स्वास्थ्य बीमा की मुख्य श्रेणियों पर नज़र डालते हैं। स्वास्थ्य बीमा कवर खरीदना आसान नहीं है। और शिकायतों की संख्या इस बात का संकेत है कि बीमा कवर खरीदने वालों को वो नहीं मिला जो वह चाहते थे। साफ है या तो बीमा देने वाले ने अपना काम ठीक से नहीं कर रहे और वो नहीं कर रहे जिसका उन्होंने वादा किया था या फिर ग्राहक इस बात को लेकर भ्रमित हैं कि वह अपने बीमा प्लान से चाहते क्या हैं।
आसान शब्दों में कहेंं तो ग्राहकों की ज़रूरत और उन्हें जो मिल रहा है, इन दोनों के बीच गहरी खाई है। बीमा कंपनियों के ढेर सारे उत्पादों और तकनीक ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।। बहुत सारे स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध हैं जो खुद को अलग और दूसरों से बेहतर होने का दावा करते हैं। इसलिए अपने लिए स्वास्थ्य बीमा कवर लेते समय मौलिक बातों को जानना सबसे ज़रूरी है। इनमें से मुख्य हैं-
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा योजनाएं :
यह पारंपरिक स्वास्थ्य बीमा कवर हैं जिन्हें आम भाषा में मेडिक्लेम कहते हैं, हालांकि मेडिक्लेम एक कंपनी के ब्रांड का नाम है। यह आम तौर पर अस्पताल में ईलाज के खर्च को कवर करता है बशर्ते इलाज अस्पताल में भर्ती होकर कराया गया हो और रोगी 24 घंटे से ज़्यादा भर्ती रहा हो। इस प्लान में हॉस्पिटल बेड/कमरा, नर्सिंग, सर्जन की फ़ीस, डॉक्टर की कंसल्टेशन फ़ीस, ख़ून चढ़ाने, ऑक्सीजन और ऑपरेशन थिएटर का खर्च शामिल होता है। आजकल अधिकतर प्लान में ऊपर बताए गए हर खर्च के लिए भी लिमिट तय होती है। हालांकि ये आम तौर पर बीमा लेने वालों को पहले से मौजूद बीमारी या इन बीमारियों से पैदा होने वाली दिक्कतों के लिए पॉलिसी के शुरुआती 4 साल तक कवर नहीं देती हैं।
फैमिली फ्लोटिंग पॉलिसी:
फैमिली फ्लोटिंग पॉलिसी पूरे परिवार को स्वास्थ्य बीमा कवर मुहैया कराती है। इसके फायदे लगभग इंडिविजुअल प्लान की तरह हैं, लेकिन इसमें परिवार के किसी भी या सभी सदस्यों का इलाज कराया जा सकता है। चार सदस्यों के परिवार में सभी के लिए 2 लाख रुपए का बीमा लेने के लिए आप 8 लाख रुपए के अलग अलग प्लान लेने की जगह 8 लाख रु की फैमिली फ्लोटर पॉलिसी ले सकते हैं। अगर आप 8 लाख का फैमिली प्लान लेते हैं तो कोई भी एक सदस्य जरूरत पड़ने पर 8 लाख रुपए तक के खर्च का फायदा उठा सकता है जबकि इंडिविजुअल स्वास्थ्य बीमा प्लान में ये सीमा 2 लाख तक सीमित होती। इससे आपका खर्च कम होगा। इसमें प्रीमियम भी अलग-अलग पॉलिसी के प्रीमियम से कम पड़ेगा। एक फैमिली पॉलिसी कोई भी खरीद सकता है। खरीदने वाला प्रस्तावक होता है और पॉलिसी में जीवनसाथी और 25 साल तक के बच्चों को शामिल किया जा सकता है। यहां तक कि अविवाहित, तलाकशुदा या विधवा बेटी और आप पर आश्रित अभिभावकों को भी शामिल किया जा सकता है।
गंभीर बीमारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाएं ( क्रिटिकल इलनेस प्लान):
यह इंडिविजुअल या फैमिली फ्लोटर पॉलिसी का विकल्प नहीं है बल्कि इंडिविजुअल पॉलिसी के अतिरिक्त है। इन दोनों को अलग-अलग खरीदना पड़ता है। यह इस बात को भी दिखाता है कि भारत में स्वास्थ बीमा का प्रसार कितना कम है। क्रिटिकल इलनेस प्लान कैंसर या स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारी में वित्तीय सहायता दिलाता है। हर कवर में बीमारियों की सूची है, जिसमें आम तौर पर 9 से 12 बीमारी कवर हैं। इसे जीवन बीमा कवर में राइडर के तौर पर जोड़ा जा सकता है, या अलग पॉलिसी के तौर पर जीवन बीमा अथवा साधारण बीमा कंपनियों से खरीदा जा सकता है। अगर कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो पॉलिसी में कवर राशि का पूरा भुगतान एक साथ हो जाता है और पॉलिसी खत्म हो जाती है। किसी भी बीमारी के लिए इसका केवल एक ही बार इस्तेमाल होता है। पेआउट तभी मिलता है जब रोगी बीमारी की पहचान होने के बाद 30 दिन से ज़्यादा जीवित रहे। पॉलिसी प्रभावी होने की तारीख़ से 90 दिनों तक कोई क्लेम नहीं किया जा सकता है।
वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजनाएं: वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजनाएं आम तौर पर 60 से 80 साल की आयु वर्ग वालों के लिए होते हैं। इनमें से अधिकतर को जीवन भर या 90 साल तक की आयु के लिए रिन्यू किया जा सकता है और यह 1 या 2 लाख रु की फिक्स्ड कवरेज दे सकते हैं। इन्हे खरीदते समय सब लिमिट्स के साथ साथ ये ध्यान देने की ज़रूरत है कि इसमें कौन कौन सी बीमारी शामिल हैं क्योंकि कई बार बहुत सारी बीमारियां सूची से बाहर होती हैं। इन प्लान्स में क्रिटिकल इलनेस प्लान भी शामिल हो सकते हैं।
जीवन बीमा कंपनियों से मिलने वाला मेडिकल कवर : जीवन बीमा कंपनियों ने भी स्वास्थ्य बीमा कवर देने शुरू कर दिए हैं। इनमें से अधिकतर बेनिफिट प्लान बताए जाते हैं। इसमें पहले से तय सम इन्श्योर्ड मुआवजे के तौर पर दिया जाता है चाहे इलाज पर खर्च कितना भी हो। साथ ही ये लंबी अवधि के लिए होते हैं जिनका प्रीमियम तीन, पांच, यहां तक कि दस साल तक के लिए फिक्स्ड हो सकता है। अगर आप एक अच्छे मेडिक्लेम, फैमिली फ्लोटर पॉलिसी और एक क्रिटिकल इलनेस प्लान का संयोजन बनाते हैं तो आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।
टॉप अप स्वास्थ्य बीमा:
टॉप अप स्वास्थ्य बीमा सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवर की तुलना में सस्ता होता है। टॉप अप स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य डिडक्टिबल के साथ आता है। जब आप टॉप अप स्वास्थ्य बीमा का फायदा लेने के लिए क्लेम करते हैं तो आपको एक तय राशि अपनी जेब से या दूसरी बीमा पॉलिसी से देनी होती है। इसी को डिडक्टिबल कहते हैं। मान लेते हैं कि आपके पास 5 लाख रुपए का टॉप अप स्वास्थ्य बीमा प्लान है जिसका डिडक्टिबल 1 लाख रुपए है और हॉस्पिटल बिल 1.5 लाख रुपए का है। तो ऐसी स्थिति में आप टॉप अप स्वास्थ्य बीमा प्लॉन से सिर्फ 50,000 रुपए का फायदा उठा सकते हैं। डिडक्टिबल या शुरुआती 1 लाख रुपए आपको या तो अपनी जेब से देना होगा या बेसिक स्वास्थ्य बीमा कवर से। टॉप अप स्वास्थ्य बीमा कवर आम तौर पर स्वास्थ्य बीमा कवर बढ़ाने के लिए लिया जाता है।