IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफर। लंबे इंतजार के बाद LIC का IPO आ चुका है और इसमें निवेश करने वालों को अब तक अच्छा मुनाफ़ा मिला है। लेकिन अभी ज्यादा समय नहीं हुआ जब पेटीएम का IPO बुरी तरह से पिट गया था और नुक़सान उठाने वाले इंडीविजुअल निवेशक स्टार्ट-अप को बुरी तरह से कोस रहे थे।
एक इंडीविजुअल निवेशक के तौर बहुत से लोगों को लग रहा होगा कि उनके पास भी मौका था। वे भी LIC के IPO में पैसा लगा कर कुछ दिनों में ही बड़ा मुनाफ़ा कमा सकते थे। आम जनमानस में माना जाता है कि IPO के जरिए कई गुना मुनाफ़ा बहुत कम समय में कमाया जा सकता है। यह बात पूरी तरह से गलत भी नहीं है। लेकिन यह बात भी मौजू है कि IPO में स्टॉक्स की तुलना में अतिरिक्त जोख़िम होता है। ऐसे में किसी IPO में निवेश करने से पहले 4 बातों पर गौर कर लेना चाहिए। ठीक उसी तरह से जैसे आप कोई स्टॉक खरीदने से पहले कुछ बातों की पड़ताल करते हैं। वरना IPO का जोश महंगा भी पड़ सकता है।
कंपनी की ग्रोथ: अगर आप किसी IPO में रकम लगाना चाहते हैं, तो सबसे देखें कि कंपनी की ग्रोथ कैसी है, और आने वाले समय में ग्रोथ की क्या संभावनाएं हैं। अगर कंपनी का कारोबार बढ़ रहा है और आगे भी अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं तो यह कंपनी निवेश के लिहाज से अच्छी मानी जाएगी।
मुनाफा: आपको यह देखना चाहिए कि कंपनी मुनाफ़ा कमा रही है या नहीं। अगर कोई कंपनी मुनाफ़ा नहीं कमा रही है तो एक इंडीविजुअल निवेशक के लिए निवेश के लिहाज से वह बेहतर विकल्प नहीं हो सकती है। भले ही इसकी वजह कुछ भी हो।
रिटर्न: कंपनी का रिटर्न भी बहुत अहम है। वैसे अगर कंपनी का क़ारोबार बढ़ रहा है और कंपनी मुनाफ़ा भी कमा रही है तो ज़्यादा संभावना इस बात की है कि कंपनी का रिटर्न भी अच्छा होगा।
मैनेजमेंट: चौथी सबसे अहम बात है कंपनी का मैनेजमेंट। आपको देखना चाहिए कि कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है। जो लोग कंपनी चला रहे हैं, बाज़ार में उनकी साख कैसी है। अगर कंपनी का मैनेजमेंट क़ारोबार में गलत तौर-तरीके अपना रहा है तो ऐसी कंपनी में निवेश आपके लिए नुक़सान का सबब बन सकता है।
ये तो हो गई 4 बातें जिन पर आपको IPO में निवेश से पहले गौर करना चाहिए। इसके बावजूद भी IPO में निवेश की बात करें तो यहां अतिरिक्त जोख़िम होता है। इसकी वजह भी है, एक तो कंपनी के बारे में आपको ज़्यादा जानकारी नहीं होती है, क्योंकि कंपनी के बारे में ज़्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं होती है। इसकी वजह से कंपनी का तमाम मानकों पर गहराई से विश्लेषण नहीं हो पाता है। दूसरा मसला, IPO की कीमतों को लेकर है। IPO की कीमतें कम हों या ज़्यादा। ये कीमतें उचित हैं, यह जानने का कोई तरीका नहीं है। ऐसे में IPO में निवेश करने पर नुक़सान का खतरा भी काफ़ी अधिक होता है। जैसा कुछ माह पहले पेटीएम के IPO के साथ हुआ। हजारों निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई गवां दी। सिर्फ कम समय में ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लालच में।
एक और अहम बात, आप निवेशक हैं। सटोरिए नहीं। जब आप IPO में निवेश करते हैं तो आपका नजरिया शार्ट-टर्म का होता है। आप सोचते हैं कि अलॉटमेंट मिल गया तो बेच कर निकल लेंगे। ऐसे में बेहतर तो यही है कि आप IPO में निवेश से परहेज करें।