बड़े सवाल

SIP बंद होने के बाद जमा पैसों का क्या होता है?

अगर आप अपनी म्यूचुअल फ़ंड SIP कैंसिल कर देते हैं, उसके बाद आपके जमा पैसों का क्या होता है.

अगर आप अपनी म्यूचुअल फ़ंड SIP कैंसिल कर देते हैं, उसके बाद आपके जमा पैसों का क्या होता है.

म्यूचुअल फ़ंड में, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट की तरह कोई तय सीमा नहीं होती. आप इसे तब तक होल्ड कर सकते हैं जब तक आपका चुना हुआ फ़ंड ऑपरेशनल है. किसी फ़िक्स्ड डिपॉज़ट (FD) में आप एक तय समय में तय रक़म निवेश करते हैं, जिसकी मियाद सात दिन से लेकर कई साल तक की हो सकती है. अगर ये मियाद ख़त्म हो जाती है, तो आपका निवेश किया हुआ पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है, या फिर आप इसे आगे के लिए ऑटो-रिन्यू का विकल्प चुन कर अपना निवेश आगे बढ़ा सकते हैं.

वहीं फ़िक्स्ड डिपॉज़िट के विपरीत, म्यूचुअल फ़ंड्स किसी फ़िक्स रिटर्न की गारंटी तो नहीं देते हैं, पर इनमें बेहतर रिटर्न की संभावना कहीं ज़्यादा होती है.

म्यूचुअल फ़ंड में तय समय जैसा कुछ नहीं, लेकिन...

जब बात म्यूचुअल फ़ंड्स की हो, तो इनमें तय समय जैसा कुछ नहीं है. हालांकि हमारे पास कुछ कैटेगरी ऐसी हैं, जो निवेश की अलग-अलग अवधि के आधार पर बांटी गई हैं. मगर ये ज़रूरी नहीं है कि आपको अपने निवेश को इसी पीरियड के लिए होल्ड करना ही होगा. मिसाल के तौर पर, शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड आमतौर पर उन पैसों के लिए होते हैं, जिसकी ज़रूरत आपको दो या तीन साल में हो सकती है. हालांकि, आप अपने निवेश को तीन साल या और और ज़्यादा वक़्त के लिए जारी रख सकते हैं. और आपका पैसा, पहले की तरह ही मैनेज होता रहेगा. और ठीक उसी तरह रिटर्न भी मिलता रहेगा. पर जितने समय के लिए निवेश जारी रखने की सलाह दी जाती है. अगर आप उससे ज़्यादा देर तक निवेश में बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको उतना अच्छा रिटर्न न मिले. क्योंकि अगर किसी ने पांच साल या उससे ज़्यादा समय के लिए निवेश किया है. तो ऐसे में इक्विटी फ़ंड ज़्यादा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.

SIP में निवेश बंद होने के बाद भी मैनेज होता रहेगा पैसा

इसी तरह, जब आप SIP के ज़रिए इक्विटी फ़ंड में निवेश करते हैं, और अगर आपकी SIP ख़त्म हो जाती है (यानी, आप उसमें पैसा देना बंद कर देते हैं), तो उसके बाद भी आप जब तक चाहें अपना निवेश जारी रख सकते हैं. दरअसल, SIP म्यूचुअल फ़ंड में निवेश का एक ज़रिया है. SIP से निवेशकों में अनुशासन और लगातार निवेश करने की आदत बनती है. अगर आप SIP में पैसा देना बंद करने का फ़ैसला करते हैं, तब भी आपका पैसा उसी तरह से निवेशित रहेगा और मैनेज होता रहेगा. तो यहां, टेन्योर/होरिजोन तय करने/अनुमान लगाने का सिर्फ़ यही मतलब है कि आप अपने रिटर्न को ज़्यादा-से-ज़्यादा बढ़ाने के लिए सही फ़ंड कैटेगरी का चुनाव करें.

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