म्यूचुअल फंड सही है

बेस्‍ट नहीं चुनें सही फंड

आपको निवेश के लिए सबसे बेस्‍ट नहीं बल्कि अपने लिए सही फंड चुनना चाहिए

बेस्‍ट नहीं चुनें सही फंड

धीरेंद्र, अगर म्‍युचुअल फंड चुनने की बात हो तो आप बेहतर और सही फंड में कैसे अंतर करेंगे ?

धीरेंद्र: आमतौर पर लोग निवेश करने के लिए दो या तीन सबसे बेहतर फंड का नाम जानना चाहते थे। लेकिन मेरा मानना है कि अगर आप निवेश शुरू करने जा रहे हैं तो यह गलत सवाल है। ऐसे लोगों को सबसे बेहतर फंड के बजाए अपने लिए सबसे सही फंड का पता लगाना चाहिए।

सबसे उपयुक्‍त या सबसे सही फंड से मेरा मतलब ऐसे फंड से है जो किसी खास निवेशक की जरूरतों को पूरा करता हो। हर व्‍यक्ति के लिए ठीक फंड का मतलब काफी अगल हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप पैसा कितनी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और जिस लक्ष्‍य के लिए निवेश कर रहे हैं वह आपके लिए कितना अहम है। अगर कोई व्‍यक्ति 10 से 15 साल के लिए निवेश करना चाहता है तो उसके लिए सही फंड अलग होगा वहीं अगर कोई व्‍यक्ति दो तीन साल में अपना लक्ष्‍य पूरा करने के लिए निवेश करना चाहता है तो उसके लिए सही फंड अलग होगा। इसमें यह भी अहम है कि आप कितना पैसा निवेश करते हैं और आपकी जोखिम उठाने की क्षमता कितनी है। तो इन बातों के आधार पर कह सकते हैं कि हर निवेशक अपने आप में अलग और अनोखा है।

क्‍या आप इस बात को थोड़ा विस्‍तार से बता सकते हैं कि कैसे हर निवेशक अनोखा है ?

धीरेंद्र: मान लेते हैं कि आपने 5 करोड़ रुपए का फंड बना लिया और इसके बाद आप 50,000 रुपए निवेश कर रहे हैं तो आप ज्‍यादा चिंता नहीं करेंगे। लेकिन अगर अभी आपका कैरियर शुरू हुआ है और आप पहली बार 50,000 रुपए का निवेश कर रहे हैं तो आपकी जोखिम लेने की क्षमता अलग होगी।

इसी तरह से अगर आप हर माह 2,500 रुपए निवेश कर रहे हैं तो आप जिस लक्ष्‍य के लिए यह पैसा निवेश कर रहे हैं वह कितना अहम है ? क्‍या यह लक्ष्‍य बच्‍चों की उच्‍च शिक्षा या पहले घर की खरीदारी जैसा जिंदगी का अहम लक्ष्‍य है ? या आप ऐसे व्‍यक्ति हैं जो अगले कुछ सालों में रिटायर हो रहे हैं औरऔर आपको अपने रिटायरमेंट फंड से नियमित आय की जरूरत होगी या आप ऐसे व्‍यक्ति हैं जिसके रिटायरमेंट में अभी लंबा समय है। इन सभी चीजों से आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर असर पड़ता है।

इसके अलावा हर निवेशक का अनुभव भी उसे अनोखा बनाता है। अगर आप पहली बार निवेश रहे हैं तो आपकी पूंजी में 10 फीसदी गिरावट आप पर बहुत बुरा असर डालेगी। मान लेते हैं कि आपने 50,000 रुपए निवेश किया और बहुत कम समय में उसकी कीमत गिर कर 45,000 रुपए हो जाती है तो आप शायद डर जाएंगे और हो सकता है कि आप इक्विटी में कभी दोबारा न निवेश करने का फैसला करें।
वहीं दूसरी तरफ अगर आप अनुभवी निवेशक हैं और पिछले 5-6 साल से इक्विटी में निवेश कर रहे हैं तो आप इस बात को समझेंगे कि बाजार में उतार चढ़ाव बहुत सामान्‍य है और लंबी अवधि में काफी बेहतर रिटर्न मिलेगा। आप गिरावट से डरेंगे नहीं क्‍योंकि आपको इसकी आदत हो चुकी है।
ऐसे में आप कह सकते हैं कि अनुभव और पैसा कितना अहम है हर एक निवेशक को अनोखा बनाता है। कहीं भी निवेश करें आपको इस पर नजर रखनी होगी। निवेश ऐसी चीज नहीं है जिसे करके आप सो जाएं। यह आप की रोजाना की जिंदगी को प्रभावित करता है। आप अपनी पूंजी की कीमत पर नजर रखते हैं और बाजार के उतार चढ़ाव को जिंदगी की वास्‍तविक चीजों से जोड़ना शुरू कर देते हैं। अगर आप बाजार के उतार चढ़ाव से डर कर अपने प्‍लान में निवेश बीच में ही बंद कर देते तो अपने लक्ष्‍य को हासिल नहीं कर पाएंगे।

तो एक सही फंड क्‍या होगा ?

धीरेंद्र: अगर आपने शेयर बाजार में पहले कभी निवेश नहीं किया है और यह पैसा आपके लिए बेहद जरूरी है या आपको इस पैसे की कम अवधि में जरूरत पड़ सकती है तो आपको जोखिम नहीं लेना चाहिए। ऐसे में आपको रेकरिंग डिपॉजिट या फिक्‍स्ड डिपॉजिट में निवेश करना चाहिए। या आप चाहें तो कम अवधि वाले बॉण्‍ड फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यह आपको फिक्‍स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज्‍यादा रिटर्न देगा। इसके अलावा कम अवधि वाले बॉण्‍ड फंड से आप जरूरत पड़ने पर कभी भी पैसा निकाल सकते हैं।

अगर आप पहली बार निवेश करने जा रहे हैं और आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आप बैलेंस्‍ड फंड में निवेश कर सकते हैं। लंबी अवधि में से मेरा मतलब पांच साल या इससे अधिक अवधि से है। बैंलेस्‍ड में जोखिम कम होता है। इन फंडों को इक्विटी फंडों की तरह तेज गिरावट का सामना नहीं करना पड़ता है। पहली बार निवेश करने वालों के यह अहम है कि वे किसी फंड के पिछले एक दो सालों के प्रदर्शन के आधार पर फंड न खरीदें। अक्‍सर नए निवेशक ऐसा करते हैं।

2017 में स्‍माल कैप फंडों ने 50-60 फीसदी तक बढ़त दर्ज की। लोगों ने ऊंचे रिटर्न को देखते हुए इन फंडों में निवेश करना शुरू कर दिया। 2018 में इन फंडों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और इन फंडों में 20 से 30 फीसदी तक गिरावट आई। ऐसा होने पर आप डर जाते हैं और निवेश करना बंद कर देते हैं। ऐसे में निवेश के लिए सही फंड चुनना बेहद अहम है।

अगर कोई व्‍यक्ति अपना पैसा लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहता है और और उसे इक्विटी में निवेश का अनुभव है तो उसे मल्‍टी कैप फंड में पैसा लगाना चाहिए। अगर उस व्‍यक्ति को सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स बचाने की जरूरत है तो वह टैक्‍स सेविंग फंड में निवेश कर सकता है। टैक्‍स सेविंग फंड भी मल्‍टी कैप फंड हैं।

अगर आप को इनकम चाहिए तो इक्विटी इनकम फंड में निवेश करें और विद्ड्रॉअल प्‍लान सेट करें। लेकिन आपका विद्ड्रॉअल आपके कॉर्पस के 4-6 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर आपने इससे अधिक पैसा निकाला तो आपको आगे चल कर पैसों की किल्‍लत का सामना करना पड़ सकता है।


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