IPO अनालेसिस

Ola Electric IPO: क्या निवेश का है मौक़ा?

Ola Electric IPO के बारे में सबकुछ जो निवेश से पहले आपको जानना चाहिेए

Ola Electric IPO: क्या निवेश का है मौक़ा?

Ola Electric IPO: ओला इलेक्ट्रिक IPO 2 अगस्त, 2024 को मेंबरशिप के लिए खुलेगा और 6 अगस्त, 2024 को बंद होगा. निवेशकों को समझदार फ़ैसला लेने में मदद करने के लिए यहां भारत की सबसे बड़ी ई-स्कूटर मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनी की ख़ूबियों, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में पूरा ब्यौरा दिया गया है.

Ola Electric IPO पर संक्षेप में

  • क्वॉलिटी : ओला इलेक्ट्रिक नेट और ऑपरेटिंग दोनों स्तरों पर घाटे में चल रही है, 2017 में अपनी स्थापना के बाद से लगातार कैश आउट-फ़्लो हो रहा है.
  • ग्रोथ: इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के बढ़ते चलन की वजह से FY22 और FY24 के बीच कंपनी का रिवेन्यू सालाना 266 फ़ीसदी बढ़ा, जबकि FY22-24 के बीच कर के बाद इसका कुल घाटा ₹3,841 करोड़ रहा.
  • वैल्यूएशन : IPO के बाद, कंपनी 4.5 गुना के P/B रेशियो पर क़ारोबार करेगी.
  • ओवरव्यू: सरकार के EV को बढ़ावा देने से कंपनी को फ़ायदा होगा, क्योंकि ये बाज़ार में आगे है. उपभोक्ता वरीयता भी EV की ओर लगातार बढ़ रही है, क्योंकि वे ईंधन लागत में ख़ास बचत करते हैं. इससे भविष्य में मांग में तेज़ी बनी रहेगी, जिससे कंपनी को और फ़ायदा होगा. हालांकि, इसकी विस्तार की स्कीमों के लिए तेज़ी से नक़दी ख़र्च करना ज़रूरी है, जिससे इसका घाटा जारी रह सकता है.

Ola Electric के बारे में

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रजिस्टर्ड यूनिट्स की संख्या के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (E2W) मैन्युफ़ैक्चर है, जिसका FY24 में कुल रजिस्ट्रेशन में करीब 35 फ़ीसदी हिस्सा था. ओला बैटरी पैक, मोटर और वाहन के फ़्रेम जैसे ज़रूरी EV चीजें भी बनाती है. इसके पास सात EV स्कूटर का पोर्टफ़ोलियो है और ये Q2 FY26 तक चार इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है.

Ola Electric की ताक़त

  • बाज़ार लीडरशिप: कंपनी FY24 में 35 फ़ीसदी बाज़ार हिस्सेदारी के साथ E2W सेगमेंट में लीड करती है, जबकि FY22 में यह 6 फ़ीसदी थी.
  • बैकवर्ड इंटीग्रेशन पर ध्यान: कंपनी हाल में तीसरे पक्ष के सप्लायर से सेल खरीदती है, जिनका इस्तेमाल बैटरी पैक में किया जाता है और जो EV की लागत का एक ख़ास हिस्सा बनते हैं. बाहरी सप्लायर्स पर अपनी निर्भरता कम करने और सप्लाई चैन और लागतों पर बेहतर नियंत्रण रखने के लिए, ये सेल निर्माण के लिए एक गीगा-फ़ैक्ट्री बनाकर बैकवर्ड इंटीग्रेशन पर ध्यान लगा रही है.

Ola Electric की कमज़ोरियां

  • बड़ी प्रतिस्पर्धा (High competition): कंपनी बहुत ज़्यादा प्रतिस्पर्धी माहौल में काम करती है. E2W बाज़ार में काम करने वाली दूसरी ऑटो दिग्गज कंपनियां जैसे बजाज ऑटो , हीरो मोटोकॉर्प और TVS मोटर एक बड़ा ख़तरा हैं, क्योंकि उनके पास पहले से ही स्थापित डिस्ट्रिब्युशन नेटवर्क के साथ अपने EV बिज़नस के लिए काफ़ी कैपिटल है.
  • कैश पैदा करने की क्षमता (Cash generation): कंपनी को अपनी विस्तार योजनाओं और R&D को फ़ंड करने के लिए बड़े कैपिटल की ज़रूरत है, लेकिन इसने शुरुआत से ही कोई कैश-फ़्लो पैदा नहीं किया है.

Ola Electric IPO की डिटेल

कुल IPO साइज़ (करोड़ ₹) 6,146
बिक्री के लिए प्रस्ताव (करोड़ ₹) 646
नया इशू (करोड़ ₹) 5,500
प्राइस बैंड (करोड़ ₹) 72-76
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ 2 अगस्त, 5 अगस्त और 6 अगस्त 2024
इशू का उद्देश्य पूंजीगत व्यय, क़र्ज चुकाने, R&D और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य.

IPO के बाद

एम-कैप (करोड़ ₹) 33,522
नेट वर्थ (करोड़ ₹) 7,519
प्रोमोटर होल्डिंग (%) 36.8
प्राइस/ अर्निंग्स (P/E) -
प्राइस/ बुक (P/B) 4.5

फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री

मुख्य फ़ाइनेंशियल्स 2 साल की ग्रोथ (% सालाना) FY24 FY23 FY22
रेवेन्यू (करोड़ ₹) 266.5 5,010 2,631 373
IBIT (करोड़ ₹) - -1,625 -1,420 -849
PAT (करोड़ ₹) - -1,584 -1,472 -784
नेट वर्थ (करोड़ ₹) 2,019 2,356 3,661
कुल डेट (करोड़ ₹) 2,711 1,704 804
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स

मुख्य रेशियो

रेशियो 3Y औसत (%) FY24 FY23 FY22
ROE (%) -54.1 -78.5 -62.5 -21.4
ROCE (%) -28.4 -31.7 -29.8 -23.7
EBIT मार्जिन (%) -104.6 -32.4 -54 -227.5
डेट टू इक्विटी 0.8 1.3 0.7 0.2
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी
ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड

ये भी पढ़िए - 'Ceigall India' IPO: निवेश का मौक़ा?

रिस्क रिपोर्ट

Ola Electric और उसका बिज़नस

  • क्या पिछले 12 महीनों में कंपनी की अर्निंग बिफ़ोर टैक्स (tax more than) ₹50 करोड़ से ज़्यादा थी?
    नहीं इसने FY24 में कर-पूर्व ₹1,584 करोड़ का घाटा दर्ज किया.
  • क्या कंपनी अपने क़ारोबार को बढ़ा पाएगी?
    हां. किफ़ायती पर्सनल व्हीकल की बढ़ती ज़रूरत, दोपहिया वाहनों की बढ़ोतरी की उम्मीद को बेहतर बनाती है, ख़ासकर भारत जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में. इसके अलावा, बैटरी की क़ीमतों में कमी की वजह से पिछले कुछ सालों में ICE (internal combustion engines) और इलेक्ट्रिक 2W वाहनों के बीच शुरुआती क़ीमत का अंतर काफी कम हो गया है. इसके साथ ही सुरक्षित पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता और EV खरीदने को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी सब्सिडी से कंपनी को अपने ऑपरेशन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
  • क्या कंपनी के पास ऐसे पहचाने जाने वाले ब्रांड हैं जो ग्राहकों के साथ जुड़े हुए हैं?
    हां. E2W बाज़ार में कंपनी की मज़बूत ब्रांड रिकॉल है. FY 24 में भारत के कुल E2W पंजीकरण में ओला ई-स्कूटर का हिस्सा 35 फ़ीसदी था.
  • क्या कंपनी के पास भरोसेमंद सुरक्षा घेरा (credible moat) है?
    नहीं. ये काफ़ी प्रतिस्पर्धी माहौल में काम करती है.

मैनेजमेंट

  • क्या कंपनी के किसी संस्थापक के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 प्रतिशत हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
    हां. IPO के बाद प्रमोटरों की हिस्सेदारी 36.8 फ़ीसदी होगी.
  • क्या शीर्ष तीन मैनेजरों के पास ओला इलेक्ट्रिक में संयुक्त नेतृत्व का 15 साल से ज़्यादा का तजुर्बा है?
    नहीं. कंपनी को 2017 में शामिल किया गया था.
  • क्या मैनेजमेंट भरोसेमंद है? क्या ये अपने ख़ुलासों में पारदर्शी है, जो SEBI दिशानिर्देशों के मुताबिक़ है?
    हां. इसके विपरीत सुझाव देने के लिए कोई जानकारी नहीं है.
  • क्या कंपनी की लेखा नीति स्थिर है?
    हां. इसके उलट सुझाव देने के लिए कोई जानकारी मौजूद नहीं है.
  • क्या ओला इलेक्ट्रिक प्रमोटरों द्वारा अपने शेयर गिरवी रखने से मुक्त है?
    हां. ये प्रमोटरों द्वारा अपने शेयर गिरवी रखने से मुक्त है.

फ़ाइनेंस की स्थिति

  • क्या कंपनी ने मौजूदा और तीन साल का औसत इक्विटी पर रिटर्न (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और नियोजित पूंजी पर रिटर्न (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा कमाया किया है?
    नहीं. कंपनी ने पिछले तीन FY में नेट और ऑप्रेटिंग दोनों स्तरों पर घाटा उठाया है.
  • क्या पिछले तीन सालों के दौरान कंपनी का परिचालन नक़दी प्रवाह (operating cash flow) पॉज़िटिव रहा?
    नहीं. इसने FY 22 और FY 24 के बीच परिचालन से नेगेटिव कैश फ़्लो की सूचना दी.
  • क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो (net debt-to-equity ratio) एक से कम है?
    हां. FY 24 तक इसका डेट-टू-इक्विटी रेशियो (operating cash flow) 0.5 गुना था.
  • क्या ओला इलेक्ट्रिक अपने दैनिक कामों के लिए बड़ी मात्रा में वर्किंग कैपिटल पर निर्भर नहीं है?
    नहीं. ये एक ज़्यादा पूंजी की ज़रूरत वाली इंडस्ट्री में काम करता है और अपने वर्किंग कैपिटल की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर कम समय का कर्ज़ जुटाने का इतिहास रखता है.
  • क्या कंपनी अगले तीन सालों में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
    नहीं. कंपनी ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में ऑपरेशन से पॉज़िटीव कैश-फ़्लो पैदा नहीं किया है. IPO की आय का करीब 58 फ़ीसदी कैपिटल एक्सपेंडिचर, रिसर्च और ग्रोथ और ऑर्गैनिक ग्रोथ की पहल के लिए इस्तेमाल किए जाने का लक्ष्य है, लेकिन इसके विस्तार के लिए अभी भी ज़्यादा पूंजी जुटाने की ज़रूरत होगी.
  • क्या ओला इलेक्ट्रिक सार्थक आकस्मिक देनदारियों से मुक्त है?
    हां. FY 24 तक कंपनी के पास कोई आकस्मिक देनदारियां नहीं हैं.

वैल्युएशन

  • क्या स्टॉक अपने एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
    नहीं. कंपनी ऑपरेटिंग अर्निंग के स्तर पर घाटे में चल रही है.
  • क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो (price-to-earnings ratio) उसके साथियों के औसत स्तर से कम है?
    नहीं. कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो नेगेटिव है क्योंकि ये घाटे में चल रही है. इसके साथी 34 गुना के औसत P/E पर क़ारोबार करते हैं.
  • क्या स्टॉक का प्राइज़-टू-बुक वैल्यू (Price-to-book value) उसके साथियों के औसत स्तर से कम है?
    हां. स्टॉक का मूल्य उसके साथियों के औसत स्तर 10.1 गुना के मुकाबले में 4.5 गुना के प्राइस-टू-बुक रेशियो पर आंका गया है.

डिसक्लेमर: ये स्टॉक सिफ़ारिश नहीं है. निवेश करने से पहले पूरी रिसर्च करें.

ये भी पढ़िए - IPO के लिए होड़ फिर शुरू


टॉप पिक

वैल्यू रिसर्च एक्सक्लूसिव: मल्टी-कैप फ़ंड्स पर हमारी पहली रेटिंग जारी!

पढ़ने का समय 4 मिनटआशीष मेनन

चार्ली मंगर की असली पूंजी

पढ़ने का समय 5 मिनटधीरेंद्र कुमार

मिड और स्मॉल-कैप एक्टिव फ़ंड चमके हैं इस गिरावट में

पढ़ने का समय 3 मिनटआशीष मेनन

ये सब नज़रअंदाज़ करें

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

लंबे समय के निवेश के लिए म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें?

पढ़ने का समय 2 मिनटरिसर्च डेस्क

ipo banner

हाल के IPO

नाम प्राइस बैंड (₹) बोली लगाने की तारीख़
C2C Advanced Systems 214 - 226 22-नवंबर-2024 से 26-नवंबर-2024
Enviro Infra Engineers 140 - 148 22-नवंबर-2024 से 26-नवंबर-2024
लमोसाइक इंडिया 200 21-नवंबर-2024 से 26-नवंबर-2024
Ganesh Infraworld 78 - 83 29-नवंबर-2024 से 03-दिसंबर-2024
IPO मॉनिटरIPO मॉनिटर

दूसरी कैटेगरी