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क्वांट में प्रॉब्लम है

सेबी क्वांट म्यूचुअल फ़ंड में संभावित फ़्रंट-रनिंग घोटाले की जांच कर रही है. ऐसे में निवेशक क्या करें?

क्वांट में प्रॉब्लम हैAnand Kumar

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2:44

म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों की 24 जून की सुबह एक झटका लगने वाली ख़बर से हुई. पता चला कि क्वांट म्यूचुअल फ़ंड की जांच चल रही है क्योंकि सेबी की नज़र में ऐसा ट्रेडिंग पैटर्न आया है जो फ़ंड हाउस से जुड़े किसी व्यक्ति के फ़्रंट-रनिंग करने का संकेत देता है. AMC ने ख़बर की पुष्टि करते हुए एक प्रो फ़ॉर्मा स्टेटमेंट जारी किया है और जांच में सहयोग का वादा किया है.

फ़्रंट-रनिंग, फ़ाइनेंशियल इंडस्ट्री में सख़्ती से प्रतिबंधित है, ये तब होती है जब आने वाले बड़े किसी ट्रेड के बारे में अंदरूनी जानकारी रखने वाला कोई व्यक्ति उस जानकारी का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए करता है. म्यूचुअल फंड के संदर्भ में, इसमें आमतौर पर एक फ़ंड मैनेजर, ब्रोकर या अन्य अंदरूनी व्यक्ति शामिल होता है जो फ़ंड के आने वाले बड़े ट्रेड के बारे में जानता है और फ़ंड के ऑर्डर से पहले व्यक्तिगत ट्रेड करता है. ये फ़्रंट-रनर को फ़ंड के बड़े ट्रेड के कारण मूल्य में होने वाले बदलाव से लाभ बनाने देता है, जो हमेशा ही फ़ंड के निवेशकों से संभावित लाभ चुरा लेता है.

उदाहरण के लिए, अगर कोई फ़ंड मैनेजर जानता है कि उनका फ़ंड किसी ख़ास स्टॉक की बड़ी मात्रा में ख़रीद करने वाला है, तो वे पहले व्यक्तिगत रूप से उस स्टॉक के शेयर खरीद सकते हैं. जब फ़ंड की बड़ी ख़रीद से स्टॉक की क़ीमत बढ़ जाती है, तो फ़्रंट-रनर अपने शेयर लाभ पर बेच सकता है. ऐसा करना न केवल अनैतिक है, बल्कि अवैध भी है, क्योंकि ये फ़ंड के निवेशकों की क़ीमत पर गोपनीय जानकारी का फ़ायदा उठाना हुआ.

स्वाभाविक रूप से, क्वांट की स्कीमों में निवेश करने वाले इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस जांच का उनके पैसे पर क्या असर होगा. क्वांट एक हाई-प्रोफाइल फ़ंड हाउस है जिसने अपेक्षाकृत कम समय में बड़ी तरक़्क़ी की है. महज़ छह साल में ही इसकी संपत्ति ₹84,000 करोड़ हो गई है, जिसमें से ज़्यादातर इक्विटी में निवेश किया गया है. इसके अलावा, इसके फ़ंड लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में, ये ख़बर कई निवेशकों के लिए झटका है, जिन्होंने इस फ़ंड हाउस पर भरोसा किया था.

भरोसा और नैतिक व्यवहार किसी भी फ़ाइनेंशिल बिज़नस का आधार है, लेकिन म्यूचुअल फ़ंड के लिए ये और भी बड़ी बात है. इन संस्थानों को लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई का प्रबंधन करने का काम सौंपा गया है, जिनमें से कई के पास सीधे शेयर बाज़ार में निवेश करने की विशेषज्ञता नहीं हो सकती है. जब ऐसे अनैतिक कामों के आरोप सामने आते हैं, तो ये इस भरोसे की नींव को हिला सकता है.

बेशक़, ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस स्तर पर, कुछ भी निश्चित नहीं है, और मामला अभी भी जांच के दायरे में है. हालांकि, अपने कामकाज की गंभीरता को लेकर सेबी की प्रतिष्ठा को देखते हुए, कोई उम्मीद कर सकता है कि ये रेग्युलेटरी संस्था ऐसी जानकारी को तभी सार्वजनिक करेगी जब उसे संभावित ग़लत कामों के बारे में काफ़ी ज़्यादा निश्चितता होगी.

तो, निवेशकों के लिए इसके क्या मायने हैं? इस समय इसका निश्चित जवाब देना एक मुश्किल काम है. ऐसी ही कई स्थितियां पहले भी आई हैं, जिसमें एक्सिस म्यूचुअल फ़ंड और HDFC म्यूचुअल फ़ंड जैसे दूसरे बड़े फ़ंड हाउस शामिल रहे हैं. उन मामलों में, सेबी ने गहरी जांच की और उन लोगों के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जो फ़्रंट-रनिंग में शामिल पाए गए, साथ ही उन लोगों के ख़िलाफ़ भी जिन्हें इसे रोकना चाहिए था लेकिन ऐसा करने में विफल रहे.

सेबी के लिए न केवल ग़लत काम करने वालों की जांच करना और उन्हें सज़ा देना महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपायों को लागू करना भी अहम है. इसमें सख्त निगरानी प्रणाली, ज़्यादा जल्दी-जल्दी ऑडिट या फ़ंड हाउस के लिए बढ़ी हुई कंप्लायंस की ज़रूरत शामिल हो सकती हैं. इसके अलावा, सेबी को फ़्रंट-रनिंग के ज़रिए किए गए किसी भी अवैध लाभ को वापस लेने और उन्हें प्रभावित निवेशकों के एसेट्स में वापस जोड़ने का लक्ष्य भी रखना चाहिए.

हालांकि, सभी बातों पर विचार करने और पिछले मामलों के साथ जोड़ कर देखने पर, अब तक जो कुछ भी हम जानते हैं, उसके आधार पर क्वांट फ़ंड से बाहर निकलने के लिए निवेशकों का जल्दबाज़ी करना कोई तर्क नहीं है. हालांकि ये हो सकता है कि परिस्थितियां इस समय दिखाई देने वाली स्थिति से भी बदतर हों, लेकिन इस समय "इंतज़ार करो और देखो" का नज़रिया ही सबसे सही लगता है.

निवेशकों को आगे की घटनाओं और सेबी और क्वांट म्यूचुअल फ़ंड दोनों से आधिकारिक संचार पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए. ये निवेशकों के लिए अपने पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन पर दोबारा नज़र डालने का भी अच्छा समय है. जबकि क्वांट के फ़ंड मज़बूत प्रदर्शन कर रहे हैं, ये घटना एक फ़ंड हाउस चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने की एहमियत याद दिलाती है. आपको इस ख़बर पर कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ये क्वांट के साथ आपके म्यूचुअल फ़ंड निवेश के प्रतिशत पर बहुत निर्भर करेगा.

व्यापक संदर्भ में, ये जांच पूरे म्यूचुअल फ़ंड उद्योग के लिए एक चेतावनी का काम करती है. ये मज़बूत आंतरिक नियंत्रण, सख्त नैतिक दिशा-निर्देश और पारदर्शिता की संस्कृति की ज़रूरत को रेखांकित करता है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इससे जुड़े सभी लोग - रेग्युलेटर, फ़ंड हाउस और निवेशकों - के लिए इस घटना से सीखना महत्वपूर्ण होगा. म्यूचुअल फ़ंड इतने महत्वपूर्ण हैं कि ऐसी चीज़ों की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए.

ये भी पढ़िए - Quant Front Running Case: क्या है फ़्रंट-रनिंग, इसे कैसे दिया जाता है अंजाम?


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