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जेनेरिक दवा बनाने वाली कंपनी एमक्योर फ़ार्मास्यूटिकल्स ने 3 जुलाई 2024 को अपना IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) लॉन्च कर दिया है. निवेशकों को सही फैसला लेने में मदद करने के लिए नीचे कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं की पूरी जानकारी दी गई है.
एमक्योर फ़ार्मास्यूटिकल्स के बारे में संक्षेप ब्यौरा
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क्वॉलिटी:
कंपनी का तीन साल का औसत ROE और ROCE FY22 और FY24 के बीच करीब 24 फ़ीसदी था.
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ग्रोथ
: FY22-FY24 के दौरान कंपनी का रिवेन्यू 6.6 फ़ीसद प्रति साल बढ़ा, लेकिन इस दौरान टैक्स के बाद इसका मुनाफ़ा 13.3 फ़ीसदी प्रति साल कम हुआ.
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वैल्यूएशन:
IPO के बाद, स्टॉक का वैल्यूएशन क्रमशः 36.1 और 5.1 गुना P/E और P/B रेशियो पर किया जाएगा.
- ओवरव्यू: भारतीय हेल्थ सर्विस सेक्टर में बढ़ते खर्च और पैठ के साथ-साथ 'चीन प्लस वन' रणनीति से आने वाले सालों में एमक्योर फ़ार्मा को फ़ायदा होगा. हालांकि, एक जेनेरिक दवा कंपनी होने के नाते, यह बहुत ज़्यादा प्रतिस्पर्धी क़ारोबारी माहौल में काम करती है जो इसके मुनाफ़े में बाधा डाल सकता है.
एमक्योर फ़ार्मा के बारे में
1981 में निगमित, एमक्योर फ़ार्मा अलग अलग हेल्थ सेक्टरों में ऑफ-पेटेंट जेनेरिक दवाइयां, इंजेक्टेबल्स और एक्टिव फ़ार्मास्यूटिकल इनग्रडेंट (API) बनाती है. कंपनी भारत भर में 13 निर्माण की फ़ैसिलिटी चलाती है और 70 देशों को अपने प्रॉडक्ट सप्लाई करती है. भारत इसका सबसे बड़ा बाज़ार है और इसके रेवेन्यू का 48 फ़ीसदी हिस्सा यहीं से आता है, इसके बाद यूरोप का स्थान आता है, जिसकी रिवेन्यू हिस्सेदारी 21 फ़ीसदी है और अमेरिका का हिस्सा 14 फ़ीसदी है.
एमक्योर फ़ार्मा की ताक़त
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लीडरशिप:
एमक्योर की घरेलू बाज़ार में मज़बूत मौजूदगी है. ये स्त्री रोग और HIV एंटीवायरल थेरेप्यूटिक्स में बाज़ार का लीडर है, और बाज़ार हिस्सेदारी के मामले में पांच दूसरे हेल्थ सेक्टर में टॉप 10 में से एक है.
- वर्टिकल इंटीग्रेशन: कंपनी अपने वर्टिकल इंटीग्रेशन की बदौलत ऑपरेशन की कार्यकुशलता का फ़ायदा लेती है. ये अपने आप ही API बनाती है, जिसका इस्तेमाल तैयार खुराक़ के प्रोडक्शन में किया जाता है. डिस्ट्रीब्यूशन के लिए, इसने या तो अपनी ख़ुद की फ़्रंट-एंड डिस्ट्रीब्यूशन (front-end distribution) क्षमताओं को विकसित करके या स्थानीय खिलाड़ियों के साथ हाथ मिलाकर और उनके डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का फ़ायदा उठाकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक मज़बूत नेटवर्क बनाया है.
एमक्योर फ़ार्मा की कमज़ोरियां
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कड़ी प्रतिस्पर्धा:
एमक्योर बिना पेटेंट वाले प्रॉडक्ट बनाती है, जिनके बाज़ार लाने के लिए कोई बड़ी मुश्किल नहीं होती. इसलिए, कंपनी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, जिससे उसे हाई प्राइज़ इरोज़न का सामना करना पड़ता है. इसने FY23 और FY24 में इसके मुनाफ़े पर असर डाला.
- सख़्त रेगूलेटरी ज़रूरत: फार्मा कंपनियां घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही बाज़ारों में बहुत सख़्त रेग्युलेटरी माहौल में काम करती हैं. कंपनियों को काम शुरू करने या नए प्रोडक्ट लॉन्च करने से पहले एक लंबी और थकाऊ रेग्युलेटरी प्रक्रिया का पालन करना होता है. किसी रेग्युलेटरी बोर्ड की ओर से कोई भी नकारात्मक या प्रतिकूल टिप्पणी कंपनी के संचालन में महत्वपूर्ण देरी की वजह बन सकती है.
IPO की डिटेल
कुल IPO साइज़ (करोड़ ₹ में) | 1,952 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 1,152 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 800 |
प्राइस बैंड (करोड़ ₹) | 960 - 1008 |
सब्सक्रिप्शन डेट | July 3-5, 2024 |
इशू का उद्देश्य | रिपेयमेंट ऑफ डेट |
IPO के बाद
एम-कैप (करोड़ ₹) | 19,060 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 3,752 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 78.3 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 36.1 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 5.1 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
मुख्य आंकड़े | 2 साल की ग्रोथ (% सालाना) | FY24 | FY23 | FY22 |
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रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 6.6 | 6,658 | 5,986 | 5,855 |
EBIT (करोड़ ₹) | -8.1 | 917 | 921 | 1,085 |
PAT (करोड़ ₹) | -13.3 | 528 | 562 | 703 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 21.9 | 2,952 | 2,501 | 1,988 |
कुल डेट (करोड़ ₹) | 2.6 | 2335 | 2334 | 2217 |
EBIT यानी ब्याज़ और टैक्स से पहले की अर्निंग्स PAT यानी प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3Y average (%) | FY24 | FY23 | FY22 |
---|---|---|---|---|
ROE (%) | 23.8 | 16.9 | 21.2 | 33.2 |
ROCE (%) | 23.7 | 19.4 | 22 | 29.7 |
EBIT मार्जिन (%) | 15.9 | 13.8 | 15.4 | 18.5 |
डेट टू इक्विटी | - | 0.7 | 0.9 | 1 |
ROE यानी इक्विटी पर रिटर्न
ROCE यानी लगाई गई कैपिटल पर रिटर्न |
एमक्योर फ़ार्मा: रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या एमक्योर फ़ार्मा की अर्निंग बिफ़ोर टैकस पिछले 12 महीनों में 50 करोड़ रुपये से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने FY24 तक 727 करोड़ रुपये का टैक्स के पहले का मुनाफ़ा (profit before tax) दर्ज किया.
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क्या एमक्योर फ़ार्मा अपने बिज़नस को बढ़ा पाएगी?
हां. ख़ास कैटेगरी में लीडरशिप के साथ मजबूत बाजार मौजूदगी और अनुकूल बडी आर्थिक स्थितियां कंपनी को अपने बिज़नस को बढ़ाने में मदद करेंगी.
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क्या एमक्योर फ़ार्मा के पास क्लाइंट के बीच अपनी पहचान बनाने वाला ब्रांड है?
हां. यह कई क्रॉनिक थेरेप्यूटिक सेक्टरों में टॉप 10 घरेलू खिलाड़ियों (बाज़ार हिस्सेदारी के मामले में) में से एक है. यह भारतीय बाजार में स्त्री रोग और HIV एंटीवायरल में सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी का भी दावा करता है.
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क्या कंपनी के पास भरोसेमंद सुरक्षा घेरा (क्रेडिबल मोट) है?
नहीं. कंपनी बिना पेटेंट वाली दवाओं की नकल करना आसान बनाती है और इसे बाजार में कई बड़ी और छोटी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है.
मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कम से कम 5 फ़ीसद हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसद से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटरों के पास 78 फ़ीसद हिस्सेदारी होगी.
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क्या टॉप तीन मैनेजरों के पास एमक्योर फ़ार्मा में संयुक्त नेतृत्व का 15 साल से ज़्यादा का तजुर्बा है?
हां. कंपनी के MD और CEO 1981 में इसके बनने के बाद से ही कंपनी से जुड़े हुए हैं.
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क्या मैनेजमेंट भरोसेमंद है? क्या यह अपने ख़ुलासों में पारदर्शी है, जो SEBI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक़ हैं?
हां. कोई भी जानकारी इसके उलट नहीं बताती।
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क्या कंपनी की अकॉउंटिंग पॉलिसी स्थिर है?
हां. कोई भी जानकारी इसके उलट नहीं बताती.
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क्या एमक्योर फ़ार्मा प्रमोटर शेयरों को गिरवी रखने से मुक्त है?
हां. कंपनी के प्रमोटरों ने कोई शेयर गिरवी नहीं रखा है.
वित्तीय स्थिति
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क्या कंपनी ने वर्तमान और तीन साल का औसत ROE 15 फ़ीसद से ज़्यादा और ROCE 18 फ़ीसदी से ज्यादा किया?
हां. एमक्योर फ़ार्मा का तीन साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः 23.8 और 23.7 फ़ीसदी था. FY24 के लिए ROE और ROCE क्रमशः करीब 17 और 19 फ़ीसद थे.
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क्या पिछले तीन सालों के दौरान कंपनी का सकारात्मक था?
हां. FY22 और FY24 के बीच कंपनी का ऑपरेटिव कैश फ़्लो सकारात्मक था.
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क्या कंपनी का शुद्ध डेट-टू-इक्विटी रेशियो एक से कम है?
हां. मार्च 2024 तक एमक्योर फ़ार्मा का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.6 था.
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क्या एमक्योर फ़ार्मा दिन-प्रतिदिन के कामों के लिए बड़ी कार्यशील कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. हाई वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत एक इंडस्ट्री की ख़ासियत है और एमक्योर इसका अपवाद नहीं है. इसने FY24 में 114 दिनों का कैश कंवर्जन साइकल दर्ज किया.
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क्या कंपनी अगले तीन सालों में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना क़ारोबार चला सकती है?
हां. हालांकि इसकी बैलेंस शीट पर काफ़ी ज़्यादा क़र्ज़ है, लेकिन IPO से मिलने वाली नई आय और लगातार ऑपरेटिंग कैश फ़्लो बनाने की इसकी क्षमता की वजह से कंपनी को निकट भविष्य में बाहरी फ़ंडिंग की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
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क्या एमक्योर फ़ार्मा अचानक होने वाली देनदारियों से मुक्त है?
हां. मार्च 2024 तक कंपनी सार्थक अचानक होने देनदारियों से मुक्त थी.
वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपने एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसद से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. स्टॉक अपने एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 4.3 फ़ीसद की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है.
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क्या स्टॉक की प्राइज़ टू अर्निंग उसके साथियों के औसत स्तर से कम है?
हाँ. स्टॉक अपने साथियों के 39 गुना के औसत P/E के मुक़ाबले में 36.1 गुना के P/E रेशियो पर क़ारोबार करेगा.
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क्या स्टॉक का प्राइज़ टू बुक वैल्यू उसके साथियों के औसत स्तर से कम है?
हां. स्टॉक का वैल्यू उसके साथियों के औसत P/B 8.6 गुना के मुकाबले में 5.1 गुना के P/B रेशियो पर है.
डिस्क्लेमर: ये स्टॉक रिकमंड़ेशन नहीं है. निवेश करने से पहले अपना रिसर्च करें.
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