स्टॉक वायर

होल्डिंग कंपनियों के स्टॉक्स पर SEBI के नए आदेश के क्या मायने हैं?

जानिए कि SEBI के हालिया नियम का होल्डिंग कंपनियों के स्टॉक्स पर क्या असर पड़ेगा

होल्डिंग कंपनियों के स्टॉक्स पर SEBI के नए आदेश के क्या मायने हैं?AI-generated image

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने होल्डिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश की ख़ामियों को दूर करने के लिए क़दम उठाया है. होल्डिंग कंपनियों द्वारा अपने अंडरलाइंग इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर भारी डिस्काउंट दिए जाने पर चिंता जताते हुए, SEBI ने 21 जून 2024 को घोषणा की है कि होल्डिंग कंपनियों के शेयरों की उचित क़ीमत तय करने के लिए स्पेशल कॉल ऑक्शन की व्यवस्था या तरीक़ा शुरू किया जाएगा.

स्पेशल कॉल ऑक्शन का क्या होता है

भारत में होल्डिंग कंपनियों के शेयर अपनी बुक वैल्यू (अंडरलाइंग इन्वेस्टमेंट) से 70-80 फ़ीसदी के भारी डिस्काउंट पर क़ारोबार कर रहे हैं. इस भारी अंडरवैल्यूएशन की वजह से होल्डिंग कंपनियों में निवेश करने से जुड़ी कई कमियां हैं, जैसे कि टैक्स ज़्यादा होना और उनके निवेशों को मुश्किल से भुना पाना. “ होल्डिंग कंपनियां क्या हैं और क्या आपको उनमें निवेश करना चाहिए” , इस लेख में आप होल्डिंग कंपनियों के बारे में विस्तार से समझ सकते हैं.

इस तरह के भारी डिस्काउंट ने निवेशकों को होल्डिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से रोका है, जिसका पता उनके कम ट्रेडिंग वॉल्यूम से चलता है. SEBI की भाषा में, मौज़ूदा भारी अंतर से 'लिक्विडिटी, उचित क़ीमत तय करने और इन कंपनियों में निवेशकों की रुचि पर ख़राब असर पड़ रहा है'. इसलिए, होल्डिंग कंपनी के शेयरों की कम लिक्विडिटी की परेशानी को समझते हुए, SEBI निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने और क़ीमत तय करने में मदद करते हुए 'भारी डिस्काउंट' वाले मुद्दे को सुलझाना चाहता है.

इसके लिए, SEBI ने अनिवार्य किया है कि स्टॉक एक्सचेंज अक्टूबर 2024 से होल्डिंग कंपनियों के लिए बिना किसी प्राइस बैंड (अपर और लोवर सर्किट) के सालाना तौर पर स्पेशल कॉल ऑक्शन आयोजित करें. जो नहीं जानते, उन्हें बताते चलें कि कॉल ऑक्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जहां बायर और सेलर किसी स्टॉक के लिए अपनी क़ीमतें सामने रखते हैं, और सबसे अच्छी क़ीमतों के आधार पर एक निर्धारित समय पर ट्रेडिंग होती है. कॉल ऑक्शन इल्लिक्विड शेयरों के लिए आयोजित किया जाता है, जो उन्हें सीमित उतार-चढ़ाव के साथ क़ीमत तय करने के लिए एक संगठित और नियंत्रित ट्रेडिंग माहौल देता है.

इस घोषणा के कारण सोमवार, 24 जून को होल्डिंग कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहा क्योंकि निवेशकों को विशेष कॉल सेशन के दौरान ज़्यादा क़ीमतों पर शेयर बिकने की उम्मीद है. नीचे दी गई टेबिल देखें.

सबसे आगे

24 जून, 2024 को होल्डिंग कंपनियों के प्रदर्शन में 20 फ़ीसदी तक का उछाल आया

कंपनी स्टॉक का रिटर्न (%) P/B
कल्याणी इन्वेस्टमेंट कंपनी 25.4 0.3
पिलानी इन्वेस्टमेंट एंड इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन 22.6 0.4
धुनसेरी इन्वेस्टमेंट 12.7 1.8
इंडस्ट्रियल एंड प्रूडेंशियल इन्वेस्टमेंट कंपनी 12.6 2.1
महाराष्ट्र स्कूटर्स 11.7 0.4
गार्नेट इंटरनेशनल 11.3 4.3
VLS फ़ाइनेंस 11.1 0.5
BF इन्वेस्टमेंट 10 0.9
हरियाणा कैपफिन 9.4 0.3
नोट: 21 जून, 2024 को SEBI की घोषणा के बाद से स्टॉक का रिटर्न

कौन सी होल्डिंग कंपनियों की स्पेशल ऑक्शन में ट्रेडिंग की जाएगी?

SEBI ने कुछ मानदंड तय किए हैं जिन्हें होल्डिंग कंपनियों को विशेष कॉल ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए पूरा करना होगा:

  • कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा निर्धारित एक-जैसे इंडस्ट्री क्लासिफ़िकेशन में होल्डिंग या इन्वेस्टमेंट कंपनी सेगमेंट के अंतर्गत आती हो. इस सूची में कुल 72 स्टॉक शामिल हैं.
  • कंपनी कम से कम पिछले एक साल से लिस्टेड और ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो (बिना ससपेंड हुए).
  • कंपनी का लिस्टेड इक्विटी इन्वेस्टमेंट इसके कुल एसेट्स का कम से कम 50 फ़ीसदी हो.
  • कंपनी का छह महीने का वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) इसकी बुक वैल्यू के 50 फ़ीसदी से कम हो. सीधे शब्दों में कहें तो कंपनी की बुक वैल्यू पर डिस्काउंट कम से कम 50 फ़ीसदी हो. इससे ये पक्का होगा कि सिर्फ़ वो कंपनियां शामिल होंगी जिनकी होल्डिंग्स पर भारी डिस्काउंट उपलब्ध है और वो कंपनियां शामिल नहीं होंगी जिनकी वैल्यूएशन पहले से ही उनकी इन्वेस्टमेंट वैल्यू के क़रीब है. उदाहरण के लिए, ‘टाटा इन्वेस्टमेंट’ ऊपर दिए गए तीनों मानदंडों को पूरा करती है, लेकिन इसका छह महीने का VWAP ₹5,956 है, जबकि बुक वैल्यू ₹5,922 है; इसलिए ये कंपनी इस विशेष मानदंड को पूरा नहीं करती है.

स्पेशल ऑक्शन को लेकर निवेशक ध्यान दें

हमारा मानना ​​है कि इस नए नियम की वजह से स्पेशल ऑक्शन शुरू होने से पहले ही होल्डिंग शेयरों पर मिल रहा डिस्काउंट कम हो जाएगा. 24 जून को इन कंपनियों के शेयरों में अचानक आया उछाल इस बात को सही साबित करता है. फिर भी, ऑक्शन ट्रेडिंग के लिए योग्य होल्डिंग कंपनियों की पहचान करने के लिए निवेशक दिए गए मानदंडों की सावधानीपूर्वक जांच ज़रूर कर लें. ये करना ज़रूरी है क्योंकि बॉम्बे बर्माह ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (जिसकी प्रमुख होल्डिंग ब्रिटानिया है) जैसी कई होल्डिंग कंपनियों के शेयर ज़रूरी नहीं कि इंडस्ट्री क्लासिफ़िकेशन सूची में आते हों या दूसरे मानदंडों को पूरा करते हों.

ये भी पढ़िए - ऊंचे वैल्यूएशन के बावजूद आप इस केमिकल कंपनी से फ़ायदा उठा सकते हैं


टॉप पिक

₹12 लाख 3-4 साल के लिए कहां निवेश कर सकते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

आसान सवालों के मुश्किल जवाब

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपको कितने फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

मार्केट में गिरावट से पैसा बनाने का ग़लत तरीक़ा

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

वैल्यू रिसर्च धनक पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

बहुत छोटे IPO में बहुत बड़ी चेतावनी के संकेत

SME vs TUTE: निवेशकों को सिर्फ़ रिस्क लेने में और SME IPO से होने वाली बर्बादी के बीच का फ़र्क़ पता होना चाहिए.

दूसरी कैटेगरी