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SRF share price: COVID महामारी के दौरान, भारतीय केमिकल इंडस्ट्री को फलने-फूलने के बेहतरीन मौक़े मिले. चीन की सप्लाई चेन अस्त-व्यस्त हो गई, और इससे भारतीय कंपनियों को आगे बढ़ने के बेहतरीन मौक़े मिले. इस दौड़ में सबसे आगे SRF लिमिटेड रही, जो मार्केट कैप के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी केमिकल कंपनी बनकर उभरी. SRF दलाल स्ट्रीट की पसंदीदा बन गई. FY20-23 के बीच, इसके स्टॉक की क़ीमत लगभग 5.6 गुना बढ़ गई, और सितंबर 2022 में इसका वैल्यूएशन ₹83,779 करोड़ के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया.
हालांकि, FY24 में इसके मुनाफ़े पर ब्रेक लग गए. साल के दौरान, SRF के रेवेन्यू और टैक्स के बाद के मुनाफ़े (PAT) में क्रमशः 12 और 38 फ़ीसदी की गिरावट आई. इसके स्टॉक की क़ीमत में 9.2 फ़ीसदी की गिरावट आई (27 मई 2024 तक).
SRF के फ़ाइनेंशियल्स
FY2024 में प्रॉफ़िटेबिलिटी में गिरावट आई
FY24 | FY23 | FY22 | FY21 | FY20 | FY19 | |
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रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 12,910 | 14,870 | 12,434 | 8,400 | 7,209 | 7,100 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (करोड़ ₹) | 1,911 | 2,954 | 2,586 | 1,680 | 1,066 | 939 |
CFO (करोड़ ₹) | 2,094 | 2,902 | 2,106 | 1,772 | 1,304 | 896 |
EBIT (%) | 14.8 | 19.9 | 20.8 | 20 | 14.8 | 13.2 |
ROE (%) | 12 | 22.9 | 24.5 | 20.3 | 20.2 | 15.4 |
CFO: ऑपरेशन से कैश फ़्लो EBIT: इंटरेस्ट और टैक्स से पहले अर्निंग ROE: इक्विटी पर रिटर्न |
कारण: इसके केमिकल सेगमेंट में चीनी प्रतिद्वंदियों द्वारा इन्वेंट्री डंपिंग और पैकेजिंग सेगमेंट में भारी घरेलू कॉम्पीटीशन. आइए गहराई से जानें.
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पैकेजिंग सेगमेंट
SRF प्लास्टिक संबंधी BOPP और BOPET फ़िल्में बनाती है, जिनका पैकेजिंग इंडस्ट्री में काफ़ी इस्तेमाल किया जाता है. महामारी के दौरान FMCG और फ़ार्मा पैकेजिंग प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग के कारण, इस सेगमेंट में भारी तेज़ी देखी गई. FY21 में बिज़नस का ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन 27.3 फ़ीसदी के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गया, और इसी दौरान, ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट में 61 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई.
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केमिकल सेगमेंट
SRF भारत में फ़्लोरीन आधारित रेफ़्रिजरेंट केमिकल का सबसे बड़ा मैन्युफ़ैक्चरर है. ये कृषि और फ़ार्मा इंडस्ट्री के लिए अलग-अलग स्पेशलिटी केमिकल भी बनाती है.
हालांकि, हाल ही में कंपनी को चीनी सप्लायरों की वजह से कम डिमांड और तगड़े प्राइज़ कॉम्पीटीशन का सामना करना पड़ा क्योंकि COVID के बाद चीन की अर्थव्यवस्था फिर से खुल गई. इन कारणों से FY24 में इस सेगमेंट के मुनाफ़े में 15 फ़ीसदी की सालाना गिरावट आई.
इन बाधाओं के बावज़ूद, इस सेगमेंट ने FY24 में SRF के रेवेन्यू में 48 फ़ीसदी और इसके ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट में 74 फ़ीसदी का योगदान दिया. इसके अलावा, कंपनी ने 25.8 फ़ीसदी का ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन बनाए रखा, जो COVID से पहले के स्तरों से काफ़ी ज़्यादा है और जो कंपनी की ऑपरेशनल एफिशिएंसी और मज़बूत मार्केट स्थिति को दर्शाता है.
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मुख्य बिज़नस पर दांव
FY2024 में आई गिरावट के बावज़ूद, SRF अपने मुख्य केमिकल बिज़नस पर भारी पैसा लगा रहा है. पिछले तीन साल (FY2022-24) में, इसने कुल capex के रूप में ₹6,853 करोड़ इस्तेमाल किए, जो इस अवधि के दौरान लगभग इसके ऑपरेटिंग कैश फ़्लो के बराबर है. इस capex का लगभग 80 फ़ीसदी केमिकल सेगमेंट में लगाया गया है. मैनेजमेंट का कहना है कि इस तरह का capex FY2025 में भी जारी रहेगा.
कंपनी ने बेहतरीन क्वालिटी वाली H32 गैस (पर्यावरण के अनुकूल हाइड्रोजन-आधारित रेफ़्रिजरेंट) विकसित की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में (विशेष रूप से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में) बहुत ज़्यादा डिमांड है. अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए, कंपनी ने ₹1,800 करोड़ की लागत से एक नया प्लांट भी शुरू किया है.
अगर स्पेशलिटी केमिकल सेगमेंट की बात करें, तो SRF ने फ़ार्मा इंडस्ट्री में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख इंटरमीडिएट्स के प्रोडक्शन और क्लाइंट बनाने के मामले में बड़ी तरक़्क़ी की है. दहेज, गुजरात में, 2024 के आख़िर तक इससे संबंधित नौ प्लांट अपना प्रोडक्शन शुरू कर देंगे. इसके ऊंचे मार्जिन वाले एग्रोकेमिकल बिज़नस ने भी FY21 के बाद से अच्छा प्रदर्शन किया है, और दो नए बहुउद्देश्यीय प्लांट भी इस ऑपरेशन को और आगे बढ़ाने का काम करेंगे.
मैनेजमेंट को उम्मीद है कि केमिकल सेगमेंट में सुधार FY25 की दूसरी छमाही में शुरू होगा, और ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन को 25 फ़ीसदी से ऊपर बनाए रखने के साथ-साथ 20 फ़ीसदी की ग्रोथ का अनुमान है.
क्या केमिकल सेगमेंट में लगा दांव सही साबित होगा?
SRF द्वारा प्रोडक्ट में अलग-अलग तरह की ख़ूबियों को बढ़ाने के बजाय स्केल पर ज़्यादा फ़ोकस करना जोख़िम भरा साबित हो सकता है, क्योंकि चीन के कॉम्पिटिटर्स से क़ीमत पर मंडरा रहा ख़तरा अभी टला नहीं है. उनके बड़े पैमाने पर बनाए गए रेफ़्रिजरेंट और स्पेशलिटी केमिकल भारतीय घरेलू इंडस्ट्री को ख़तरे में डाल सकते हैं. क़ीमतों में कोई और गिरावट SRF के फ़ाइनेंशियल्स और प्रॉफ़िटेबिलिटी पर बड़ा असर डाल सकती है, ख़ासकर पहले से जूझ रहे इसके पैकेजिंग बिज़नस पर. इसके अलावा, कंपनी इस समय 51.2 गुना के भारी वैल्यूएशन पर क़ारोबार कर रही है. ये देखना अभी बाक़ी है कि SRF का एग्रेसिव capex इंडस्ट्री में आने वाली बाधाओं के ख़िलाफ़ एक ढाल के रूप में खड़ा होगा या नहीं.
ये कोई स्टॉक सुझाव नहीं है. निवेशकों से अनुरोध है कि निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल कर लें.
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