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Hyundai Motor India IPO: मार्केट में कंपनियों की लाइन लगी हुई है. निवेशकों के दरवाज़े पर एक नया ऑफ़र दस्तक देने के लिए तैयार है, और ये एक बड़ा ऑफ़र है. ऐसा लगता है कि भारत में अब तक का सबसे बड़ा IPO लॉन्च होने जा रहा है. हम हुंडई मोटर इंडिया की बात कर रहे हैं. असल में कंपनी ने मार्केट रेग्युलेटर SEBI के पास अपना DRHP दाखिल कर दिया है, जिसे LIC के ₹21,000 करोड़ के इशू के बाद देश का सबसे बड़ा IPO माना जा रहा है. ऑटोमोबाइल दिग्गज के IPO से लगभग ₹25,000 करोड़ जुटाए जाने की चर्चा है, जिसमें इसकी दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी हुंडई मोटर कॉर्प (HMC) लगभग 14 करोड़ शेयर या अपनी हिस्सेदारी का 17.5 प्रतिशत बेच देगी.
दलाल स्ट्रीट पर होने वाली इस रिकॉर्ड तोड़ शुरुआत के पहले हम हुंडई के बिज़नस मॉडल और इसके आगे की रणनीति पर एक नज़र डालते हैं.
हुंडई इंडिया का क़ारोबार
हुंडई इंडिया वॉल्यूम के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑटो कंपनी है, जो मार्केट लीडर मारुति सुजुकी से ठीक पीछे है. और, ये FY09 से इसी पायदान पर बनी हुई है. कंपनी हुंडई ब्रांड के तहत चार पहिया वाहन बनाती और बेचती है. वर्तमान में इसके पास कई पैसेंजर व्हीकल सेग्मेंट में 13 मॉडल का पोर्टफ़ोलियो है. कंपनी ने साल 2023 में अपनी मूल कंपनी हुंडई मोटर कॉर्प (HMC) की कुल बिक्री में 18.2 फ़ीसदी का योगदान दिया.
देश में फिलहाल इसका एक ही प्लांट है, जो चेन्नई के पास है. इसकी मार्च 2024 तक कुल क्षमता 8.2 लाख यूनिट थी. ये दक्षिण कोरिया के बाहर कंपनी का पहला इंटीग्रेटेड मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट भी है. इसने हाल में जनरल मोटर्स से महाराष्ट्र में एक और मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट ख़रीदा है, जिसके FY26 की दूसरी छमाही तक चालू होने की उम्मीद है.
हुंडई इंडिया के फ़ाइनेंशियल्स की एक झलक
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 9MFY24 | FY23 | FY22 | FY21 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू | 52,158 | 60,308 | 47,378 | 40,972 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट | 4,961 | 5,359 | 3,317 | 2,272 |
ऑपरेटिंग मार्जिन (%) | 9.5 | 8.9 | 7 | 5.5 |
नेट प्रॉफ़िट | 4,383 | 4,709 | 2,902 | 1,881 |
ROCE (%) | 27.2 | 28.8 | 20.4 | 15.4 |
कैश फ्रॉम ऑपरेशन | 4,558 | 6,564 | 5,138 | 5,423 |
फ़्री कैश फ़्लो | 1,833 | 4,315 | 3,885 | 2,844 |
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हुडई इंडिया का HMC से लिंक
मार्केट लीडर मारुति सुजुकी की तरह हुंडई इंडिया भी टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के लिए अपनी मूल कंपनी का फ़ायदा उठाती है. ब्रांड नाम के अलावा, इसे HMC की विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त टेक्नोलॉजी तक पहुंच मिलती है. उदाहरण के लिए, कंपनी अपनी मैन्युफ़ैक्चरिंग फ़ैसिलिटी में ऑटोमेशन में पैसिंजर गाड़ियों को एडजस्ट करने के लिए अपनी मूल कंपनी के 'स्मार्ट फ़ैक्ट्री' प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करती है. इसे अपनी सहयोगी कंपनियों की भी मदद मिलती है, क्योंकि ये अपने कच्चे माल का क़रीब 36 फ़ीसदी इससे जुड़ी कंपनियों से हासिल करती है.
इसके बदले में हुंडई इंडिया अपनी मूल कंपनी को रॉयल्टी फ़ीस देती है. FY21 से FY24 के शुरुआती 9 महीनों के बीच इसने अपने रेवेन्यू की 2.4 फ़ीसदी रॉयल्टी फ़ीस चुकाई है जो ₹4,363 करोड़ थी. कंपनी डिविडेंड पेमेंट के मामले में भी उदार रही है. इसने FY21 से FY24 के शुरुआती 9 महीनों के बीच डिविडेंड के रूप में ₹18,289 करोड़ (विदहोल्डिंग टैक्स सहित) वितरित किए हैं, जो इसके कुल रेवेन्यू का 9 फ़ीसदी है! डिविडेंड और रॉयल्टी दोनों को मिलाकर, हुंडई इंडिया ने FY21 से अपने रेवेन्यू का 11.3 फ़ीसदी अपनी मूल कंपनी को दिया है.
हुंडई vs टाटा vs महिंद्रा
हुंडई इंडिया को हाल ही में ख़ासकर टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो लगातार नए प्रोडक्ट लॉन्च कर रही हैं. शीर्ष पर पहुंचने की दौड़ में, हमने इंडस्ट्री की टॉप 4 कंपनियों की तुलना की है.
सबसे आगे निकलने की तैयारी
फ़ाइनेंशियल्स | हुंडई | मारुति सुजूकी | टाटा मोटर्स | महिंद्रा एंड महिंद्रा |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू ग्रोथ (% सालाना) | 21.3 | 29.3 | 17.7 | 27.8 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट ग्रोथ (% सालाना) | 53.6 | 83.5 | 75.8* | 34.3 |
3 साल का मीडियन ऑपरेटिंग मार्जिन | 7.0 | 3.5 | -0.8 | 14.8 |
प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स ग्रोथ (% सालाना) | 58.2 | 36.8 | 47.6* | 75.3 |
3 साल का औसत ROCE | 20.4 | 10.6 | 1.2 | 16.4 |
वॉल्यूम ग्रोथ (% सालाना) | 9.7 | 11.4 | 55.8 | 51.2 |
3 साल का कुल CFO (करोड़ ₹) | 17,125 | 19,948 | 78,671 | 20,082 |
3 साल का कुल FCF (करोड़ ₹) | 11,044 | 8,049 | 24,933 | 3,370 |
वर्तमान मार्केट शेयर (%) | 15 | 43 | 11.1 | 11.2 |
फ़ाइनेंशियल ईयर 21-23 के ग्रोथ के आंकड़े अप्रैल 2023- फ़रवरी 2024 के लिए मार्केट शेयर *लॉस से प्रॉफ़िट तक ग्रोथ टाटा मोटर्स और M&M की वॉल्यूम ग्रोथ में केवल PV शामिल हैं |
हुंडई इंडिया की अगली पारी की तैयारी
हुंडई इंडिया ने अपनी ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए ठोस लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
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कंपनी अपनी बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारतीय उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझना चाहती है. और ये पहले से ही इस काम को कर रही है. कंपनी ने SUV और प्रीमियम वाहनों के लिए बढ़ती पसंद को पहचाना और अपने अलग-अलग प्रोडक्ट धीरे-धीरे बदले हैं. ये इसके सेल्स वॉल्यूम और औसत बिक्री मूल्य में स्पष्ट है, जिसमें FY21-23 के बीच इसक SUV वॉल्यूम 18.7 फ़ीसदी प्रति वर्ष बढ़ रहा है और घरेलू औसत बिक्री मूल्य FY21 से FY24 के शुरुआती 9 महीनों के बीच 8 फ़ीसदी बढ़ा है.
- इसका लक्ष्य अपने मूल पोर्टफ़ोलियो का लाभ उठाकर और ज़्यादा चार्जिंग स्टेशन जोड़कर EV सेगमेंट में अपनी बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाना है. इसके अलावा, इसका इरादा भारत को अपना प्रमुख निर्यात केंद्र बनाने का है. कंपनी का एक्सपोर्ट वॉल्यूम FY21-23 के बीच प्रति वर्ष 21 फ़ीसदी बढ़ा, जिसने इस अवधि के दौरान कुल रेवेन्यू में लगभग 20 फ़ीसदी का योगदान दिया.
हुंडई इंडिया का सफ़र कैसा रहेगा?
महाराष्ट्र में हाल ही में ख़रीदे गए प्लांट के हुंडई इंडिया के विस्तार लक्ष्यों के लिए लॉन्चपैड बनने की उम्मीद है. पूरी तरह चालू होने पर ये कंपनी की कुल क्षमता को 30 फ़ीसदी बढ़ाकर 10.7 लाख यूनिट कर सकता है.
हालांकि, कंपनी अभी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. इसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके और भी कड़े होने की उम्मीद है. इन दबावों के कारण, ये बाज़ार हिस्सेदारी गंवा रही है. FY20 में 17.6 फ़ीसदी से, फरवरी 2024 तक इसकी बाज़ार हिस्सेदारी गिरकर 15 फ़ीसदी रह गई है.
नोट: ये IPO को सब्सक्राइबर करने के लिए कोई रेकमंडेशन नहीं है. कृपया सब्सक्राइब करने से पहले पूरी पड़ताल कर लें.
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