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जॉन बोगल की वो सलाह जो इंडेक्स फ़ंड फ़ैन आपको नहीं बताते

आइए देखते हैं कि पैसिव इन्वेस्टिंग के जनक का एक्टिव फ़ंड्स के बारे में क्या कहना है

जॉन बोगल की वो सलाह जो इंडेक्स फ़ंड फ़ैन आपको नहीं बताते

जॉन बोगल, निवेश की दुनिया के प्रणेता और वैनगार्ड के संस्थापक थे. वो, इंडेक्स फ़ंड और पैसिव इन्वेस्टिंग के पक्षधर होने के लिए प्रसिद्ध हैं. अक्सर भारत में इंडेक्स फ़ंड की वकालत करने वाले लोग और फ़ंड हाउस, उनकी कही बातों को एक असरदार मार्केटिंग टूल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.

हालांकि, उनकी पहचान इंडेक्स फ़ंड का पक्षधर होने की है, पर इसके बावजूद अगर उनकी बातों को क़रीब से देखा जाए तो पता चलता है कि बोगल ने एक्टिव फ़ंड्स की अहमियत को पूरी तरह से नकारा नहीं था. दरअसल, उनका मानना था कि उभरते हुए मार्केट में एक्विट तरीक़े से मैनेज किए जाने वाले फ़ंड्स तब बेहतर नतीजे दे सकते हैं, जब लिक्विडिटी कम हो, और इंडेक्स फ़ंड के लिए बेंचमार्क रिटर्न हासिल करने में मुश्किल हो रही हो. एक्टिव तरीक़े से मैनेज किए जाने वाले फ़ंड्स, मार्केट की कमियों, ग़लत-प्राइसिंग (misprising), और लीक से हट कर मिलने वाले मौक़ों का फ़ायदा बेहतर ढंग से उठा सकते हैं, जो इंडेक्स फ़ंड में होना मुश्किल है.

निवेशकों को ये बात याद रखनी चाहिए कि एक उभरते हुए मार्केट के तौर पर भारत में, एक्टिव फ़ंड मैनेजमेंट के लिए अच्छे मौक़े हैं. बोगल मानते थे कि कुछ परिस्थितियों में एक्टिव फ़ंड अच्छा निवेश हो सकते हैं. बदक़िस्मती से, निवेश की दुनिया में मार्केटिंग हाईप के चलते उनकी ये महत्वपूर्ण बात अक्सर नज़रअंदाज़ कर दी जाती है.

बोगल के मुताबिक़, अगर आप निवेश करने की बात सोच रहे हैं, तो आपको एक एक्टिव फ़ंड चुनना चाहिए, जिसमें ये बातें हों:

कम ख़र्चीला होना: एक्टिव तरीक़े से मैनेज किए जाने वाले फ़ंड को कम ख़र्चीला होना चाहिए क्योंकि फ़ंड की फ़ीस में जाने वाला पैसा धीरे-धीरे निवेश के रिटर्न को खाता रहता है. निवेशकों को ऐसे फ़ंड चुनने चाहिए जो एक्सपेंस रेशियो कम करें और जिनमें कोई छुपी हुई लागत न हो.

निवेशक के मुताबिक़ चलने वाला और अनुभवी मैनेजमेंट: फ़ंड मैनेजरों की सफलता का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए. साथ ही उनके निवेश की स्ट्रैटजी, निवेशकों के गोल और रिस्क सहन करने की क्षमता के मुताबिक़ होनी चाहिए. निवेश को चुनने के तरीक़े और निवेश मैनेज करने में अनुशासन होना चाहिए.

लंबे वक़्त का रिकॉर्ड: पिछले दस साल के दौरान, फ़ंड का प्रदर्शन अपने बेंचमार्क इंडेक्स से बढ़ कर होना चाहिए, जिससे मार्केट की अलग-अलग परिस्थितियों में बेहतर नतीजे देने की फ़ंड मैनेजर की क्षमता का पता चलता हो.

जहां, बोगल की सलाह इंडेक्स फंड्स की लोकप्रियता की भविष्यवाणी करती है, वहीं ये सभी बातें भी एक्टिव तरीक़े से मैनेज किए जा रहे फ़ंड्स के आकलन पर लागू होती हैं.


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