म्यूचुअल फंड सही है

निवेश का मिलेगा पूरा फ़ायदा, अगर इन 3 प्वाइंट पर नहीं करेंगे समझौता

निवेश शुरू करने से पहले निवेश से जुड़ी बुनियादी बातों को जानना जरूरी है. इससे आप नुकसान से बच सकते हैं

You will get the full benefit of investment if you do not compromise on these 3 points.

हममें से ज़्यादातर लोग निवेश अपनी तमाम ज़रूरतें को पूरी करने के लिए करते हैं. आख़िर बचत उतनी नहीं हो पाती जिससे हमारी सभी ज़रूरतें पूरी हो सकें. जब हम निवेश शुरू करते हैं तो हम अपने ख़र्चों में कटौती करनी पड़ती हैं ताकि ज़्यादा पैसे बचा कर निवेश कर सकें. आप चाहे जिस ज़रूरत या गोल के लिए निवेश कर रहे हों, आपको तीन बातों पर कभी समझौता नहीं करना चाहिए. प्लान बना कर निवेश करेंगे तभी आपको निवेश का पूरा फ़ायदा मिलेगा और आप अपनी ज़रूरतें पूरी कर पाएंगे.

1. क्‍यों कर रहे हैं निवेश
बचत और निवेश में फ़र्क़ होता है. बचत आप बिना किसी लक्ष्‍य के कर सकते हैं. लेकिन निवेश के लिए कोई कारण होना ही चाहिए. यानी, आपको पता होना चाहिए कि आप क्‍यों निवेश कर रहे हैं या किस ज़रूरत के लिए कर रहे हैं. जब आपको ये पता होगा तभी तय हो पाएगा कि निवेश कितने समय तक करना है और कितना करना है. अगर आपको ये नहीं पता है कि आप किस लिए निवेश कर रहे हैं तो ज़्यादा संभावना इस बात की है कि आप निवेश के लिए ग़लत विकल्‍प का चुनाव कर बैठें.

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2. कहां निवेश करना है और उसमें कितना रिस्क है
अगर आप ये नहीं जानते कि आप कहां निवेश कर रहे हैं और इसमें कितना जोख़िम है जो ये आपके लिए नुक़सान का सबब बन सकता है. निवेश करने वाले बहुत से लोग इस बात को उतनी गंभीरता से नहीं लेते हैं और इसका नतीजा होता है कि या तो पूंजी का नुक़सान उठाना पड़ता है या निराश करने वाला रिटर्न मिलता है. तो आपको निवेश करने से पहले थोड़ा समय लगा कर रिसर्च करनी चाहिए कि आप किस चीज़ में निवेश कर रहे हैं. उसका स्वभाव क्‍या है. चुना हुआ निवेश कैसे काम करता है. मिसाल के तौर पर अगर आप इक्विटी में निवेश कर रहे हैं, तो आपको जानना चाहिए कि‍इक्विटी ने पिछले 5 या 10 सालों में कितना रिटर्न दिया है. आपको जानना चाहिए कि इक्विटी में कम अवधि में तेज़ उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और 5 साल से कम अवधि के लिए इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहिए. इक्विटी में निवेश लंबी अवधि के लिए होता है. यानी 5 साल या इससे ज़्यादा समय के लिए ही निवेश करना चाहिए. अगर आप निवेश के तरीक़े को अच्‍छी तरह से समझते हैं, तो आपकी ज़्यादातर ज़रूरतें आसानी से पूरी हो सकती हैं. इसके लिए आपको फ़ाइनेंशियल मामलों का एक्सपर्ट होने की ज़रूरत नहीं है. अगर ज़रूरत पड़े, तो किसी फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र की मदद लें, लेकिन आप जिस विकल्‍प में निवेश कर रहे हैं उसे ठीक से समझना ज़रूरी है.

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3. आपके निवेश का लक्ष्‍य पूरा होने में कितना समय लगेगा
अगर आप किसी ख़ास ज़रूरत, जैसे अपने बच्‍चों की हायर एजुकेशन के लिए ज़रूरी रक़म जुटाना चाहते हैं या रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इसमें लंबा समय लगता है. अगर आप ये नहीं जानते हैं कि आप कितने समय में अपना लक्ष्‍य हासिल कर लेंगे तो आपका फ़ाइनेंशियल प्‍लान बेकार साबित हो सकता है. जैसे कि अगर आप रिटायरमेंट का पैसा जमा करने के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको 20 से 30 साल तक निवेश करना पड़ सकता है. अगर आपको ये पता है कि आपको कितने साल तक निवेश करना है तो आप इसके लिए निवेश का सही तरीक़ा चुन सकते हैं. जैसे कि रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए निवेश लंबी अवधि के लिए होता है. ऐसे में आप इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. लंबी अवधि में इक्विटी बेहतर रिटर्न देती है. वहीं अगर आप रिटायरमेंट कॉर्पस के लिए FD में निवेश करते हैं, तो कम रिटर्न मिलने की वजह से आपको बहुत ज़्यादा रक़म या बहुत लंबे समय तक निवेश करना पड़ सकता है. यानी रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने के लिए FD सही नहीं है. वहीं अगर आप विदेश यात्रा के लिए ज़रूरी रक़म का इंतज़ाम करने के लिए निवेश कर रहे हैं तो शायद आपको इसके लिए 2 या 3 साल निवेश करने की ज़रूरत हो. तो इसके लिए इक्विटी सही विकल्‍प नहीं है. ये कम अवधि का निवेश है. इसके लिए आपको डेट म्यूचुअल फ़ंड (debt mutual fund) में निवेश करना चाहिए.

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