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माली हालत हो गई खराब

कोरोना महामारी की वजह से बहुत से लोग अपनी नौकरी गवां चुके हैं या सैलरी में कटौती का सामना कर रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं कि आपको अपनी एसआईपी रोकने से पहले कया करना चाहिए

माली हालत हो गई खराब

कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दुनिया भर के देशों ने महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाया। इसका सीधा नुकसान कारोबार को हुआ। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां चली गई है या उनको सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह स्‍वाभाविक है कि कोई भी निवेश रोकने पर विचार कर सकता है।

सुरेश कुमार एक आम भारतीय हैं जो इन दिनों मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। सुरेश कुमार फॉस्‍ट एंड फ्यूरी ऑटोमोटिव डीलरशिप में सीनियर मैनेजर थे। लॉकडाउन में व्‍हीकल की मांग गिर जाने की वजह से उनको नौकरी से हटा दिया गया। हालांकि, अभी सुरेश कुमार एक आईटी कंपनी में सीनियर डेवलपर के तौर पर काम कर रहे हैं और उनको वर्क फ्रॉम होम की सुविधा मिली हुई है। भले ही सुरेश की आय कम होना उनके परिवार के लिए बड़ा झटका रहा होगा। लेकिन दूसरी जॉब से सुरेश को जा आय हो रही है उस आय से वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं।

सुरेश तो किसी तरह से दूसरी नौकरी पाने में सफल रहे लेकिन बहुत से लोग ऐसे में हैं जो अपने परिवार के लिए अकेले कमाने वाले थे और उनकी नौकरी चली गई या उनको सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ा। ऐसे लोगों के भी बच्‍चे होंगे या उम्रदराज माता पिता होंगे, जो उन पर निर्भर हैं। इसकी वजह से उनको वित्‍तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्‍वाभाविक है कि ऐसे लोग निवेश बंद कर दें और सारे संसाधन अपनी जरूरतें पूरी करने में लगाएं।

क्‍या करें

हम यह बात हमेशा कहते रहे हैं कि किसी तरह का निवेश शुरू करने से पहले आपको आपातकालीन हालात का सामना करने के लिए लाइफ इन्‍श्‍योरेंस और हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस खरीदना चाहिए। इसके साथ ही आपको एक इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए जो कम से कम आपके एक साल के खर्च को पूरा कर सके। अगर आपके पास जरूरतों को पूरा करने लायक लाइफ इन्‍श्‍योरेंस और हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस नहीं है तो आपको इसके बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

अगर आपकी नौकरी चली गई है या आप की सैलरी में कटौती हो गई है तो निवेश बंद करने से पहले आपको अपने खर्च पर गौर करना होगा खर्च को कम करना होगा। आपको जरूरत और आप क्‍या चाहते हैं इसके बीच के अंतर को समझना होगा। इस तरह से आप जो चाहते हैं उस मद में खर्च घटा सकते हैं। हो सकता है कि इससे आप अपना निवेश जारी रख पाएं और आपकी लंबी अवधि का लक्ष्‍य पटरी से न उतरे।

हालांकि अगर निवेश करते हुए खर्चों को पूरा करना बहुत मुश्किल हो रहा है तो आप एसआईपी की रकम घटाने या एसआईपी बंद करने पर विचार कर सकते हैं। हालात सामान्‍य होने पर या दूसरी नौकरी मिलने पर आप निवेश फिर से शुरू कर सकते हैं।


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