डायरेक्ट म्युचुअल फंड चुनने के फैसले में फंड के एक्सपेंश रेशियों का कितना असर हो सकता है ?
जॉयदीप घोष
अगर सब कुछ समान रहता है तो ज्यादा एक्सपेंश रेशियो वाला फंड आपको कम रिटर्न देगा। एक्सपेंश रेशियो एक तरह का खर्च है जो आपको म्युचुअल फंड हाउस को देना होता है। उदाहरण के लिए अगर दो अलग अलग फंड 12 फीसदी रिटर्न दे रहे हैं। तो एक्सपेंश रेशियो काटने के बाद जिस फंड का एक्सपेंश रेशियो ज्यादा होगा वह फंड कम रिटर्न देगा। हालांकि एनएवी और रिटर्न आप तभी जान पाएंगे जब म्युचुअल फंड कंपनी एक्सपेंश रेशियो काट लेगी। ऐसे में मेरा मानना है कि कम एक्सपेंशियो रेशियो वाले फंड को ऊंचा एक्सपेंश एडजेस्टेड रिटर्न देना चाहिए।
लेकिन कम एक्सपेंश रेशियो फंड के साइज की वजह से भी हो सकता है। सेबी ने एक्सपेंश रेशियो तय किया है कि फंड कंपनी एक्सपेंश रेशियो फंड के साइज के आधार पर चार्ज कर सकती है। जैसे जैसे फंड बड़ा होता जाता है उसे कम एक्सपेंश रेशियो चार्ज करना होता है। लेकिन जब फंड बड़ा हो जाता है बाजार से ज्यादा रिटर्न हासिल करने की उसकी क्षमता भी कम होती जाती है। तो ऐसे में फंड चुनते समय समझौता करने की जरूरत होती है।