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NFO: आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फ़ंड में निवेश का मौक़ा?

Aditya Birla Sun Life Nifty India Defence Index Fund NFO: इस फ़ंड ऑफ़र के बारे में हर जानकारी पढ़ें.

क्या आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फ़ंड में निवेश करना सही है?

Aditya Birla Sun Life Nifty India Defence Index Fund NFO 9 अगस्त को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है और ये 23 अगस्त 2024 तक निवेशकों के लिए उपलब्ध रहेगा.

ये नया फ़ंड पैसिव रूप से मैनेज किया जाएगा, जिसका मतलब है कि ये निफ़्टी इंडिया डिफेंस टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) की तरह होगा. उदाहरण के लिए, अगर कंपनी A का इंडेक्स में 5 फ़ीसदी वेट है, तो आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फ़ंड भी कंपनी A में अपना 5 फ़ीसदी निवेश करेगा.

Aditya Birla Sun Life Nifty India Defence Index Fund: एक नज़र

NFO की अवधि 9 अगस्त से 23 अगस्त 2024 तक
बेंचमार्क निफ़्टी इंडिया डिफेंस TRI
फ़ंड मैनेजर हरेश मेहता और प्रणव गुप्ता
एग्ज़िट लोड 30 दिन से पहले रिडीम करने पर लागू NAV का 0.05%. उसके बाद कोई एग्ज़िट लोड नहीं.
टैक्स अगर यूनिट्स एक साल के अंदर बेची जाती हैं तो मुनाफ़े पर 20% टैक्स लगेगा.
अगर यूनिट्स एक साल बाद बेची जाती हैं तो मुनाफ़े पर 12.5% टैक्स लगेगा. ₹1.25 लाख तक मुनाफ़ा टैक्स-फ़्री है.

निफ़्टी इंडिया डिफेंस टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) के बारे में

चूंकि नया डिफेंस फ़ंड निफ़्टी इंडिया डिफेंस टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) की नकल करने की कोशिश करेगा, तो आइए इसे बेहतर तरीक़े से जानें.

  • 2 अप्रैल 2018 को बनाया गया ये इंडेक्स उन कंपनियों को शामिल करता है जो अपने रेवेन्यू का कम से कम 10 फ़ीसदी डिफेंस सेक्टर से पाती हैं.
  • हरेक कंपनी का वेट उसकी मार्केट वैल्यू से तय होता है. हालांकि, किसी भी कंपनी का इंडेक्स में 20 फ़ीसदी से ज़्यादा वेट नहीं हो सकता है.
  • इस इंडेक्स को साल में दो बार री-कॉन्स्टिट्यूट किया जाता है. री-कॉन्स्टिट्यूट एक प्रक्रिया है जिसमें इंडेक्स की समीक्षा और उसमें बदलाव किया जाता है. इसमें कंपनियों को शामिल करना या हटाना और हरेक स्टॉक के वेट को अडजस्ट करना शामिल हो सकता है.

इस समय, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) की इंडेक्स में सबसे बड़ी मौज़ूदगी है, जिसका वेट 19.38 फ़ीसदी है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) 17.40 फ़ीसदी और सोलर इंडस्ट्रीज़ 14.41 फ़ीसदी के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

इन तीनों कंपनियों का इंडेक्स में कुल 51.19 फ़ीसदी वेट है, जबकि टॉप-5 शेयरों का वेट लगभग 70 फ़ीसदी है.

निफ़्टी इंडिया डिफेंस टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) का प्रदर्शन

पिछले कुछ साल में डिफेंस इंडेक्स में उछाल आया है. अपने बनने (2 अप्रैल 2018) के बाद से, निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने 37 फ़ीसदी का सालाना रिटर्न दिया है, जो इसी अवधि में ब्रॉड मार्केट यानी निफ़्टी 500 के 16.5 फ़ीसदी के दोगुने से भी ज़्यादा है.

साफ़ शब्दों में कहें तो अगर आपने 2 अप्रैल 2018 को निफ़्टी डिफेंस इंडेक्स और निफ़्टी 500 में ₹10-10 हज़ार का निवेश किया होता तो अब आपके निवेश की वैल्यू क्रमशः ₹76,027 और ₹26,680 हो जाती. इसे ग्राफ़ में भी देखा जा सकता है.

हालांकि, अगर आप ध्यान से देखें तो पाएंगे कि डिफेंस इंडेक्स हर लिहाज़ से अच्छा नहीं रहा है. असल में, इसने अप्रैल 2018 से जून 2022 के बीच चार साल से ज़्यादा समय तक निफ़्टी 500 से कमज़ोर प्रदर्शन किया. उसके बाद ही ये इंडेक्स अपनी बेहतर स्थिति में आया है, जिसका श्रेय सरकार के स्वदेशीकरण अभियान और डिफेंस एक्सपोर्ट में तेज़ी को जाता है. फ़ाइनेंशियल ईयर 2023-24 में, भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में एक साल पहले की तुलना में 32.5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई.

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आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फ़ंड के मैनेजर

इस फ़ंड को हरेश मेहता और प्रणव गुप्ता मैनेज करेंगे.

मेहता को डीलिंग से जुड़े कामों में 17 साल का अनुभव है; और वे इस समय ABSL AMC (आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ का छोटा नाम) के लिए 16 फ़ंड मैनेज करते हैं, जो देश का छठा सबसे बड़ा फ़ंड हाउस है. वहीं, गुप्ता को कैपिटल मार्केट में छह साल से ज़्यादा का अनुभव है और वे कंपनी के लिए 17 फंड की कमान संभालते हैं.

आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स: क्या निवेश करें?

निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स के हाल के मज़बूत प्रदर्शन को देखते हुए, इस NFO में निवेश करना आकर्षक लग सकता है. हालांकि, आगे बढ़ने से पहले नीचे दिए गए फ़ैक्टर के बारे मेने ज़रूर सोचें.

  • हाई कॉन्सेंट्रेशन का जोख़िम: जैसा कि हमने पहले बताया, टॉप-3 स्टॉक इंडेक्स के कुल वेट का लगभग 51 फ़ीसदी हिस्सा बनाते हैं. इसका मतलब है कि आपके पोर्टफ़ोलियो के प्रदर्शन का आधे से थोड़ा ज़्यादा हिस्सा सिर्फ तीन स्टॉक के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. ये एक नेगेटिव फ़ैक्टर है, ख़ासकर जोख़िम से दूर रहने वाले निवेशकों के लिए.
  • हाई वैल्यूएशन: भारत का डिफेंस सेक्टर भले ही आगे बढ़ रहा हो, लेकिन इन कंपनियों का वैल्यूएशन बहुत ज़्यादा है. दूसरे शब्दों में, आप इन कंपनियों में हाई प्रीमियम पर निवेश करेंगे, जिससे आपके भविष्य का मुनाफ़ा कम हो जाएगा.
  • कोई भी सेक्टर या थीम सदाबहार नहीं होता: किसी सेक्टर द्वारा बेहतर प्रदर्शन के बाद आमतौर पर ख़राब प्रदर्शन किया जाता है. उदाहरण के लिए, डिफेंस सेक्टर ने पिछले कुछ साल में वापसी करने से पहले चार साल से ज़्यादा समय तक ख़राब प्रदर्शन किया. इसलिए, किसी विशेष सेक्टर पर ज़्यादा निर्भरता जोख़िम भरी हो सकती है.

इसके बजाय, फ़्लेक्सी-कैप या मल्टी-कैप फ़ंड जैसे डाइवर्स फ़ंड में निवेश करना ज़्यादा बेहतर है. ऐसे फ़ंड, जोख़िम को कम करने के लिए डिफेंस सहित अलग-अलग सेक्टरों में अपना पैसा लगाते हैं.

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