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SIP, STP, SWP के बारे में कितना जानते हैं आप ?

म्‍युचुअल फंड को लेकर इन तीनों टर्म का अक्‍सर इस्‍तेमाल होता है

SIP, STP, SWP के बारे में कितना जानते हैं आप ?

सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी SIP, सिस्‍टमेटिक ट्रांसफर प्‍लान यानी STP और सिस्‍टमेटिक विद्ड्रॉअल प्‍लान यानी SWP सिस्‍टमेटिक तरीके से पैसा निवेश करने और पैसा निकालने का तरीका है। इन तीनों का मकसद अलग-अलग होता है।

सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी SIP SIP के जरिए आप नियमित तौर पर छोटी-छोटी रकम निवेश करते हैं और इससे आप लंबी अवधि में बड़ा फंड बना सकते हैं। इस तरीके से आपका निवेश सालों तक चलता है और आप इस दौरान यूनिट खरीदते हैं और इसकी कीमत को औसत रखने में मदद मिलती है। निवेश के इस तरीके का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपका सारा पैसा ऐसे समय निवेश नहीं होता है जब बाजार अपने उच्‍च्‍तम स्‍तर पर हो। इससे आपका रिटर्न बढ़ता है। एसआईपी में आपको हर माह या छमाही या सालाना नियमित तौर पर निवेश करना होता है। इससे यह निवेशक में अनुशासन लाती है और निवेश को एक आदत बनाती है।

एसआईपी में आप हर माह, हर सप्‍ताह या प्रतिदिन निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा कई दूसरे तरह के एसआईपी भी होते हैं। जैसे वैल्‍यू एसआईपी आपके एसआईपी अमाउंट को बाजार के स्‍तर के अनुसार बदल देता है। हालांकि यह विकल्‍प अच्‍छा लगता है लेकिन एसआईपी के मूल विचार से छेड़छाड़ इसको जटिल बना देता है। आपको एक सामान्‍य एसआईपी प्‍लान में हर माह निवेश करना चाहिए।

सिस्‍टमेटिक ट्रांसफर प्‍लान यानी STP

आम तौर पर लोग STP में निवेश तब शुरू करते हैं जब उनके पास निवेश के लिए एकमुश्‍त बड़ी रकम होती है। जैसे 2 लाख रुपए, 5 लाख रुपए, 10 लाख रुपए। STP के जरिए निवेश करके आप अपने निवेश को लंबी अवधि में बांट सकते हैं और इससे यूनिट की खरीद कीमत औसत हो जाती है। इस तरह से आपका सारा निवेश ऐसे समय में बाजार में नहीं आता तब बाजार अपने उच्‍चतम स्‍तर पर हो। इससे बाजार में निवेश का जोखिम कम हो जाता है। एसटीपी के ज‍रिए आप एकमुश्‍त रकम डेट स्‍कीम में निवेश कर सकते हैं नियमित तौर पर इसे इक्विटी स्‍कीम में ट्रांसफर कर सकते हैं। एसटीपी के जरिए निवेश का मकसद एकमुश्‍त रकम को इक्विटी में निवेश करके थोड़ा ज्‍यादा रिटर्न हासिल करना है। डेट फंड में आम तौर पर सेविंग बैंक अकाउंट से थोड़ा ज्‍यादा रिटर्न मिलता है।

आपके पास निवेश के लिए एकमुश्‍त रकम कितनी है इसके आधार पर आप बाजार में निवेश की अवधि तय कर सकते हैं। आम तौर पर रकम जितनी अधिक होती है निवेश का पीरियड भी उतना अधिक होता है। आप एसटीपी के जरिए पहले इक्विटी फंड में निवेश करके रकम को बाद में डेट फंड में भी ट्रांसफर कर सकते हैं। अगर आप जरूरी लक्ष्‍य के लिए जैसे बच्‍चे की एजुकेशन, घर खरीदने या रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं और अपने लक्ष्‍य के नजदीक पहुंच रहे हैं तो आपको लक्ष्‍य पूरा होने की डेट तक इंतजार नहीं करना चाहिए। आपको अपना पैसा इक्विटी से निकाल कर डेट फंड में लगाना शुरू कर देना चाहिए। आपको यह काम तब तक पूरा कर लेना चाहिए जब आपको पैसे की जरूरत होगी।

सिस्‍टमेटिक विद्ड्रॉअल प्‍लान यानी SWP SWP के जरिए आप अपने फंड से नियमित तौर पर एक तय राशि निकाल सकते हैं। आम तौर पर यह तरीका रिटायर हो चुके लोगों के लिए काफी मददगार है, जिनको हर माह तय रकम चाहिए। SWP के जरिए आप आप अपने निवेश को बाजार के उतार चढ़ाव से एक सीमा तक सुरक्षित रख सकते हैं।


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