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ठगी से बचने का तरीक़ा

कुछ लोग दूसरों के मुक़ाबले आसानी से धोखा खा जाते हैं. पर क्यों?

ठगी से बचने का तरीक़ा

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एक दिन, फ़ाइनेंशियल फ़्रॉड के पॉडकास्ट सुनते हुए मुझे एक ब्रिटिश महिला, जूलियट डि'सूज़ा की कहानी सुनने को मिली. 1998-2010 के दौरान, उसने ब्रिटेन के कई अमीरों से दोस्ती की और उन्हें ठगा. और तमाम सफल ठगों की तरह, इस महिला के शिकार भी उस पर पूरा-पूरा भरोसा करते थे और अपनी मर्ज़ी से अपने पैसे उसके हाथों में रख देते थे. अपनी ठगी से उसने क़रीब 50 लाख से एक करोड़ पाउंड लूटे, बेशुमार दौलत जमा की और लंदन में चार फ़्लैट भी लिए. 2015 में उसे, 11 लोगों को धोखा देने का दोषी ठहराया गया और 10 साल जेल की सज़ा सुनाई गई.

इतने आत्मविश्वास के साथ इतने सारे लोगों से धोखाधड़ी करना, अचरज में डालने वाली बात है, मगर जो खेल FTX के सैम बैंकमैन-फ़्रीड (Sam Bankman-Fried) ने खेला है, उसके मुक़ाबले तो ये छोटी-मोटी जेब काटने जैसी बात हुई. बैंकमैन के मामले में तो उसके शिकार लोगों ने उस पर भरोसा किया और अपनी मर्ज़ी से उसे पैसे दिए, मगर उसने लोगों के क्रिप्टो के जुनून का फ़ायदा उठाया और अपने फ़्रॉड को इंडस्ट्रियल स्तर पर ले गया.

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हालांकि, मुझे लगता है कि जूलियट डि'सूज़ा की ठगी के शिकार लोग, मनोवैज्ञानिक नज़रिए से ज़्यादा दिलचस्प और सबक़ लेने वाले हैं. जब कोई क्रिप्टो जैसे ग्लोबल फ्रॉड या आजकल के डिजिटल स्टार्टअप रैकेट का शिकार होते हैं, तो बहाना होता है कि लाखों लोगों ने भी तो यही किया है. बड़े स्तर पर ठगे जाने में ये तर्क दिया जाता है कि जब इतने सारे लोग कर रहे हैं, और मीडिया के साथ-साथ फ़ाइनेंस इंडस्ट्री भी समर्थन कर रही है, तो उसमें कुछ तो सच्चाई रही होगी.

हालांकि, व्यक्तिगत स्तर पर किए गए फ्रॉड के पीछे अलग क़िस्म का तर्क दिया जाता है. जैसे कि इस महिला ने कुछ अलौकिक या दूसरी-दुनिया की शक्तियां होने का दावा किया और लोगों ने हर तरह की चीज़ों के लिए पैसे दिए, जिसमें व्यक्तिगत, फ़ाइनेंशियल और दुनियावी चीज़ें दे दीं. ऐसी धोखाधड़ी के हर मामले में, पीड़ितों ने बड़ी-बड़ी झूठी बातों पर भरोसा किया जो पूरी तरह वास्तविकता और तर्क से परे थीं. ठगी के शिकार ज़्यादातर व्यक्ति सफल लोगों में शुमार होते थे क्योंकि ऐसे ही लोगों के पास पैसा था जो उन्हें ठगे जाने के क़ाबिल बनाता था. दरअसल, वे रईस लोग पहले से ख़ासे सुर्खियों में रहे थे. ये अपने-अपने पेशे के सक्षम लोग थे जो दुनिया के काम करने के तौर-तरीक़े समझते थे और उनसे निपटने के क़ाबिल थे. इन्हें आप वास्तविकता की समझ वाले लोग कह सकते हैं.

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मगर, जब इनका सामना ठगी से हुआ, तो यही लोग उम्मीद से ज़्यादा भोले साबित हुए. दुनिया के कामकाज की उनकी समझ काफ़ी कमज़ोर साबित हुई. कई सफल लोगों को लगता है कि उनकी सफलता एक संयोग है और जीवन के कई ऐसे रहस्य हैं जो उनसे छिपे हुए हैं. दुनिया के काम करने का उनका मानसिक मॉडल ऐसा ही है. बात जब निवेश की आती है, तो लंबे समय से मैं देख रहा हूं कि अलग-अलग लोगों के मन में अलग-अलग मॉडल होते हैं. इनमें सबसे आम ये है, 'ऐसे लोग हैं जो जानते हैं कि किसी स्टॉक की क़ीमत कब बढ़ेगी. अगर उनमें से कोई मुझे बता दे, तो मैं पैसे बना सकता हूं.' ये स्टॉक मार्केट का 'टिप' मॉडल है. ये इतना दिमाग वाला मॉडल नहीं है जितना इसकी कमी वाला कहलाएगा. बदक़िस्मती से, ये मॉडल काफ़ी तादाद में है. ऐसा लगता है कि तमाम ऐसे लोग हैं, जो मानते हैं कि कोई है, जो जानता है कि चीज़ें किस तरह से होने वाली हैं और सब कुछ इस सीक्रेट को जानने वालों पर निर्भर करता है.

'टिप' मॉडल की तुलना में 'ऑपरेटर मॉडल' कुछ ज़्यादा व्यापक है. ऑपरेटर मॉडल के तहत, लोगों को लगता है कि ऐसे लोग ("operators") हैं, जो स्टॉक की क़ीमत पर प्रभाव डालते हैं और सिर्फ़ ये पता लगाने की ज़रूरत है कि ये ऑपरेटर क्या कर रहे हैं और फिर उनकी देखा-देखी उसी स्टॉक पर दांव लगा दें जिसपर ये ऑपरेटर दांव लगा रहे हैं. बड़े वॉल्यूम वाले स्टॉक को छोड़ दें, तो कई स्टॉक ऐसे हैं जिन्हें ये 'ऑपरेटर' अपने जोड़-तोड़ से प्रभावित करते हैं, कम से कम थोड़े समय के लिए तो कर ही लेते हैं. हालांकि, इस मॉडल का फ़ायदा सिर्फ़ ऑपरेटरों को ही मिलता है. अगर आप ख़ुद एक ऑपरेटर नहीं हैं, तो इन ऑपरेटर के हाथों अपना पैसा गंवाने के बड़े जोख़िम में है. और हां, असल में, एक और मॉडल मौजूद है. इसमें आपको ये पता लगाना होता है कि कंपनियां कितना कमाती हैं, वो भविष्य में कितनी कमाई करेंगी और प्रतिस्पर्धा का सामना कैसे करेंगी और इसी तरह की कुछ और बातें जाननी ज़रूरी होती हैं. पहले के दो मॉडलों की तुलना में, कुछ लोग इस पर भरोसा करते हैं.

निवेश की दुनिया में कई तरह से ठगी होती है, लेकिन जो लोग ऊपर बताए मॉडलों में से एक मॉडल को अपना लेते हैं वो ठगों से सुरक्षित रहते हैं. अब आप सोचिए कि वो कौन सा मॉडल है जो ठगी से सुरक्षा देता है.

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