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2022 में फ़ायदे के टॉप ट्रेंड: डिजिटल डिस्रप्शन

डिजिटलाईज़ेशन ड्राईव से कोई सेक्टर अछूता नहीं रह गया है, यही वक़्त है जब आप डिजिटल सर्विस में आई इस लहर से फ़ायदा उठा सकते हैं।

2022 में फ़ायदे के टॉप ट्रेंड: डिजिटल डिस्रप्शन

भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला डिजिटल कन्ज़्यूमर मार्केट है और इन्टरनेट सब्सक्राईबर के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। हमारे यहां 2021 में क़रीब 82.5 करोड़ सबस्क्राईबर थे। यही लोग, देश की डिजिटल कंपनियों के तेज़ी से स्केल-अप कर पाने की ताक़त हैं। इसके अलावा कम-एसेट वाले मॉडल और टेक्नोलॉजी-आधारित अप्रोच ने इन कंपनियों को और भी मज़बूती दी है। डिजिटल-डिसर्पशन (डिजिटल क्षेत्र के तेज़ और बुनियादी बदलाव) ने बदलाव के इस दौर में भारत को एक लीडर के तौर पर उभरने का रास्ता साफ़ कर दिया है।
भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को 2025 तक $5 ट्रिलियन तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इस मुहिम में डिजिटल डिस्रप्शन का रोल अहम होने वाला है। डिजिटलाईज़ेशन की लहर कई इंडस्ट्रियों में फैली हुई है और कई इंडस्ट्री इस बदलाव के अडवांस स्तर पर पहुंच भी गई हैं।

2022 में फ़ायदे के टॉप ट्रेंड: डिजिटल डिस्रप्शन

फ़ोकस: हैप्पीएस्ट माईंड्स् टेक्नोलॉजीज़ (Happiest Minds Technologies )
श्री अशोक सूता द्वारा 2011 में स्थापित, हैप्पीएस्ट माईंड्स् टेक्नोलॉजीज़, एंड-टू-एंड डिजिटल सर्विस देती है। ये सर्विस, कई क्षेत्रों में उनके कस्टमर्स को डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन की शुरुआत करने में मदद करती है, जैसे - न्यू-एज टेक्नोलॉजी सर्विस में - बिग डेटा/ एनालेटिक्स, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आदि।
कंपनी की सेवाएं कुछ इस तरह की हैं - डीजी-इन्फ़्रास्ट्रक्चर/ क्लाऊड सर्विस (वित्त-वर्ष-21 का रेवेन्यू 41.6 प्रतिशत), सॉफ़्टवेयर सर्विसेज़ (वित्त-वर्ष-21 का रेवेन्यू 22.7 प्रतिशत), आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (13.3 प्रतिशत), आईओटी (10.5 प्रतिशत) और सिक्योरिटी सॉल्यूशन्स (8.7 प्रतशित)।
दूसरी आईटी कंपनियों की तरह, हैप्पीएस्ट माईंड्स् को अपना ज़्यादातर रेवेन्यू यू.एस. से मिलता है, जो वित्त-वर्ष-21 के रेवेन्यू का 73 प्रतिशत था। कंपनी के कई बिज़नस सेग्मेंट हैं जो अलग-अलग इंडस्ट्रीज़ को अपनी सेवाएं देते हैं। इनमें से कुछ हैं, - हाई-टेक, बीएफ़एसआई, ट्रैवल और मीडिया इंडस्ट्री। कंपनी अपनी सेवाएं कई साल के दौरान कुछ बेहतरीन कंपनियों को देती रही है जो इन कंपनियों की कस्टर्स को बनाए रखने में मदद करता है, इनमें माईक्रोसॉफ़्ट, अमेज़ वेब सर्विसेज़ और इंटल शामिल हैं।
फ़्रॉस्ट और सलिवान रिपोर्ट के मुताबिक़, 2025 तक ग्लोबल डिजिटल मार्केट 20.2 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ कर $2.1 ट्रिलियन का होने की उम्मीद है। इस इंडस्ट्री की कंपनियों को मज़बूती देने का ये अहम फ़ैक्टर है। वित्त-वर्ष-21 में, कंपनी ने अपने रेवन्यू का 97 प्रतिशत हिस्सा डिजिटल सर्विस से कमाया - जो भारतीय आईटी कंपनियों में सबसे ज़्यादा है। वित्त-वर्ष-21 तक, पिछले पांच साल में इसके रेवेन्यू में सीएजीआर 17.4 प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ, जिसपर औसत इक्विटी पर रिटर्न (ROE), 32.4 प्रतिशत रहा।
ग्लोबल स्तर पर कंपनी की प्रतिस्पर्धा - ग्लोबेंट, ईपीएएम और एंडावा जैसी कंपनियों से है। डिजिटल सर्विस को लेकर नई टेक्नोलॉजी के ट्रेंड, ब्लॉक-चेन, वर्चुअल रिएलिटी, ड्रोन्स और रोबोटिक्स के क्षेत्र में ये कंपनी अच्छा काम करने की क्षमता रखती है।


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