Aster DM Healthcare ने ₹13,540 करोड़ की एन्टरप्राइज़ वैल्यू पर अपने GCC बिज़नस को अल्फ़ा GCC होल्डिंग्स को पूरी तरह बेचने का ऐलान किया है. एस्टर डीएम हेल्थकेयर जीसीसी (गल्फ़ कोऑपरेशन काउंसिल), गल्फ़ देशों में सबसे बड़ी हॉस्पिटल चेन में से एक है और भारत में एक उभरता हुआ सितारा है.
यहां मर्जर के कुछ ख़ास प्वॉइन्ट दिए गए हैं जिनसे निवेशकों को जानना चाहिए:
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ख़रीदी हुई कंपनी अल्फ़ा GCC को दो हिस्सेदार 65:35 के रेशियो में चलाएंगे: फ़ज्र कैपिटल (मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में एक निजी इक्विटी कंपनी) और प्रमोटर समूह (मूपेन परिवार).
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कंपनी के वर्तमान अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भारत और GCC दोनों डिवीज़नों की देखरेख करते रहेंगे उप प्रबंध निदेशक अलीशा मूपेन को GCC बिज़नस यूनिट के प्रबंध निदेशक और ग्रुप सीईओ के तौर पर प्रमोट किया जाएगा.
- लेन-देन पूरा करने के बाद, कंपनी की आमदनी का एक हिस्सा शेयरधारकों को डिविडेंट के तौर पर बांटने के बाद, कंपनी बची हुई इनकम को विकास के मौक़ों के लिए बनाए रखने का प्लान कर रही है.
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Aster DM क्या करता है?
1987 में वजूद में आई, एस्टर भारत में उभरती हॉस्पिटल चेन में से एक है. देश के 5 दक्षिणी राज्यों में इसके 19 अस्पताल, 13 क्लीनिक और 226 फ़ार्मेसी हैं. ये खाड़ी देशों में भी मौजूद है, जहां इसके 15 अस्पताल, 118 क्लीनिक और 276 फ़ार्मेसियां हैं.
खाड़ी देशों में इसका बिज़नस, कंपनी का पहला रेवेन्यू जनरेट करने वाला बिज़नस है, क्योंकि इसने FY23 में कंपनी के रेवेन्यू में 75 फ़ीसदी का योगदान दिया. ये FY27 तक अपनी बिस्तरों की क्षमता को 31 फ़ीसदी बढ़ाकर 6,334 करने के लिए भारत में विस्तार कर रही है. ये विस्तार ख़ास तौर से केरल और कर्नाटक राज्यों में किया जाएगा.
इस बदलाव से पहले और बाद में एस्टर का प्रदर्शन
फ़ाइनेशल मैट्रिक्स | बेचने से पहले (GCC+India) | बेचन के बाद (India) |
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5Y रेवेन्यू ग्रोथ (%) | 12.2 | 20.6 |
5Y EBITDA ग्रोथ (%) | 20.6 | 35.5 |
5Y मीडियन EBITDA मार्जिन (%) | 12.7 | 10.4 |
ROCE (%) (H1FY24) | 8.6 | 14.1 |
नेट डेट टू इक्विटी (FY23) | 1.1 | 0.6 |
इस क़दम के पीछे तर्क
भारतीय बिज़नस और GCC बिज़नस को अलग करने से कंपनी को अपने भारतीय ऑपरेशन पर फ़ोकस करने और कैपिटल एलोकेशन को बेहतर करने में मदद मिलेगी. इससे कंपनी एक बोर्ड/गवर्नेंस स्ट्रक्चर स्थापित करने में भी सक्षम होगी. ये बिज़नस की स्वाभाविक ग्रोथ और प्लानिंग के ज़रिए ग्रोथ पाने के प्लान को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.
इस अलग-अलग ऑपरेशन की स्ट्रेटजी से ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ेगी, जिससे निवेशकों को भारतीय ऑपरेशन की बेहतर समझ मिलेगी. साथ ही ऐसा करना संस्थागत निवेशकों के आधार को बढ़ाने के रास्ते भी खोलेगा, जो मुख्य तौर पर भारत में निवेश करने के लिए लोगों को लुभाएग. और अंत में, इस पहल का मक़सद शेयरधारकों के लिए वैल्यू अनलॉक करना है.
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