SIP सही है

म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें? निवेश शुरू करने वालों के लिए इन्वेस्टमेंट गाइड

Mutual Fund investment कई दूसरे निवेशों के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा मुनाफ़ा दे सकते हैं.

म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें? निवेश शुरू करने वालों के लिए इन्वेस्टमेंट गाइड

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How to invest in Mutual Funds: अगर आप निवेश करने जा रहे हैं तो शुरुआत में म्यूचुअल फ़ंड निवेश मुश्किल लग सकता है. पर, अगर आपने इस स्टोरी को पूरा पढ़ लिया तो फ़ंड्स में निवेश को लेकर आपके सारे ज़रूरी सवालों का जवाब आपको मिल जाएंगे. म्यूचुअल फ़ंड्स को समझना, आपके निवेश और आपकी आर्थिक आज़ादी के सफ़र का पहला क़दम हो सकता है.

How to Invest in mutual funds: SIP के ज़रिए आप अपना म्यूचुअल फ़ंड निवेश सिर्फ़ ₹500 से शुरू कर सकते हैं. इतनी छोटी रक़म से कोई दूसरा निवेश शुरू करना मुश्किल है. आज भारत में बहुत तरह के म्यूचुअल फ़ंड उपलब्ध हैं, और इन तमाम फ़ंड्स में से आप अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ फ़ंड चुन सकते हैं. ज़रूरत का मतलब है, पैसे जोड़ने और निवेश करने का मक़सद पता करना और उसके हिसाब से निवेश करना. ये मक़सद कुछ भी हो सकता है, जैसे - घर ख़रीदना, नई कार लेना, बच्चों की हायर-एजुकेशन, रिटायरमेंट के बाद अपने लिए पेंशन कॉर्पस का इंतज़ाम करना, वगैरह, वगैरह. अब अगर आपको पता है कि आप क्यों निवेश कर रहे हैं तो आप कई तरह के फ़ंड्स में से अपने निवेश के लक्ष्य के मुताबिक़ एक फ़ंड चुन सकते हैं. पर इसमें कुछ और बातों का ध्यान भी रखना होगा, जैसे - आप अपने पैसे से कितना रिस्क ले सकते हैं, या आपको कितने महीनों/ साल बाद इन पैसों की ज़रूरत होगी. धनक पर हम आपको सही फ़ंड चुनने में मदद करते हैं. अपने निवेश के लक्ष्य के मुताबिक़ फ़ंड चुनने के लिए यहां क्लिक करें.

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म्यूचुअल फ़ंड कैसे काम करते हैं?
जैसा कि नाम से ज़ाहिर है, एक म्यूचुअल फ़ंड बहुत से लोगों का धन एक साथ इकट्ठा कर के बनाया जाता है. यानी, एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC), बहुत से लोगों (आप जैसे बहुत से निवेशकों) से धन इकट्ठा करती है और निवेश का एक एक्सपर्ट, जिसे फ़ंड मैनेजर कहते हैं, इस पैसे को ज़्यादा-से-ज़्यादा मुनाफ़े के लिए स्टॉक मार्केट, बॉन्ड्स और सिक्योरिटीज़ में निवेश करता है. यानी आपके और आपके जैसे बहुत से लोगों के पैसे को एक एक्सपर्ट फ़ंड मैनेजर साथ वहां निवेश करते हैं, जहां उन्हें सबसे फ़ायदे का सौदा नज़र आता है.

अब, क्योंकि हमारे आप जैसे लोगों की पैसे की ज़रूरत अलग-अलग होती है, इसलिए फ़ंड्स भी कई ज़रूरतों को ध्यान में रख कर बनाए जाते हैं. जैसे इक्विटी फ़ंड, डेट फ़ंड, बैलेंस्ड फ़ंड, आदि. ये अपने स्वरूप, एसेट क्लास, इन्वेस्टमेंट के मक़सद और रिस्क के मुताबिक अलग-अलग कैटेगरी में रखे जाते हैं. भारत में 44 फ़ंड कंपनियां हैं और इनके फ़ंड्स की संख्या क़रीब 2,500 है. इतने सारे फ़ंड्स में से अपनी ज़रूरत के मुताबिक सही फ़ंड का चुनाव करना एक मुश्किल काम है.

धनक पर हमने आपकी ज़रूरत के मुताबिक़ फ़ंड चुनने का काम आसान कर दिया है. इसके लिए हमने फ़ंड्स को 8 कैटेगरी में बांटा है. और ये कैटेगरी, हमारे और आपके जैसे बचत करने वाले लोगों की ज़रूरत को ध्यान में रख कर तैयार की गई हैं. जैसे कि टैक्स बचाने वाले फ़ंड, पैसे को तेज़ी से बढ़ाने वाले अग्रेसिव ग्रोथ के फ़ंड, या रिटायरमेंट के बाद अपने जमा किए पैसे का निवेश कर के एक भरोसेमंद आमदनी देने वाले फ़ंड.

म्यूचुअल फंड में क्यों निवेश करना चाहिए?

आसान-निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक बिना कागज़ी झंझट के आसन तरीक़ा है. निवेशक बाज़ार पर नज़र रख सकते हैं और अपनी ज़रूरतों के मुताबिक़ निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा, म्यूचुअल फंड स्कीम और पोर्टफ़ोलियो को एक निवेश से दूसरे में री-बैलेंस कर के अपने रिटर्न को बढ़ा सकते हैं.

छोटी-रक़म
आप अपनी पसंद की म्यूचुअल फ़ंड योजनाओं में SIP के ज़रिए कम-से-कम ₹500 महीने का निवेश कर, एक डाइवर्सिफ़ाइड म्यूचुअल फंड पोर्टफ़ोलियो बना सकते हैं. आपके पास एकमुश्त या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के तौर पर निवेश का विकल्प भी है. हालांकि, जब एकमुश्त निवेश की तुलना SIP के चक्रवृद्धि लाभ से की जाती है, तो SIP निवेश की लागत कम करने में काफ़ी असरदार हो जाती है.

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टैक्स-बचत
आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत अपने फ़ाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट के लिए हर वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक टैक्स में छूट ले सकते हैं. इसलिए टैक्स की बचत म्यूचुअल फंड में निवेश का एक बड़ा कारण है. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) पिछले कुछ वर्षों में भारतीयों के लिए टैक्स की बचत का एक लोकप्रिय तरीक़ा बन गया है. इसके ऊंचे रिटर्न की एक वजह इसका तीन साल का लॉक-इन पीरियड भी होता है. हालांकि किसी भी दूसरे टैक्स बचाने वाले निवेश के विकल्प की तुलना में ये सबसे कम है.

एक्सपर्ट-मैनेजमेंट
आपके म्यूचुअल फंड निवेश का मैनेजमेंट एक एक्सपर्ट और प्रोफ़ेशनल फ़ंड मैनेजर करता है. इसके साथ रिसर्च करने वालों की एक टीम भी उनके साथ काम करती है. फंड मैनेजर आपके धन के लिए निवेश की स्ट्रैटजी तैयार करता है. रिसर्च टीम, निवेश के लिए फ़ंड के मैंडेट (निवेश के उद्देश्य) के मुताबिक़ निवेश का ज़रिया चुनती है.

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पहली बार निवेश करने वालों के लिए कुछ काम की बातें
Mutual Funds Investment Guide for Beginners: अगर आप पहली बार फ़ंड निवेश करने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:

अपने निवेश का लक्ष्य तय करें
निवेश को लेकर आपके लक्ष्य, आपका बजट और आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, इन सवालों के जवाब आपके निवेश में अहम भूमिका निभाते हैं. इस आधार पर निवेश करने से आप ये तय कर सकते हैं कि आपको अपनी आमदनी से, अपने निवेश के लिए कितना धन अलग रखना चाहिए. और निवेश से पहले आपको अपने रिस्क प्रोफ़ाइल को लेकर भी सोच लेना चाहिए, यानी, आप अपने निवेश के पैसे से कितना रिस्क ले सकते हैं. किसी ख़ास मक़सद के लिए किया गया निवेश हमेशा बेहतर होता है.

सही तरह का फ़ंड चुनें
सही कैटेगरी पर फ़ैसला लेने के लिए अलग-अलग म्यूचुअल फ़ंड के बारे में पढ़ने से ज़्यादा वक़्त लगता है. विशेषज्ञ आमतौर पर पहली बार निवेश करने वालों के लिए एक बैलेंस्ड फ़ंड या डेट फ़ंड में निवेश की सलाह देते हैं क्योंकि ये स्टेबल रिटर्न के साथ-साथ हुए कम-से-कम रिस्क वाले होते हैं. मगर आपको किस तरह के फ़ंड में निवेश करना चाहिए और किस फ़ंड में निवेश करना चाहिए, दोनों ही बातें धनक पर पता चल जाएंगी. हमारा सॉफ़्टवेयर आपसे कुछ बुनियादी सवाल पूछेगा. जैसे कि आप कितने समय के लिए धन निवेश करना चाहते हैं, कितना निवेश करना चाहते हैं, आदि. इन सवालों के जवाब के बाद आपको आपके निवेश के गोल के मुताबिक़ फ़ंड का सुझाव दिया जाता है. हालांकि, इस सुविधा के लिए आपको हमारी प्रीमियम सर्विस लेनी होगी.

एक म्यूचुअल फंड शॉर्ट-लिस्ट करें
हर कैटेगरी में ढेर सारी म्यूचुअल फ़ंड स्कीम्स के साथ, आपको सही निवेश चुनने के लिए उनका अनालेसिस और तुलना करने की ज़रूरत होगी. निवेशकों को फ़ंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड, एक्सपेंस रेशियो, पोर्टफ़ोलियो के अलग-अलग निवेश और मैनेजमेंट के तहत एसेट जैसे फ़ैक्टर्स को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए. धनक पर जब हम फ़ंड का सुझाव देते हैं तो इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं. यही नहीं हमारे एनेलिस्ट इससे कहीं गहराई में जा कर आपके लिए सबसे अच्छे फ़ंड चुनते हैं. आप निवेश के लिए तैयार फ़ंड में अपना इन्वेस्टमेंट तुरंत शुरू करने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं.

अपने पोर्टफ़ोलियो में डाइवर्सिटी लाएं
अपने पोर्टफ़ोलियो में डाइवर्सिटी लाने और रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न पाने के लिए एक से ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने के बारे में सोचें. फ़ंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो आपको एसेट क्लास और इन्वेस्टमेंट स्टाइल में डाइवर्सिटी लाने में मदद करेगा. ये रिस्क को भी बैलेंस करेगा - जब एक म्यूचुअल फ़ंड ख़राब प्रदर्शन करता है, तब दूसरे फ़ंड आपके पोर्टफ़ोलियो की वैल्यू को बनाए रखते हुए नुक़सान की भरपाई करते हैं. धनक का पोर्टफ़ोलियो मैनेजर इस अहम बात को ध्यान में रखता है. आप यहां अपना पुराना सारा निवेश एक साथ इंपोर्ट कर सकते हैं और हमारा ये टूल आपके निवेश को हर पहलू से जांचने-परखने के बाद पूरा अनालेसिस देता है. यही नहीं आपको किसी ऐसे फ़ंड निवेश से बाहर निकलने की ज़रूरत हो, तो हमारा ये टूल आपको सुझाव देगा. ऐसा करते हुए ये इस बात का खयाल भी रखता है कि फ़ंड बेचने में आपकी टैक्स की देनदारी कितनी होगी. पोर्टफ़ोलियो मैनेजर टूल को आज़माने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

एकमुश्त निवेश के बजाय SIP करें
पहली बार इक्विटी इन्स्ट्रुमेंट्स में निवेश करने वालों के लिए Systematic Investment Plan (SIP) के ज़रिए निवेश करना सबसे अच्छा होता है. SIP आपको समय के साथ अपने निवेश को फैलाने और बाज़ार के सही स्तर पर निवेश करने में मदद करती है. SIP से निवेश की लागत औसत हो जाती है और इसका फ़ायदा आपको लंबे समय में ऊंचा रिटर्न कमाने में मदद करता है.

वित्तीय सलाहकार से सलाह
सही फ़ंड का चुनाव करने के लिए हज़ारों म्यूचुअल फ़ंड्स के बीच, फ़ंड्स के प्रदर्शन पर भी नज़र रखनी पड़ती है. हम समझते हैं कि म्यूचुअल फ़ंड का चुनाव मुश्किल हो सकता है. इसके लिए धनक पर आप हमारी म्यूचुअल फ़ंड की तमाम लिस्ट यहां क्लिक कर के देख सकते हैं.

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म्यूचुअल फंड में निवेश के फ़ायदे
म्यूचुअल फ़ंड निवेश कुछ जोख़िम के साथ आते हैं. लेकिन ये कई मायनों में बेहद फ़ायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा, म्यूचुअल फ़ंड में निवेश के गोल्डन रूल जानने से आप बेकार के जोख़िम से बच सकते हैं, जिससे लंबे समय के दौरान पैसा बनाने के मौक़े पैदा होंगे.

ज़रूरत के मुताबिक निवेश
म्यूचुअल फंड स्वभाव से लचीला होते हैं. इसका मतलब है कि आप म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अच्छी खासी रकम लगा सकते हैं. आप अपनी ज़रूरत और आमदनी के मुताबिक़ निवेश कर सकते हैं. मिसाल के तौर पर, अगर आप एक वेतन पाने वाले व्यक्ति हैं, तो आप SIP या Systematic Investment Plan का विकल्प चुन सकते हैं. SIP की मदद से आपके बजट और सुविधा के आधार पर एक निश्चित राशि समय-समय पर (उदाहरण के लिए हर महीने) निवेश की जाती है.

ख़रीदना है आसान
म्यूचुअल फंड आसानी से उपलब्ध हैं और इन्हें दुनिया में कहीं से भी ख़रीदना काफ़ी आसान है. कई एसेट मैनेजमेट कंपनियां (AMCs) फ़ंड की पेशकश करती हैं और आप अपने निवेश के लिए एजेंट, ब्रोकरेज फर्म, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और दूसरे कई माध्यमों की मदद ले सकते हैं.

ELSS जैसे टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड की लॉक-इन अवधि केवल 3 साल है. ये PPF, FD, ULIP जैसे दूसरे टैक्स बचाने वाले विकल्पों से कम है.

रिडेम्शन भी है आसान
ये योजना के प्रकार के आधार पर आसान रिडेम्शन की अनुमति देता है. उदाहरण के लिए, ओवरनाइट और लिक्विड फंड के लिए, निवेशक अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किसी भी व्यावसायिक दिन पर यूनिट को आसानी से भुना सकते हैं.

ओपन एंडेड स्कीम बहुत लचीली होती हैं क्योंकि वो किसी भी व्यावसायिक दिन पर सदस्यता और निकासी के लिए खुली होती हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें
आप dhanak.com के फ़ंड पेज से सीधे फ़ंड की वेबसाइट पर जा कर ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप ये आसान स्टेप फ़ॉलो करें:
पहला तरीक़ा: dhdnak.com पर लॉगइन करें और अपना ईमेल और फ़ोन नंबर जैसी चीज़ें दे कर एक अकाउंट बनाएं
दूसरा तरीक़ा: सीधे म्यूचुअल फ़ंड स्कीम के फ़ंड हाउस की वेबसाइट पर जाएं, अपना खाता बनाएं और ऑनलाइन निवेश करें.

अगर मैं म्यूचुअल फंड SIP में ₹2,000 निवेश करूं तो मुझे कितना मिलेगा?
अगर आप 24 महीनों के लिए SIP के ज़रिए म्यूचुअल फंड योजना में ₹2,000 हर महीने निवेश करते हैं, तो निवेश पर रिटर्न की अनुमानित दर 8% मान कर, आप आसानी से रिटर्न कैलकुलेट कर सकते हैं. इसके लिए आप हमारा रिटर्न कैलकुलेटर भी इस्तेमाल कर सकते हैं:

Future Value = P [ (1+i)^n-1 ] * (1+i)/i.

भारत में म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कैसे करें?
आप डायरेक्ट प्लान के जरिए सीधे म्यूचुअल फ़ंड हाउस में निवेश कर सकते हैं. आपको बस म्यूचुअल फ़ंड हाउस की वेबसाइट पर जाना होगा और अपना प्रासंगिक विवरण जैसे नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक विवरण भरना होगा.

आप ईKYC के माध्यम से KYC ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं जहां आप आधार और पैन विवरण दर्ज करते हैं. आपकी जानकारी बैकएंड पर सत्यापित की जाएगी और आप अपने बैंक खाते से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के बाद म्यूचुअल फ़ंड में निवेश शुरू कर सकते हैं.

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है?
नहीं, आप AMC की शाखा में जाकर सीधे म्यूचुअल फ़ंड हाउस के साथ म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर सकते हैं. आपको बस म्यूचुअल फ़ंड आवेदन फॉर्म भरना होगा और KYC अनुपालन के लिए स्व-सत्यापित पहचान और पते का प्रमाण जमा करना होगा.

आप प्रारंभिक राशि के लिए चेक जमा कर सकते हैं और आपको एक पिन और फ़ोलियो नंबर आवंटित किया जाएगा. आप किसी म्यूचुअल फ़ंड डिस्ट्रीब्यूटर से भी संपर्क कर सकते हैं और म्यूचुअल फ़ंड की नियमित योजना में निवेश कर सकते हैं.

आप AMC के माध्यम से म्यूचुअल फंड की प्रत्यक्ष योजना में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं. आपको पंजीकरण फॉर्म भरना होगा और पैन और आधार विवरण जमा करके अपना KYC पूरा करना होगा.

बिना ब्रोकर के म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें?
आप म्यूचुअल फ़ंड के डायरेक्ट प्लान में ऑफलाइन या ऑनलाइन सीधे एसेट मैनेजमेंट कंपनी या AMC के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. आप फ़ंड हाउस की शाखा में जा सकते हैं और म्यूचुअल फ़ंड एप्लीकेशन भर सकते हैं और अपना KYC पूरा करने के लिए पासपोर्ट साइज़ की तस्वीर के साथ स्व-सत्यापित पहचान और पते का प्रमाण जमा कर सकते हैं.

डीमैट खाते के जरिये म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें?
आप अपने स्टॉक ब्रोकर के साथ डीमैट खाते के माध्यम से या किसी डिपॉजिटरी भागीदार के माध्यम से म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फ़ंड यूनिट्स डीमैटरियलाइज्ड फ़ॉर्म में रखी जाएंगी. आप शेयरों की तरह ही अपने डीमैट खाते के जरिये म्यूचुअल फ़ंड स्कीम्स को खरीद और बेच सकते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
आप भारत में AMC के ज़रिए सीधे अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर सकते हैं. ये एक भारतीय म्यूचुअल फ़ंड स्कीम है जो विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है. हालांकि, आप उन फ़ंड-ऑफ-फ़ंड्स स्कीम्स पर विचार कर सकते हैं जो विदेशी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करते हैं या जिनका पोर्टफ़ोलियो नैस्डैक 100 या S&P 500 जैसे स्टॉक मार्केट इंडेक्स की नकल करता है.

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