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आपको स्‍टॉक में निवेश करना चाहिए या म्‍युचुअल फंड में ?

इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश लंबी अवधि में देता है ज्‍यादा रिटर्न

आपको स्‍टॉक में निवेश करना चाहिए या म्‍युचुअल फंड में ?

उम्‍मीद है कि मेरे पहले के आर्टिकल ने आपको इक्विटी में निवेश के लिए तैयार कर लिया होगा और लंबी अवधि के लिए आपकी रकम का बड़ा हिस्‍सा इक्विटी में होना चाहिए। अब हमे इस सवाल का जवाब तलाश करना है कि इक्विटी में निवेश कैसे करना चाहिए। आइये इसे कदम दर कदम समझते हैं। अगर आप इस बात से सहमत हैं कि इक्विटी में निवेश करना चाहिए तो अगला सवाल उठता है कि इक्विटी में निवेश कैसे करना चाहिए। अगर किसी व्‍यक्ति ने इक्विटी में पहले निवेश नहीं किया है तो उसके लिए यह समझना मुश्किल है कि निवेश की शुरूआत कैसे की जाए।

इक्विटी में निवेश के तरीके

इक्विटी में निवेश के दो अलग- अलग तरीके हैं। पहला तरीका है कि आप स्‍टॉक चुने और खुद खरीदें और बेचें। और दूसरा तरीका है कि इक्विटी फंड के जरिए निवेश किया जाए। इक्विटी में निवेश का लक्ष्‍य समान है। इक्विटी में निवेश से ज्‍यादा रिटर्न हासिल करना। हालांकि निवेश के ये दो तरीके पूरी तरह से एक दूसरे से अलग हैं।

अगर नहीं हैं एक्‍सपर्ट निवेशक

अगर आप एक्‍सपर्ट निवेशक नहीं हैं या आप एक्‍सपर्ट बनने के लिए ज्‍यादा समय नहीं दे सकते हैं तो आपके लिए इक्विटी में सीधे निवेश करना सही नहीं है। ऐसे हर उस व्‍यक्ति के लिए जो इक्विटी में निवेश शुरू करना चाहता है उसे म्‍युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।

मैं यह नहीं कह रहा हूं कि एक व्‍यक्ति इक्विटी में सीधे निवेश करके सफल निवेशक नहीं बन सकता है। बहुत से ऐसे निवेशक हैं जो खुद से निवेश करते हैं और आकर्षक रिटर्न हासिल करते हैं। वैल्‍यू रिसर्च की प्रीमियम स्‍टॉक एडवाइजरी सर्विस है जो लोगों को खुद से निवेश करने में मदद करती है।

खुद से निवेश करने पर लग सकता है झटका

हालांकि यह साफ है कि अगर आप बिना किसी प्रोफेशनल सलाह के खुद से सीधे निवेश करते हैं तो आपको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अगर 100 लोग खुद से सीधे निवेश करने का प्रयास करते हैं तो ज्‍यादा संभावना है कि 5 या 10 लोग ही सफल हों। इससे बड़ी दिक्‍कत यह है कि कई असफलताओं के बाद अगर किसी को सफलता मिलनी शुरू होती है तो तमाम असफलताओं से उनको काफी नुकसान हो चुका होता है। हममें से ज्‍यादातर लोग अपनी सेविंग से अधिकतम रिटर्न चाहते हैं। ऐसे में नुकसान उठा कर सीखना आकर्षक नहीं लगता है।

इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश के फायदे

इक्विटी म्‍युचुअल फंड इन सभी समस्‍याओं का समाधान बेहद आसानी से कर देते हैं। म्‍युचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश करने के कई फायदे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अनुशासित तरीके से अपने निवेश का डायवर्सीफिकेशन करते हैं। फंड मैनेजर नियमों के तहत काम करते हैं। ऐसे में निवेश के कुछ नियम होते हैं। जैसे निवेश के दौरान पोर्टफोलियो में कम से कम 15 या 20 स्‍टॉक्‍स एक तय फीसदी से कम नहीं होंगे। ये स्‍टॉक्‍स कम से कम 5 सेक्‍टर्स के होंगे और किसी सेक्‍टर का स्‍टॉक तय फीसदी से कम नहीं होगा। कम से कम एक तय फीसदी रकम बड़ी कंपनियों में निवेश की जाएगी क्‍योंकि ये कंपनियां खराब समय में स्थिर रिटर्न दिलाने में मदद करेंगी।

इन सब नियमों को मिला कर एक फ्रेमवर्क बनता है जो यह सुनिश्चित करता है कि पोर्टफोलियो डायवर्सीफाइड हो और गिरावट के झटकों से सुरक्षित रहे। वहीं बाजार में गिरावट आने पर स्‍टॉक्‍स, सेक्‍टर या एक तरह के स्‍टॉक को झटका लग सकता है। ऐसे लोग जो स्‍टॉक में अपने निवेश को मैनेज करते हैं उनके पास इस बात की ज्‍यादा जानकारी नहीं होती है कि वे अपने निवेश को डायवर्सीफाइ और सुरक्षित कैसे बना सकते हैं।

कम रकम के साथ शुरू कर सकते हैं निवेश

इसके अलावा आप म्‍युचुअल फंड के जरिए कम रकम के साथ भी निवेश शुरू कर सकते हैं। अगर आप स्‍टॉक्‍स खरीद कर अपने पोर्टफोलियो को डावर्सीफाइ बनाने का प्रयास करते हैं तो आपको निवेश शुरू करने के लिए बड़ी रकम या कम से कम कुछ लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी। वहीं आप कुछ हजार रुपए के साथ म्‍युचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। आप हर माह तय रकम के साथ नियमित तौर पर निवेश शुरू कर सकते हैं। आप इक्विटी म्‍युचुअल फंड में एक साल में 1.5 लाख रुपए तक निवेश करके सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स छूट भी पा सकते हैं।

लंबी अवधि में मिलता है ज्‍यादा रिटर्न

इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लंबी अवधि में ज्‍यादा रिटर्न मिलता है। सभी इक्विटी पोर्टफोलियो में एक समय के बाद फंड को बेचने या खरीदने की जरूरत पड़ती है क्‍योंकि किसी खास स्‍टॉक का प्रदर्शन अच्‍छा होता है और किसी खास स्‍टॉक का प्रदर्शन खराब होता है। अगर आप खुद से स्‍टॉक बेच या खरीद रहे हैं तो ऐसा करने पर आपको टैक्‍स देना होगा। वहीं इक्विटी म्‍युचुअल फंड में ट्रेडिंग फंड मैनेजर करता है। ऐसे में आप पर कोई टैक्‍स लायबिलिटी नहीं आती है क्‍योंकि आपने खुद से कोई ट्रांजैक्‍शन नहीं किया है। इस तरह से आप जो टैक्‍स बचाते हैं वह पैसा निवेश में जाता है और इस पर आपको रिटर्न मिलता है। लंबी अवधि के निवेश में यह रकम कंपाउंड होती है और सालों में इससे आपको बड़ा फायदा मिलता है।

कुल मिला कर देखें तो आपको इक्विटी में सीधे निवेश करने के बजाए म्‍युचुअल फंड के जरिए निवेश करना चाहिए। अगर आप इस बात से सहमत नहीं हैं तो सीधे स्‍टॉक्‍स में निवेश कर सकते हैं। यह मुश्किल काम होगा। लेकिन आप ऐसा करके सफलता पाने वाले लोगों में भी शामिल हो सकते हैं।


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