SIP सही है

Best Performing Mutual Funds: 5 साल में सबसे अच्छा रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फ़ंड

Mutual Funds SIP: निवेश का फ़ैसला लेने से पहले आपको कई बातों पर ग़ौर करना चाहिए

Best Performing Mutual Funds: 5 साल में सबसे अच्छा रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फ़ंड

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Best Performing Mutual Funds in India Last 5 Years : अगर आप म्यूचुअल फ़ंड के जरिये निवेश की तैयारी कर रहे हैं, तो तीन दर्जन से ज़्यादा कैटेगरी में अपने लिए बेस्ट फ़ंड चुनना आसान नहीं रहता. हालांकि, आम निवेशकों के लिए तो ये ख़ासा मुश्किल काम है. इसका फ़ैसला लेने के लिए अन्य पैरामीटर्स के अलावा, म्यूचुअल फ़ंड या SIP के बीते पांच साल के रिटर्न पर ग़ौर करना भी ख़ासा अहम है. हम यहां इसी के बारे में बात कर रहे हैं.

5 साल की टॉप 5 SIP
which mutual fund has highest return: 5 साल में सबसे ज़्यादा रिटर्न देने वाली SIP में सभी डायरेक्ट प्लान से जुड़े आंकड़े दिए गए हैं.

1. क्वांट स्मॉल कैप
Quant Small Cap Fund: पिछले पांच साल में बेस्ट रिटर्न (Best Performing Mutual Funds) देने वाली SIP का नाम है क्वांट स्मॉल कैप. इस SIP सालाना 40 फ़ीसदी की दर से रिटर्न दिया है. अगर आपने पांच साल पहले इसमें हर महीने ₹10,000 का निवेश शुरू किया होता तो पांच साल में आपके पास ₹15.81 लाख का फ़ंड तैयार हो जाता. हालांकि, 5 साल के दौरान आपने इस SIP में ₹6 लाख जमा किए होते. ये डेटा 17 जुलाई, 2023 तक का है.

2. निप्पॉन इंडिया स्मॉल-कैप फंड
ये फ़ंड (nippon india small cap) भी लंबे समय से अपने इन्वेस्टर्स को दमदार रिटर्न दे रहा है. बीते 5 साल में इसका रिटर्न लगभग 33.19 फ़ीसदी रहा है. यानी अगर आपने इस फ़ंड में 5 साल पहले हर महीने ₹10,000 की SIP शुरू की होती तो आपके पास इस समय लगभग ₹13.50 लाख का कॉर्पस तैयार हो गया होता.

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3. क्वांट टैक्स प्लान
Quant Tax plan direct plan: क्वांट टैक्स प्लान दमदार रिटर्न देने वाले फ़ंड्स की लिस्ट में तीसरे पायदान पर है. पिछले 5 साल में इस फ़ंड ने 30.71 फ़ीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. अगर किसी ने इस फ़ंड में 5 साल पहले ₹10,000 की SIP शुरू की होती तो आज उसके पास लगभग 12.74 लाख का कॉर्पस तैयार हो गया होता.

4. क्वांट मिड कैप फंड
Quant Mid Cap Fund Direct Plan: टॉप 5 लिस्ट में शामिल क्वांट के इस चौथे फ़ंड ने बीते 5 साल के दौरान अपने निवेशकों को लगभग 30.37 फ़ीसदी का दमदार रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि अगर किसी ने 5 साल पहले इस फ़ंड में ₹10,000 की SIP शुरू की होती तो उसके पास ₹12.63 लाख का कॉर्पस तैयार हो गया होता.

5. क्वांट फ़्लेक्सी कैप
Quant Flexi Cap Fund Direct Plan: टॉप 5 लिस्ट में शामिल ये फ़ंड क्ववांट म्यूचुअल फ़ंड का तीसरा दमदार फ़ंड है. इस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड ने बीते पांच साल के दौरान लगभग 29 फ़ीसदी का सॉलिड रिटर्न दिया है. यानी अगर किसी ने 5 साल पहले इसकी ₹10,000 की SIP शुरू की होती तो आज उसके पास लगभग ₹12.20 लाख का कॉर्पस तैयार हो गया होता.

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म्यूचुअल फ़ंड चुनते समय 6 बातों का रखें ध्यान
How to Choose Mutual Funds: इस समय म्यूचुअल फ़ंड्स की तीन दर्जन से ज़्यादा कैटेगरी मौजूद हैं और सैकड़ों स्कीम मौजूद हैं. ऐसे में इन्वेस्टर्स के लिए कोई एक म्यूचुअल फ़ंड स्कीम चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. यहां हम ऐसी 6 बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन पर अपने लिए स्कीम चुनते समय विचार करना चाहिए.

1. निवेश की अवधि
Mutual Funds Time Horizon: आप अपना पैसा कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं. इसके आधार पर ही ये तय होगा कि आपको किस तरह के फ़ंड में निवेश करन चाहिए. अगर आप 5 साल से ज़्यादा समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इक्‍विटी फ़ंड बेहतर हैं. दरअसल, कम समय के लिए निवेश करने पर इक्विटी में भारी उतार चढ़ाव का खतरा रहता है. वहीं, लंबे समय के लिए निवेश करने पर उतार-चढ़ाव का ख़तरा काफ़ी हद तक कम हो जाता है. अगर आप कम समय यानी 5 साल से कम के लिए निवेश करना चाहते हैं तो डेट फ़ंड बेहतर विकल्‍प है.

2. आप कितना रिस्‍क उठा सकते हैं
आम तौर पर डेट फ़ंड को सुरक्षित माना जाता है. वहीं, कई तरह के इक्‍विटी फ़ंड्स में रिस्‍क का स्‍तर अलग-अलग होता है. इक्‍विटी फ़ंड्स की बैलेंस्‍ड फ़ंड कैटेगरी (Hybrid Dynamic Asset Allocation) में काफ़ी कम रिस्‍क होता है वहीं मिड कैप और स्‍मॉल कैप में ज़्यादा रिस्‍क होता है.

बैलेंस्‍ड फ़ंड में डेट और इक्‍विटी दोनों तरह के फ़ंड होते हैं. ऐसे में बैलेंस्‍ड फ़ंड पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है. इस तरह से इसमें रिस्‍क भी कम होता है. लार्ज कैप फ़ंड बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं, जो आम तौर पर कम रिस्‍क के साथ कम रिटर्न देते हैं. मल्‍टी कैप फ़ंड छोटी बड़ी हर तरह की कंपनियों में निवेश करता है. ऐसे में निवेश के लिए ये सबसे बेहतर इक्‍विटी फ़ंड है. ज़्यादा रिस्‍क लेने की क्षमता रखने वाले निवेशकों के लिए मिड और स्‍मॉल कैप फ़ंड बेहतर विकल्‍प हैं. वहीं, ऐसा फ़ंड जो सिर्फ एक सेक्‍टर या एक थीम में निवेश करता है, उसमें निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसे फ़ंड बाजार में तेज उतार चढ़ाव की चपेट में आ सकते हैं और आपको नुकसान हो सकता है. इसके अलावा ऐसे फ़ंड में निवेश से डायवर्सीफ़िकेशन भी नहीं हो पाता है जो निवेश के लिहाज से बेहद अहम हैं.

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3. फ़ंड का परफार्मेंस
अपना लक्ष्‍य हासिल करने के लिए ऐसे फ़ंड में निवेश करना ज़रूरी है, जिनका परफ़ॉर्मेंस अच्छा रहे. इसके लिए आप ऐसे फ़ंड्स पर ग़ौर कर सकते हैं, जिनका प्रदर्शन अतीत में अच्छा रहा हो. इसके लिए आप www.dhanak.com पर फ़ंड्स की स्‍टार रेटिंग चेक करके निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. इसके अलावा आपको ये भी देखना चाहिए कि फ़ंड लगातार अच्छा परफॉर्मेंस कर रहा है या नहीं और फ़ंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है.

4. एक्‍सपेंस रेशियो
Mutual Fund Expense Ratio: आसान शब्‍दों में कहें तो एक्‍सपेंस रेशियो वह फ़ीस है, जो असेट मैनेजमेंट कंपनियां निवेशकों से उनका फ़ंड मैनेज करने के लिए लेती हैं. कई बार ऐसा होता है कि दो समान कैटेगरी के फ़ंड्स के लिए अलग-अलग असेट मैनेजमेंट कंपनियों का एक्‍सपेंस रेशियो अलग-अलग होता है. ऐसे में आपको ऐसे फ़ंड में निवेश करना चाहिए जिसका एक्‍सपेंस रेशियो कम हो. इस तरह से आप ज़्यादा पैसा निवेश कर पाएंगे.

5. उम्र
अगर आपके पास अपने लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए सालों का समय है तो आपको इक्विटी फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए. अगर कोई निवेशक रिटायर हो गया है और उसे 10 साल बाद पैसों की जरूरत पड़ेगी तो उसे बैलेंस्‍ड फ़ंड में निवेश करना चाहिए. वैसे जल्‍दी निवेश शुरू करने का अपना फ़ायदा होता है. कम उम्र में निवेश शुरू करने से इक्‍विटी की कंपाउंडिंग का ज़्यादा फ़ायदा मिलता है.

6. टैक्‍स प्‍लानिंग
इनकम टैक्‍स बचाना हम लोगों में से ज़्यादातर लोगों की प्राथमिकता है. ऐसे में टैक्‍स सेवर फ़ंड सबके पोर्टफ़ोलियो में होना चाहिए. इन फ़ंड्स को इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम यानी ELSS के नाम से भी जाना जाता है. ये रेग्‍युलर इक्विटी फ़ंड हैं जो आपको सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स बेनेफ़िट मुहैया कराते हैं. अगर आप अनुशासित तरीके से टैक्‍स सेविंग फ़ंड्स में निवेश करें तो लंबी अवधि में आप बड़ा कॉर्पस बना सकते हैं.

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कैसे चुनें बेस्ट फ़ंड
Best Long Term Mutual Funds: अब बात आती है अपने लिए अच्छा फ़ंड चुनने की. इसमें धनक की सर्विसेज का फ़ायदा कैसे उठाया जाए. Dhanak.com के फ़ंड पेज पर जाकर अपने लिए अच्छे फ़ंड चुन सकते हैं. यहां पर हमने आपके लिए तीन कैटेगरी- वेल्थ बढ़ाने वाले फ़ंड, स्टेडी इनकम फ़ंड और सबसे अच्छे टैक्स सेवर फ़ंड तैयार की हैं. यहां पर, आप अपनी ज़रूरतों के आधार पर फ़ंड चुन सकते हैं. इन पेजों पर हमारे द्वारा फ़ंड्स को दी गई स्टार रेटिंग भी नजर आएगी.

अगर, आप आंखें मूंदकर दमदार रिटर्न देने वाला कोई फ़ंड चुनना चाहते हैं तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस भी ले सकते हैं. इस सर्विस में पोर्टफ़ोलियो प्लानर, एनेलिस्ट की पसंद और अलर्ट जैसी बेहतरीन सर्विस शामिल हैं. इसके अलावा, यहां पर आपको फ़ंड्स के बारे में 'धनक की राय' भी नजर आएगी.

नए निवेशकों के लिए बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड
Which type of mutual fund is best for beginners: अगर आप नए निवेशक हैं तो सबसे पहले निवेश की आदत डालना ज़रूरी है. इसके लिए, ऐसे तरीक़े से शुरुआत करना चाहिए, जिससे आपका निवेश पर भरोसा बने. इसलिए हमारी सलाह एक एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड से शुरुआत करने की होती है. जब बाज़ार गिरेगा तो ये उतना नहीं गिरेगा. हालांकि, अगर आपकी उम्र कम है तो आपके लिए एक अच्छा इक्विटी फ्लेक्सी कैप फ़ंड भी काफ़ी होगा.

हालांकि, ये तय करने के लिए सबसे पहले आपको दो तरह के डेटा देखने चाहिए. पहली, वो फ़ंड 5-10 साल पुराना हो और टॉप 25 फ़ीसदी फ़ंड्स में आता हो. दूसरी बात, इसे शुरू करने वाला फ़ंड मैनेजर बना हुआ हो. अगर ये दो बातें देख लेते हैं तो उस फ़ंड को चुन लेना चाहिए. कोशिश कीजिए कि SIP करें. अगर 1-2 लाख रुपये जमा हो गए हैं तो भी स्प्रेड करके निवेश करें. इसमें से काफ़ी जानकारियां आप dhanak.com पर हासिल कर सकते हैं.

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कितने तरह के होते हैं म्यूचुअल फ़ंड
What are the types of mutual funds: यूं तो मार्केट में म्यूचुअल फ़ंड्स की लगभग 40 कैटेगरी मौजूद हैं. अगर आप इन सभी पर ग़ौर करेंगे तो ज़रूर कंफ्यूज हो जाएंगे. यही वजह है कि हमने आपके लिए म्यूचुअल फ़ंड की इस दुनिया को आसान शब्दों में आपके सामने रखने का फ़ैसला किया है. इससे आपको अपने लिए सही म्यूचुअल फ़ंड चुनने में मदद मिलेगी.

मोटे तौर पर, म्यूचुअल फ़ंड्स तीन तरह के होते हैं, हम आपको यहां पर इनके बारे में ही बता रहे हैं:

1. इक्विटी फ़ंड्स
Equity funds: इक्विटी फ़ंड्स को क्लासिफाई करने का पहला मानदंड उन कंपनियों का साइज़ होता है जिनमें वे निवेश करते हैं. ये फ़ंड ज्यादातर या लार्ज-कैप या मिड-कैप या स्मॉल-कैप कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

इसके अलावा, ऐसे फ़ंड्स भी हैं जो अपनी असेट्स को इन सभी के बीच कुछ रेशियो में बांटकर रखते हैं.

वहीं, अन्य इक्विटी फ़ंड भी हैं जो किसी विशेष सेक्टर (जैसे बैंकिंग, टेक्नोलॉजी आदि) या ब्रॉड बेस्ड थीम (बिज़नस साइकल्स, हाउसिंग अपॉर्च्युनिटीज़ आदि) में निवेश करते हैं.

2. डेट फ़ंड्स
Debt funds: इनमें वे फ़ंड्स आते हैं जो मेच्योरिटी स्कीम्स और इस तरह के विकल्पों में निवेश करते हैं. इनमें रिटर्न लगभग बैंक एफडी के बराबर या उससे कुछ ज़्यादा होता है.

3. हाइब्रिड फ़ंड्स
Hybrid funds: ये फ़ंड्स इक्विटी और डेट की मिलीजुली स्क़ीम है. उन्हें पोर्टफ़ोलियो में इक्विटी के अनुपात के आधार पर क्लासिफाई किया जाता है.

देखिए ये वीडियो- ₹10 लाख कैसे निवेश करें?


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