Anand Kumar
NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) हाल ही में कुछ ग़लत वजहों से ख़बरों में आया है.
बाहरी पर्यवेक्षक ने NPS को नाकाफ़ी पाया. बरसों के असंतोष के बाद, सरकार ने इसकी कमियों को पहचाना और गारंटी वाली कर्मचारी पेंशन स्कीम को वापस लौटा लाए. कम-से-कम यही कहानी सोशल मीडिया पर NPS विरोधी भीड़ पेश कर रही है.
मगर असलियत इससे बहुत दूर है. NPS हर किसी के लिए एक शानदार रिटायरमेंट स्कीम है. हालांकि, हर चीज़ की तुलना किसी दूसरी चीज़ से की ही जाती है. मुझे एक कॉमेडियन याद आ रहा है, जो ये पूछे जाने पर कि "आपकी पत्नी कैसी है?" कहता था, "किसकी तुलना में?" सरकारी कर्मचारी NPS की तुलना अपने पहले के पैसे से करते हैं और गारंटी वाली पेंशन चाहते हैं. निजी बचत करने वालों के पास रिटायरमेंट बचत के लिए ऐसा कोई विकल्प नहीं है. उनके पास जो विकल्प उपलब्ध हैं, उनमें म्यूचुअल फ़ंड, डिपॉज़िट और ऐसी ही दूसरी चीज़ें शामिल हैं. और हमारी कवर स्टोरी दिखाती है, NPS इनसे बेहतर है.
मनोवैज्ञानिक स्तर पर, कुछ सरकारी कर्मचारियों को लगता है कि गारंटी होना निवेश के बेहतर विकल्प से बेहतर है. भारत में सरकारी नौकरी क्या मायने रखती है, इसके सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संदर्भ में ये बात (कुछ हद तक) समझ में आती है. हालांकि, हममें से बाक़ी लोगों के लिए कहानी अलग है. हमें अपने रिटायरमेंट के लिए बचत करने की ज़रूरत है और NPS किसी भी विकल्प से बेहतर है.
सोशल मीडिया पर NPS के बारे में नकारात्मकता की लहर का एक और कारण है, जिसे आपको समझना चाहिए. NPS की बेहद कम लागत वाला स्ट्रक्चर बचत करने वालों के लिए अच्छा है लेकिन बिचौलियों के लिए बुरा. इस देश में तरह-तरह के बिचौलियों की एक पूरी दुनिया है जो चाहते हैं कि उनके ग्राहक NPS को छोड़ें और अपनी बचत ऊंचे-कमीशन वाले निवेशों में लगाएं, जिन्हें बिचौलिए बेच रहे हैं. यही कहानी है यूलिप (यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) बनाम म्यूचुअल फ़ंड की जो अलग-अलग एसेट क्लास में दोहराई जा रही है. इसलिए, NPS विरोधी प्रचार को लेकर अपनी आंखें खुली रखें और झांसे में मत आएं.
ज़रा सोचिए: आपने आखिरी बार ऐसा फ़ाइनेंशियल प्रोडक्ट कब देखा था जिसे बेचने के लिए कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया हो? NPS इसलिए अलग है क्योंकि ये आपके अलावा किसी और की जेब नहीं भरता. इसका कारगर होना फ़ाइनेंस इंडस्ट्री में कई लोगों की स्थिति को ख़तरे में डालता है, जहां जटिलता अक्सर ऊंची फ़ीस और ख़राब प्रदर्शन को छिपा देती है. कुछ बिचौलिए, अपने कमीशन को कम होता देख, डर फैलाने और ग़लत सूचना देने का सहारा लेते हैं. वे हर चीज़ को सिस्टम की कमी के तौर पर दिखाते हैं, और रिटायरमेंट प्लानिंग के लंबे समय के स्वभाव को आसानी से भूल जाते हैं.
याद रखें, हो सकता है कि उनके हित आपके हितों से मेल न खाएं. वैसे, सोशल मीडिया के युग में, संदेह फैलाना पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो गया है, लेकिन तथ्यों को शोरगुल में न डूबने दें. NPS का पारदर्शी स्ट्रक्चर और कम लागत इसकी ताक़त है, कमज़ोरी नहीं.
आप बस ये देखें कि NPS क्या देता है. तीन दशकों से ज़्यादा समय से पर्सनल फ़ाइनांस और बचत करने वालों को क़रीब से देखने के नाते, मैंने रिटायरमेंट के लिए अनगिनत स्कीमों को आते और जाते देखा है. हालांकि, NPS अपनी कम लागत, ऊंची सुरक्षा, अच्छा ऊंचा रिटर्न और लंबे समय के दौरान पैसा बनाने की वास्तविक क्षमता के चलते सबसे अलग है. ये केवल संख्याओं की बात नहीं है - हालांकि ये बड़ा फ़ैक्टर है, जो लोगों को पैसों के लोकर अपने भविष्य को नियंत्रित करने के लिए सशक्त बनाता है.
मैं अक्सर ऐसे लोगों से मिलता हूं जो NPS पर शक़ करते हैं, जो बाज़ार की अस्थिरता या गारंटी की कमी की चिंता का हवाला देते हैं. उनसे, मैं ये कहता हूं: जीवन में कोई गारंटी नहीं है. NPS की ख़ूबसूरती और क्षमता, इसके लंबी अवधि में कंपाउंडिंग और बाज़ार के बढ़ते रहने की ताक़त का फ़ायदा लेने में है. हां, इसमें उतार-चढ़ाव होंगे, लेकिन यही कारण है कि इस स्कीम को कई एसेट क्लास के साथ मिलाजुला कर बनाया गया है. ये जीवन की तरह ही रिस्क और रिवॉर्ड को बैलेंस करने की बात है. इसलिए, सुनी-सुनाई बातों या कम समय वाले नज़रिए के चलते NPS को ख़ारिज करने से पहले, मैं आपसे इसके स्ट्रक्चर और फ़ायदों के बारे में गहराई से जानने-समझने का आग्रह करता हूं. हमारी कवर स्टोरी जरूर पढ़ें और NPS में अपना विश्वास फिर से जगाएं.