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अधिकतम रिटर्न कैसे हासिल करूं?

अपने निवेश से अधिकतम फ़ायदा उठाने की बात हर किसी के मन में हो सकती है, मगर निवेश के मुनाफ़े या रिटर्न को लेकर आपका क्या रवैया होना चाहिए

अधिकतम रिटर्न कैसे हासिल करूं?

मैं अपने ₹30 लाख के निवेश पर अधिकतम रिटर्न कैसे हासिल कर सकता हूं? - धनक सब्‍सक्राइबर

इन्‍वेस्टिंग, लंबे समय में वैल्‍थ बढ़ाने का शानदार तरीक़ा है. लेकिन एक निवेशक के तौर पर आपका मक़सद सिर्फ़ अधिकतम रिटर्न हासिल करना नहीं होना चाहिए.

इसके बजाए आप अपने निवेश का पूरा फ़ायदा उठाने के लिए इन बातों पर विचार करें.

सही इन्‍वेस्‍टमेंट प्रॉडक्‍ट
सिर्फ़ अधिकतम रिटर्न के लिए इन्‍वेस्‍टमेंट प्रॉडक्‍ट चुनना ख़तरे को दावत देना है. बेहतर होगा, कोई क़दम उठाने से पहले निवेश के हर विकल्प की कमियां और फ़ायदे समझ लें.

मिसाल के तौर पर, इक्विटी फ़ंड एक-दो साल में ऊंचा रिटर्न दे सकता है, लेकिन ये काफ़ी जोख़िम भरा हो सकता है. किसी भी समय मार्केट करेक्‍शन की ज़द में आ सकता है. ऐसे में अगर आपको अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ गई, तो नुक़सान उठा कर अपना निवेश रिडीम करना पड़ सकता है. इसलिए कम समय के निवेश के लिए डेट फ़ंड चुन कर आप इस तरह के हालात में फंसने से बच सकते हैं. अगर आप 5 साल या इससे ज़्यादा समय के लिए निवेश करने जा रहे हैं तभी इक्विटी में निवेश पर विचार करें.

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डायवर्सीफ़ाई
सारे अंडे एक टोकरी में न रखना, और निवेश को म्‍यूचुअल फ़ंड की तमाम कैटेगरी में डायवर्सीफ़ाई करने से भी बे‍हतर रिटर्न पाने में मदद मिल सकती है. ऐसा करने से अगर एक फ़ंड ख़राब प्रदर्शन कर रहा है, तो दूसरे फ़ंड के रिटर्न आपके पोर्टफ़ोलियो में संतुलित ला देते हैं.

सिस्‍टमैटिक निवेश
इक्विटी मार्केट, कम समय में उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है. ऐसे में अपनी अपना सारा पैसा किसी फ़ंड में एक ही बार में लगाने से बचें. अपने निवेश को एक तय समय में फैला कर निवेश करें, इससे आपके निवेश पर मार्केट की गिरावट का असर कम होगा.

एसेट एलोकेशन
सही एसेट एलोकेशन की रणनीति आपके निवेश के जोख़िम और रिटर्न को संतुलित करने में मदद करती है. डेट और इक्विटी दोनों में निवेश बंटा हुआ निवेश आपके पैसे को ज़्यादा सुरक्षा रखता है.

अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो की सालाना समीक्षा भी अहम होती है. इससे ये पक्का हो जाता है कि आपके पैसों की ज़रूरत, और आपके जोख़िम उठाने की क्षमता के लिहाज से आपका निवेश सही है.

कुल मिला कर, ज़्यादा-से-ज़्यादा रिटर्न हासिल करना ही आपका इकलौता लक्ष्‍य नहीं होना चाहिए. ये ज़रूरी है कि आप पहले जोख़िम का आकलन करें और फिर समझदारी से निवेश का विकल्‍प चुनें.

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