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डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड क्या होते हैं?

निवेश के लिए म्यूचुअल फ़ंड अच्छे हैं और इनमें भी ज़्यादा रिटर्न अपने पास रखने के लिए डायरेक्ट फ़ंड फ़ायदे का सौदा होंगे

Direct Mutual Funds क्या हैं जानें हिंदी मेंAI-generated image

इस लेख में हम गहराई से चर्चा करेंगे कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए डायरेक्ट प्लान एक बेहतर विकल्प क्यों है. दरअसल, छोटे-छोटे ख़र्च लंबे समय के निवेश में एक बड़ी रक़म बन जाते हैं.

एक्सपेंस रेशियो (व्यय अनुपात) समझने से लेकर डायरेक्ट फ़ंड में निवेश का तरीक़ा सीखने तक, आपको सोचे-समझे फ़ैसले लेने के लिए ज़रूरी सभी जानकारियां इस लेख में मिल जाएंगी.

एक्सपेंस रेशियो क्या है?

डायरेक्ट प्लान के फ़ायदों को समझने से पहले, एक्सपेंस रेशियो का मतलब समझना ज़रूरी है.

एक्सपेंस रेशियो समझें

एक्सपेंस रेशियो या व्यय अनुपात वो सालाना फ़ीस है जो फ़ंड हाउस, निवेशकों से फ़ंड को मैनेज करने की लागत के लिए लेता है. ये फ़ीस, फ़ंड की कुल प्रबंधित परिसंपत्तियों (total assets under management) के प्रतिशत के तौर पर होती है. इसमें फ़ंड को मैनेज करने की फ़ीस, ऑपरेटिंग कॉस्ट और एडमिनिस्ट्रेशन फ़ीस जैसे ख़र्च शामिल हैं.

रेग्युलर म्यूचुअल फ़ंड के लिए, इस फ़ीस में डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन भी शामिल होता है, जो एक्सपेंस रेशियों को 0.3 से 0.7 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है. कुछ फ़ंड्स में, ये अंतर 1 प्रतिशत भी हो सकता है.

एक्सपेंस रेशियो क्यों मायने रखता है

एक्सपेंस रेशियो में एक छोटा सा अंतर भी कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि) के कारण लंबे समय में मिलने वाले रिटर्न को काफ़ी प्रभावित कर सकता है. मिसाल के तौर पर, मान लें कि आप 12 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ने वाले फ़ंड में ₹10 लाख निवेश करते हैं. 0.5 प्रतिशत का कम एक्सपेंस रेशियो 20 साल में आपके ₹8 लाख से ज़्यादा बचा सकता है.

लागत कम करके, आप अपने रिटर्न का ज़्यादा हिस्सा निवेश में ही बनाए रखते हैं - ये एक ऐसा फ़ायदा है जो लंबे समय का निवेश करने वालों के लिए ख़ासतौर से महत्वपूर्ण हो जाता है.

ये भी पढ़ें: आपके म्यूचुअल फ़ंड के फ़ायदे में कितनी सेंध लगाता है एक्सपेंस रेशियो

डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड कैसे काम करते हैं?

डायरेक्ट प्लान निवेशकों को ब्रोकर या डिस्ट्रीब्यूटर जैसे बिचौलियों के ज़रिए जाने के बजाए सीधे फ़ंड में निवेश करने की सुविधा देते हैं. डायरेक्ट प्लान में, निवेशक सीधे एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) से डील करता है, जिसका मतलब है कि कोई कमीशन नहीं लगता, और फ़ीस की सारी बचत सीधे निवेशक को जाती है.

कम एक्सपेंस रेशियो कैसे आपकी मदद कर सकता है

कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फ़ंड चुनना आपके निवेश रिटर्न को बेहतर बनाने का एक आसान लेकिन असरदार तरीक़ा है.

कम ख़र्च के कंपाउंड होने का असर

लागत बचत का कंपाउंडिंग असर कम ख़र्च आपके पैसे को बाज़ार में निवेशित रखता है, जिससे ये समय के साथ बढ़ता और कंपाउंड (चक्रवृद्धि) होता है. दशकों में, कम लागत का ये फ़ायदा आपके पोर्टफ़ोलियो के साइज़ में काफ़ी अंतर ला सकता है.

यानि, कम एक्सपेंस रेशियो ऊंचे नेट रिटर्न में बदल जाता है. चाहे आप शुरुआती हों या अनुभवी निवेशक, डायरेक्ट म्यूचुअल फंड जैसे कम ख़र्चीले विकल्पों को चुनना एक स्मार्ट क़दम है. हो सकता है कि आपको अभी अंतर नज़र न आए, लेकिन आने वाले सालों में इसका बहुत बड़ा असर होगा.

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क्या नए निवेशकों को डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड चुनना चाहिए?

अगर आप निवेश के लिए नए हैं, तो आप आपके मन में सवाल उठेगा कि क्या डायरेक्ट प्लान सही विकल्प हैं. इसका जवाब इस पर निर्भर करता है कि आप अपने निवेश पर ख़ुद काम करने के लिए तैयार हैं या नहीं.

नए निवेशकों के लिए डायरेक्ट फ़ंड के फ़ायदे

  • बचत की लागत: ये प्लान आपको डिस्ट्रिब्यूटर कमीशन बचाते हैं, और यही बचाया हुआ पैसा निवेश में रह कर लंबे समय में आपका रिटर्न बढ़ता है.
  • पारदर्शिता: आपके पास फ़ंड के बारे में सीधी जानकारी होती है, जिससे निवेश को अपने फ़ाइनेंशियल गोल से जोड़ना आसान हो जाता है. हालांकि, अगर आपने किसी डिस्ट्रीब्यूटर के ज़रिए फ़ंड ख़रीदा है, तो हो सकता है कि आप उनके बताए उस फ़ंड में निवेश कर दें जो उन्हें ज़्यादा कमीशन देता है.

डायरेक्ट फ़ंड में निवेश की संभावित चुनौतियां

  • रिसर्च की ज़रूरत: सीधे निवेश करने के लिए फ़ंड का चुनाव और फ़ाइनेंशियल प्लानिंग की बुनियादी समझ की ज़रूरत होती है. शुरुआती लोगों के लिए गाइडेंस के बिना ये काम मुश्किल लग सकता है.
  • व्यक्तिगत सलाह की कमी: रेग्युलर स्कीमों के उलट, डायरेक्ट फ़ंड डिस्ट्रीब्यूटर की सलाह के साथ नहीं आते. हालांकि, इस अंतर को पाटने के लिए बहुत सारे ऑनलाइन टूल और रिसोर्स मौजूद हैं.

डायरेक्ट फ़ंड में निवेश की प्रैक्टिकल सलाह

नए निवेशकों के लिए, छोटी रक़म से शुरुआत करना और धीरे-धीरे सब कुछ सीखना एक प्रैक्टिकल तरीक़ा है. हालांकि, अगर आपको पर्सनल गाइडेंस की ज़रूरत है, तो आपके लिए वैल्यू रिसर्च फ़ंड एडवाइज़र एक बेहतरीन साथी रहेगा. ये आपके फ़ाइनेंशियल गोल के मुताबिक़ क्यूरेटेड फ़ंड रेकमेंडेशन और अमल करने वाली सलाह देगा, जिससे आपकी निवेश यात्रा आसान और असरदार हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: क्या आप अपना निवेश ख़ुद करने वालों में से हैं?

डायरेक्ट म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें

डायरेक्ट प्लान के साथ शुरुआत करना आपकी सोच से ज़्यादा आसान है. इसे शुरू करने की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड नीचे दी गई है:

स्टेप 1: अपना KYC पूरा करें

किसी भी फ़ाइनेंशियल धोखाधड़ी या मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए निवेशक की पहचान और पते का वेरिफ़िकेशन (सत्यापित) म्यूचुअल फ़ंड KYC के ज़रिए किया जाता है. ये एक बार ही करना होता है और मुफ़्त में किया जा सकता है. इसलिए, जब भी आप किसी नए फ़ंड में निवेश करते हैं, तो आपको हर बार इसे करने की ज़रूरत नहीं होगी.

अपना KYC ऑनलाइन पूरा करने के लिए, आप यहां जा सकते हैं:

  • किसी भी फ़ंड हाउस का ऑनलाइन KYC सेक्शन.
  • CAMs और KFintech की आधिकारिक वेबसाइट.

आपको OTP वेरिफ़ाई करने के लिए अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और आधार नंबर देना होगा. इसे वरेफ़ाई करने के लिए आपके दिए डिटेल पैन कार्ड के साथ मिलाए जाते हैं. अंत में, आपका पर्सनल वेरिफ़िकेशन वीडियो कॉल के ज़रिए किया जाएगा, जिसमें आपको अपनी पहचान और पते का प्रमाण कॉल पर ही दिखाना होगा.

स्टेप 2: अपना निवेश प्लेटफ़ॉर्म चुनें

आप इन स्कीमों में निवेश कर सकते हैं:

  • AMC वेबसाइट: ज़्यादातर फ़ंड हाउस अपनी आधिकारिक वेबसाइट के ज़रिए सीधे निवेश की अनुमति देते हैं.
  • ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म: Groww, Zerodha और Value Research Fund Advisor जैसे कई प्लेटफ़ॉर्म सीधे म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना आसान बनाते हैं.

स्टेप 3: अपने फ़ंड चुनें

अपने फ़ाइनेंशियल गोल, रिस्क सहने की क्षमता और निवेश की अवधि के आधार पर फ़ंड पर रिसर्च करें. रिटर्न, एक्सपेंस रेशियो और फ़ंड की स्थिरता जैसे प्रदर्शन के पैमानों की तुलना करने के लिए टूल का इस्तेमाल करें.

ये भी पढ़ें: क्यों डायरेक्ट प्लान में निवेश फ़ायदे का सौदा है?

ऐसा प्लेटफ़ॉर्म जो बेहतर निवेश करने में आपकी मदद करे

बिना शक़ प्लान का सस्ता होना फ़ायदेमंद रहता है, लेकिन अपने रिटर्न को ज़्यादा से ज़्यादा करने के लिए, सही फ़ंड चुनना ज़रूरी है. वैल्यू रिसर्च फ़ंड एडवाइज़र इस विशाल म्यूचुअल फ़ंड मार्केट में नेविगेट करने के लिए आपका पसंदीदा टूल हो सकता है.

वैल्यू रिसर्च धनक क्यों चुनें?

  • हम एक पर्सनल पोर्टफ़ोलियो देते हैं जो आपके निवेश की ज़रूरतों और फ़ाइनेंशियल गोल से मेल खाता हो.
  • हमारी एक्सपर्ट सलाह के आधार पर आप अपना पोर्टफ़ोलियो स्ट्रीमलाइन करें. अपनी रणनीति के मुताबिक़ चीज़ों का पालन कर सकते हैं.
  • हमारे 6-इन-1 अकाउंट के साथ अपने पूरे परिवार का भविष्य बेहतर कर सकते हैं.

डायरेक्ट फ़ंड में निवेश का पहला क़दम उठाएं

वैल्यू रिसर्च फ़ंड एडवाइज़र के टूल और रिसोर्स का फ़ायदा उठाकर, आप डायरेक्ट प्लान में निवेश करने और अपने मुताबिक़ पोर्टफोलियो बनाने का आत्मविश्वास हासिल कर सकते हैं

निष्कर्ष

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प हैं जो लागत कम करना चाहते हैं और अपने रिटर्न का ज़्यादा हिस्सा बनाए रखना चाहते हैं। वितरक कमीशन को खत्म करके, ये प्लान व्यय अनुपात को कम करते हैं, जिससे आपके निवेश समय के साथ कुशलता से बढ़ सकते हैं।

आज ही प्रत्यक्ष म्यूचुअल फंड के लाभों का अन्वेषण करें, और अपने पास सही उपकरण होने पर, आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर अच्छी तरह से आगे बढ़ेंगे।

ये भी पढ़ें: डायरेक्‍ट vs रेग्‍युलर म्‍यूचुअल फ़ंड: क्या बेहतर है?


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