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क्या हो अगर आपके पोर्टफ़ोलियो का सबसे ज़्यादा नज़रअंदाज़ हिस्सा ही आपकी जमापूंजी की चाभी हो? कहना होगा कि बहुत से भारतीय इक्विटी निवेशक डिविडेंड को अनदेखा करने के दोषी हैं. हालांकि, डिविडेंड के ज़रिए आने वाला पैसा सभी को अच्छा लगता है, लेकिन ये दिलचस्पी बस यहीं तक सीमित रहती है. ज़्यादातर इक्विटी निवेशकों का पहला लक्ष्य, स्टॉक की क़ीमत से बड़ा मुनाफ़ा कमाना होता है और अक्सर, डिविडेंड के पैसे बेहद मामूली रक़म समझ लिए जाते हैं.
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