IT सेक्टर में काम कर रही 42 साल की श्रेया हर महीने ₹1.4 लाख कमाती हैं, और उन्होंने नई टैक्स रिजीम चुनी है. हाल ही में हुई कुछ बातचीत के दौरान, नई टैक्स रिजीम को लेकर उन्होंने भी वही बात बोली जो कई लोगों के मन में है. उन्हें भी यही लगता है कि नई टैक्स रिजीम में टैक्स में छूट नहीं ली जा सकती. लेकिन ये सही नहीं. असल में, उनकी जानकारी आधी-अधूरी है. उनके पास अभी भी टैक्स में छूट पाने का विकल्प है. क्या ये सुनकर श्रेया की तरह आपके भी मन में उत्साह जाग गया है? जी हां, आप बिल्कुल छूट ले सकते हैं.
पहला विकल्प: Employees' Provident Fund (EPF)
आपका इंप्लॉयर आपके EPF में हर महीने आपके जितनी रक़म का योगदान देता है. ये राशि टैक्स छूट लेने में आपकी मदद कर सकती हैं. आइये जानें, श्रेया के मामले ये छूट कैसे मिल सकती है.
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श्रेया EPF में हर महीने ₹8,400 जमा करती है.
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जैसा कि इंप्लॉयर को भी उतना ही योगदान करना पड़ता है, तो श्रेया की कंपनी भी उसके EPF में हर महीने ₹8,400 जमा करती है.
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इंप्लॉयर के योगदान पर टैक्स छूट ली जा सकती है.
- इसका मतलब है कि श्रेया साल के आख़िर में ₹1,00,800 (₹8,400 x 12 महीने) पर, टैक्स पर छूट क्लेम कर सकती हैं.
दूसरा विकल्प: फ़्लेक्सी बेनिफ़िट प्लान (FBP)
कई कंपनियां आपकी कॉस्ट टू कंपनी (CTC) का कुछ हिस्सा आपको FBP के तौर पर देती हैं. FBP में ये चीज़ें शामिल हैं:
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फ़्यूल एक्सपेंस
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टेलीफ़ोन और इंटरनेट बिल
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फ़ूड एक्सपेंस (जैसे प्लक्सी फ़ूड कार्ड)
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लीव ट्रेवल अलाउंस (LTA)
- क़िताबें और मैगज़ीन
आइए वापस श्रेया की बात करते हैं. उन्हें हर महीने ₹10,000 फ़्यूल एक्सपेंस और कार मेंटेनेंस के लिए, ₹2,200 फ़ूड एक्सपेंस के लिए और ₹500 फ़ोन बिल के लिए मिलते हैं. अगर श्रेया इन सभी अलाउंस के बिल और इनवॉइस पेश करती हैं, तो वो अपनी टैक्सेबल इनकम को ₹1,52,400 (एक साल में अलाउंस की कुल राशि) तक कम कर सकती हैं.
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तीसरा विकल्प: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
आप ओल्ड टैक्स रिजीम से बाहर तो निकल सकते हैं, पर आप
NPS
के ज़रिये अपनी टैक्स लायबिलिटी कम नहीं कर सकते.
भले ही नई टैक्स रिजीम में आपको ₹2 लाख से ज़्यादा की टैक्स छूट नहीं मिलती है, पर आपके इंप्लॉयर का NPS योगदान नई रिजीम के तहत माना जाता है. जी हां, आपका इंप्लॉयर EPF की तरह ही NPS में भी योगदान कर सकता है, पर इस मामले में ज़रूरी नहीं कि ये योगदान आपके मासिक योगदान से मेल खाए. ये भी याद रखें कि आपके इंप्लॉयर का NPS योगदान, आपकी 'बेसिक सैलरी के 10 फ़ीसदी' से ज़्यादा नहीं हो सकता.
इसलिए, नई टैक्स रिजीम का पूरा फ़ायदा उठाएं.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत FY24 में श्रेया की टैक्स लायबिलिटी
हमारे दिए गए सुझाव न मानने पर | हमारे दिए गए सुझाव मानने पर | |
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सालाना आय @ ₹1.4 लाख प्रति माह | 1680000 | 1680000 |
स्टैंडर्ड डिडक्शन | 50000 | 50000 |
बेसिक कंपोनेंट @ कुल आय का 50% | 840000 | 840000 |
EPF में एंपलॉयर का योगदान (बेसिक पे का 12%) | 100800 | 100800 |
NPS में एंपलॉयर का योगदान (बेसिक पे का 10%) | - | 84000 |
फ्लेक्सी बेनिफिट | ||
फ्यूल एक्सपेंस और कार मेंटेनेंस @ ₹10,000 प्रति माह | - | 120000 |
फ़ूड कार्ड @ ₹2,200 प्रति माह | - | 26400 |
टेलीफ़ोन बिल @ ₹500 प्रति माह | - | 6000 |
टैक्सेबल इनकम | 1529200 | 1292800 |
कितना टैक्स देना पड़ेगा | 165110 | 112902 |
कितना टैक्स एक्सपेंस बचा पाएंगे | 52208 |
टैक्स में छूट पाने के लिए आपको क्या करना चाहिए
स्टेप 1: अपनी बेसिक सैलरी की रक़म को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाएं. अपने अकाउंटेंट से बात करें, क्योंकि ज़्यादा EPF/NPS योगदान के ज़रिये आप टैक्स में ज़्यादा फ़ायदा उठा सकते हैं.
स्टेप 2: अपना EPF योगदान जारी रखें. याद रखें, इंप्लॉयर का EPF योगदान भी आपको फ़ायदा पहुंचाता है.
स्टेप 3: अपने इंप्लॉयर से FBP मांगें, और अगर ये प्लान आपके पास पहले से है तो इसे बढ़ाने की कोशिश करें. इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि आप इस अलाउंस को पूरी तरह ख़र्च कर पाएंगे या नहीं, क्योंकि टैक्स में छूट पाने के लिए आपको साल के आख़िर में इस ख़र्च का ब्यौरा देना होता है. ब्यौरा पूरा न होने पर, इसके तहत मिलने वाली छूट नहीं भी दी जा सकती.
स्टेप 4: NPS शुरू करें. आपके एंपलॉयर के NPS योगदान पर भी आपको टैक्स में फ़ायदा मिलता हैं.
आपको कितना फ़ायदा होगा
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मान लें कि आपकी कमाई, EPF योगदान और FBP भी श्रेया के जितनी ही है.
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मान लें कि आपने अपनी बेसिक पे को कुल कमाई का 50 फ़ीसदी (₹70,000) तक बढ़ा लिया है.
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अगर आप NPS और फ़्लेक्सी-बेनिफिट भी जोड़ लें, तो आपकी टैक्सेबल इनकम लगभग ₹2.36 लाख कम हो जाएगी.
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इसका मतलब है, आपका सालाना टैक्स एक्सपेंस क़रीब ₹52,000 कम हो जाएगा. यानि, आप हर महीने ₹4,000 से ज़्यादा की बचत कर पाएंगे.
- भले ही NPS में निवेश करने से आपकी टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी, पर इससे कुछ नुक़सान नहीं होगा, क्योंकि ये जमा पूंजी रिटायरमेंट के बाद आपके काम आएगी.
कुछ याद रखने वाली बातें
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NPS में निवेश करते वक़्त 'एक्टिव' विकल्प चुनें.
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बेहतर होगा कि इक्विटी में ज़्यादा से ज़्यादा एलोकेशन (75%) करें.
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पर अगर आप रिटायरमेंट के नज़दीक हैं या आपने एक बड़ा कॉर्पस बना लिया है, तो आप 50-50 एलोकेशन कर सकते हैं.
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स्वास्थ्य बीमा
ख़रीदें और कम से कम छह महीने का ख़र्च चलाने के लिए अपने पास एक
इमरजेंसी फ़ंड
रखें.
- जीवन बीमा तभी ख़रीदें जब कोई आप पर डिपेंडेंट हो या आप परिवार बढ़ाने की सोच रहे हों.
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