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'Akums Drugs' IPO: निवेश का मौक़ा?

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‘Akums Drugs’ IPO: निवेश का मौक़ा?

एकम्स ड्रग्स का IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 30 जुलाई 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 1 अगस्त 2024 को बंद होगा. निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम जेनेरिक दवा बनाने वाली इस कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.

'Akums Drugs' IPO: संक्षेप में

  • क्वालिटी: FY-22 और 24 के बीच, कंपनी का 3 साल का एवरेज रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) क्रमशः -8.8 और 3 फ़ीसदी रहा है.
  • ग्रोथ: FY2022-2024 के बीच, कंपनी का रेवेन्यू सालाना 6.7 फ़ीसदी बढ़ा. FY-22 में इसका घाटा ₹251 करोड़ था, पर इसने FY-24 में ₹1 करोड़ का प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स (PAT) दर्ज़ किया.
  • वैल्यूएशन: IPO के बाद, स्टॉक क्रमशः 13356 और 7.3 गुना के P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो) और P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो) पर क़ारोबार करेगा.
  • मार्केट में कंपनी की स्थिति: भारत की फ़ार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में तेज़ी बढ़ रही है, और भारत दुनिया में सबसे बड़ा जेनेरिक (ऑफ़-पेटेंट) ड्रग मैन्युफैक्चरर बनके उभर रहा है. वैश्विक खिलाड़ियों द्वारा अपनाई गई 'चीन प्लस वन' स्ट्रेटजी ने इंडस्ट्री को और भी सुर्खियों में ला दिया है. एकम्स ड्रग्स को इस ट्रेंड से फ़ायदा होने की उम्मीद है, ख़ासकर अपने बड़े साइज़ और क्षमता के कारण. हालांकि, सख़्त रेगुलेटरी नियमों और जेनेरिक बिज़नस में बहुत ज़्यादा प्रतिस्पर्धा इसके प्रदर्शन पर असर डाल सकती है.

Akums Drugs के बारे में

साल 2004 में वज़ूद में आई 'Akums Drugs' एक फ़ार्मास्युटिकल कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन (CDMO) है. भारत में 11 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी ऑपरेट करने वाली ये कंपनी, रेवेन्यू और प्रोडक्शन कैपेसिटी के मामले में सबसे बड़ी इंडिया-फ़ोकस्ड CDMO है. ये काफ़ी बड़ी रेंज में फिनिश्ड डोसेज़ और एक्टिव फ़ार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) बनाती है, और इसके क्लाइंट बेस में Sun Pharma, Dr Reddy's और मैनकाइंड फ़ार्मा जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. ये अपनी ज़्यादातर कमाई भारत में अपने क़ारोबार से कमाती है -- कंपनी के डोमेस्टिक ऑपरेशन ने FY24 में इसके कुल रेवेन्यू में 94 फ़ीसदी का योगदान दिया है.

Akums Drugs की ताक़त

  • बड़ा साइज़ और क्षमता: कंपनी का साइज़ और क्षमता इसकी सबसे बड़ी ताक़त है. ये अपनी 11 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के ज़रिए सालाना लगभग 50 बिलियन फ़िनिश्ड डोसेज़ बना सकती है. ये सबसे बड़ी इंडिया-फ़ोकस्ड CDMO कंपनी है, और ख़ास तौर से भारतीय फ़ार्मा कंपनियों के लिए जेनेरिक दवाएं बनाती है. इसके अलावा, इसने अपने ज़्यादातर क्लाइंट बेस को बनाए रखा है और पिछले 5 साल में इसका 76 फ़ीसदी रेवेन्यू पुराने क्लाइंट बेस से आया है.

Akums Drugs की कमज़ोरियां

  • कैश ऑउटफ़्लो ओवरहैंग: Akums Drugs ने 2019 में प्राइवेट इक्विटी (PE) फ़र्म रूबी QC इन्वेस्टमेंट (Ruby QC Investment) से ₹500 करोड़ जुटाए थे. इस सौदे ने रूबी QC को अपनी हिस्सेदारी पहले से तय क़ीमत पर कंपनी को वापस बेचने का विकल्प दिया है. नतीजा, मार्च 2024 तक कंपनी पर रूबी QC के प्रति ₹1,365 करोड़ की देनदारी/लायबिलिटी थी.
    रूबी QC (जिसकी एकम्स में इस समय 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी है) IPO के ज़रिए अपनी आधी हिस्सेदारी बेच रही है. इसके पास, बाक़ी 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी को या तो कंपनी को वापस बेचने या स्टॉक की लिस्टिंग के बाद ओपन मार्केट में बेचने का अधिकार है. अगर ये PE फ़र्म एकम्स को हिस्सेदारी वापस बेचने का विकल्प चुनती है, तो ताज़े वैल्यूएशन के आधार पर एकम्स को लगभग ₹650-700 करोड़ चुकाने होंगे. एकम्स ने मार्च 2024 तक इस पेमेंट को चुकाने के लिए ₹181 करोड़ अलग से रखे थे. रूबी QC, 1 जनवरी 2025 और 31 जुलाई 2025 के बीच बाक़ी 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी वापस एकम्स को बेचने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकती है.
  • इंडस्ट्री के सख़्त नियम: फ़ार्मा इंडस्ट्री को नियमों का बहुत ज़्यादा पाबंध रहना पड़ता है, और कोई भी लापरवाही या नियमों की अनदेखी कंपनी के ऑपरेशन पर गंभीर असर डाल सकती है.

IPO की डिटेल

IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) 1,857
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) 1,177
नए इशू (करोड़ ₹) 680
प्राइस बैंड (₹) 646 - 679
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ 30 जुलाई 2024 से 1 अगस्त 2024 तक
उद्देश्य क़र्ज़ चुकाने, संभावित एक्वीजीशन की फ़ंडिंग और वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए

IPO के बाद

मार्केट कैप (करोड़ ₹) 10,685
नेट वर्थ (करोड़ ₹) 1,470
प्रमोटर होल्डिंग (%) 75.3
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) 13,356
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) 7.3

फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री

फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) 2Y ग्रोथ (% सालाना) FY24 FY23 FY22
रेवेन्यू 6.7 4,178 3,655 3,672
EBIT - -2 225 -186
PAT - 1 98 -251
नेट वर्थ 709 717 622
कुल डेट 567 618 394
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स

प्रमुख रेशियो

रेशियो 3 साल का औसत (%) FY24 FY23 FY22
ROE (%) -8.8 0.11 13.5 -40.1
ROCE (%) 3 3.4 24.6 -18.9
EBIT मार्जिन (%) 0.4 -0.1 6.2 -5.1
डेट-टू-इक्विटी 0.8 0.9 0.6
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी
ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड

एकम्स ड्रग्स: रिस्क रिपोर्ट

कंपनी और बिज़नस

  • क्या पिछले 12 महीनों में Akums Drugs की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
    नहीं. कंपनी ने FY24 में ₹45 करोड़ का घाटा (टैक्स से पहले) दर्ज़ किया है.
  • क्या Akums Drugs अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
    हां. इसकी बड़ी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता, डोमेन में पकड़ और भारत के फ़ार्मास्युटिकल मार्केट में पॉज़िटिव ग्रोथ ट्रेंड कंपनी को अपने बिज़नेस बढ़ाने में मदद करेगी.
  • क्या Akums Drugs का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार या लॉयल है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
    हां. एकम्स के क्लाइंट बेस में इंडस्ट्री के कई दिग्गज़ शामिल हैं, और कंपनी ने अपना मज़बूत क्लाइंट बेस बरक़रार रखा है.
  • क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
    नहीं. कंपनी ऑफ-पेटेंट जेनेरिक प्रोडक्ट बनाती है, जिनमें एंट्री बैरियर कम होते हैं और एक तगड़ी प्रतिस्पर्धा होती है.

Akums Drugs का मैनेजमेंट

  • क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
    हां, IPO के बाद प्रमोटरों की हिस्सेदारी 75.3 फ़ीसदी हो जाएगी.
  • क्या टॉप तीन मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
    हां. कंपनी के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव जैन और संदीप जैन 2004 में इसके गठन के बाद से ही कंपनी से जुड़े हुए हैं.
  • क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
    हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
  • क्या कंपनी की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
    हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
  • क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
    हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.

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Akums Drugs के फ़ाइनेंशियल

  • क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
    नहीं. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः -8.8 और 3 फ़ीसदी है. FY2024 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः 0.11 और 3.4 फ़ीसदी के लगभग रहा है.
  • क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
    हां. FY22 और 24 के बीच, कंपनी ने पॉज़िटिव कैश फ़्लो फ्रॉम ऑपरेशन्स (CFO) दर्ज़ किया.
  • क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
    हां. मार्च 2024 तक इसका का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.4 था.
  • क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
    नहीं. फ़ार्मा कंपनियों को आम तौर पर ज़्यादा वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत पड़ती है और एकम्स ड्रग्स के मामले में भी यही है. कंपनी ने FY24 में तुलनात्मक रूप से ज़्यादा (99 दिनों का) कैश कन्वर्जन साइकिल दर्ज़ किया.
  • क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
    नहीं. कंपनी की रूबी QC के प्रति देनदारी और नई मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के लिए capex की ज़रूरत, इसे बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर रहने के लिए मज़बूर कर सकती है.
  • क्या कंपनी बड़ी कंटिंजेंट देनदारी से मुक्त है?
    हां. मार्च 2024 तक, कंपनी बड़ी कंटिंजेंट देनदारी से मुक्त थी.

Akums Drugs की वैल्यूएशन

  • क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
    नहीं. ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर नेगेटिव ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है.
  • क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
    नहीं. स्टॉक का P/E रेशियो 13356 गुना है, जबकि इसके जैसी दूसरी कंपनियों का एवरेज स्तर 52 गुना है.
  • क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
    हां. स्टॉक का P/B रेशियो 7.3 गुना है, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 8.5 गुना है.

डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.

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