में आपका लॉग-टर्म नज़रिया क्या है?
नए ज़माने की कंपनियों के बिज़नस मॉडल विकसित हो रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें अच्छी तरह से अमल किया जाए तो वे स्थिरता के समय काफ़ी कम एसेट वाले, ऊंचे रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (ROCE) यानी लगाई गई पूंजी पर ऊंचे रिटर्न वाले होने चाहिए. मिसाल के तौर पर फ़ूड टेक इंडस्ट्री में कुछ शेयर हैं, जिन्होंने अच्छा किया है और जब हमने उन्हें कम क़ीमत पर चुना तो हमारे लिए वैल्यू बनाई और हमने उनमें फ़ायदा भी कमाया.

मोटे तौर पर ये शेयर, ऑपरेशन के लिहाज़ से हमारी अपेक्षाओं के मुताबिक़ हैं, इसलिए हम निवेश में बने रहना चाहेंगे. इनमें से ज़्यादातर बिज़नस प्लेटफ़ॉर्म मॉडल ही हैं जहां पूंजी की अपेक्षाकृत कम है. इसलिए, आपके पास कम पूंजी लगाने वाले मॉडल है जिसमें सही तौर से मज़बूत ग्रोथ है क्योंकि, कई मामलों में, प्रवेश का स्तर अभी भी कम है. हालांकि, फ़िनटेक सेक्टर में हमारी एक होल्डिंग में, हमें लिस्टिड यूनिट की एक सहयोगी कंपनी पर बदक़िस्मती से रेग्युलेटरी कार्रवाई देखनी पड़ी है.

ये दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि बिज़नस मॉडल अभी तक स्थिर नहीं हुआ था, लेकिन उससे पहले ही ये ख़त्म हो गया. बेशक़, शेयर की क़ीमत में उतार-चढ़ाव अक्सर बिज़नस को होने वाले नुक़सान से कहीं ज़्यादा गंभीर हो सकता है. प्लेटफ़ॉर्म की वैल्यू के अलावा, कैश और निवेश सभी सही वैल्यू में योगदान देते हैं. इस तरह, आगे बढ़ते हुए, प्रबंधन और नेतृत्व को चुनौतियों का सामना करना होगा, आगे बढ़ना होगा और वैल्यू खड़ी करनी होगी. हम इस सबको देखते हुए अपनी स्थिति बेहतर बनाएंगे.

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