मैंने वॉरेन बफ़े (warren buffett) और चार्ली मंगर की ज़िदंगी और निवेश की गहरी समझ को लेकर कई बार इस कॉलम में लिखता रहा हूं. इस बार, मैं चार्ली मंगर (charlie munger) की बिज़नस करीकुलम पर कही गई बात आपसे साझा कर रहा हूं. ये बात हम जैसे इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स के लिए भी कंपनियों और बिज़नस को समझने के लिए बड़े काम की है.
मंगर से एक सवाल पूछा गया: "आपने कई बार कहा है कि किसी बिज़नस के बारे में जानने सबसे अच्छा तरीक़ा होता है, बढ़िया कंपनियों के पिछले कई दशकों के फ़ाइनेंशियल रिज़ल्ट पढ़ना. आपने ये भी कहा है कि जो बिज़नस स्कूल अपनी पढ़ाई में इस तरीक़े को नहीं अपनाता है, वो अपने स्टूडेंट्स का नुक़सान कर रहे हैं."
इस सवाल पर मंगर का जवाब था: "तो, इससे मेरा मतलब था... दरअसल, हारवर्ड बिज़नस स्कूल जब बहुत पहले शुरू हुआ, तो उन्होंने बिज़नस के इतिहास से शुरुआत की थी. वो आपको बनाए गए कनाल और रेल-रोड और इसी तरह की तमाम चीज़ें दिखाते थे. आपको उस इंडस्ट्री की ख़ूबी और ख़ामी का पता चलता था और आप ये समझ पाते थे कि आर्थिक बदलावों ने किस तरह से उनके पुराने स्वरूप को ख़त्म किया. ये बैकग्राउंड मिलता था जो सब की मदद करता था... अगर आप ज़रा ठहर कर इस बारे में सोचें, तो लंबे अर्से में किसी बिज़नस की सफलता ठीक जीवविज्ञान (biology) की तरह है. और जीवविज्ञान में होता ये है कि सभी इंडिविजुअल मरते हैं, और आख़िर में, सभी प्रजातियां भी ख़त्म हो जाती हैं. पूंजीवाद क़रीब-क़रीब ऐसा ही क्रूर है. सोचिए मेरे अपने जीवन के दौरान क्या-क्या ख़त्म हो गया. सोचिए कि कितनी चीज़ें थीं जो फलफूल रही थीं और आज वो हारी हुई हैं या ख़त्म गई हैं. जब मैं छोटा था तो किसने सोचा था कि कोडक और जनरल मोटर्स दिवालिया हो जाएंगे. जानते हैं, जिस तरह की बरबादी हुई है वो अद्भुत है."
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ये बात काफ़ी अजीब लगती है, मगर क्योंकि इसे एक महान निवेशक ने कहा है, इसलिए इसका मतलब समझने की कोशिश करते हैं. मान लीजिए कि आप अपने निवेश के लिए कुछ कंपनियों को परख रहे हैं. सामान्य तरीक़ा (इससे मेरा मतलब ठहराव वाला तरीक़ा) कुछ ब्रोकर रिपोर्ट को पढ़ने का होगा और पिछले तीन या चार साल के नंबरों को देखने का होगा. आप ये भी देख लेंगे कि पिछले चार या पांच साल जो हुआ है उस पर लोग क्या कह (कयास लगा) रहे हैं. फिर कुछ रेशियो वगैरह, और कुछ अफ़वाहें, और आपकी रिसर्च पूरी हो गई. एक अच्छा निवेशक यही करता है. ज़्यादातर तो इतना भी नहीं करते.
तो मंगर क्या कह रहे हैं? मान लीजिए कि आप एक प्राइवेट बैंक के स्टॉक में निवेश करने की सोच रहे हैं. इसके लिए, आप कुछ समय बैंकिंग के इतिहास को समझने में बिताएंगे, पहले आम आमतौर पर, फिर ख़ासतौर पर भारत के बारे में. इसका कोई ख़ास कारण नहीं है - मगर आप ऐसा बस इसलिए करेंगे क्योंकि जानना अच्छा होता है. इसके बाद, आपको कंपनी की पिछले 1 साल की (कम से कम) सालाना रिपोर्ट देखनी चाहिए, और सारी ख़बरें और जानकारियां जो आपको आर्काइव से मिल सकें. फिर से कहूंगा कि आप कोई ख़ास चीज़ तलाशने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. मगर, आपको ये सब क्यों करना चाहिए? असल में, आप जो कर रहे हैं वो बस इसलिए है कि आपको बिज़नस का बैकग्राउंड समझ आ जाए. सभी बिज़नस परिवर्तनशील होते हैं, उसका इतिहास क्या रहा है ये आपको न सिर्फ़ उस बिज़नस के बारे में, बल्कि बाक़ी सभी बिज़नस को भी समझने में मदद करता है.
ये एक धुंधला सा आइडिया है और मुश्किल है कि ऐसा करने से आपको किसी ख़ास घटना की जानकारी मिलेगी. फिर भी, मंगर जैसे लोग, और उनसे इतर भी निवेशक ने अनुभव किया है कि जितना ज़्यादा आप जानते हैं, उतने ही बेहतर फ़ैसले ले पाते हैं. जब लोग काफ़ी कुछ पढ़ने और सीखने के लिए तैयार होते हैं तो बिज़नस और निवेश को लेकर उनमें एक क़िस्म का सहज-बोध जाग जाता है.
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जीवन की किसी भी दूसरी बात के लिए भी यही सच होता है. आप क्या उस व्यक्ति का बनाया कोई व्यंजन खाना पसंद करेंगे जो बरसों से खाना बना रहा हो या उसका जिसने अभी-अभी कोई व्यंजन बनाने की विधि सिखाने वाली क़िताब ख़रीदी है? ये फ़ैसला आसान है.