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जॉन डी. रॉकफ़ेलर ने एक बार कहा था, "क्या आप जानते हैं कि इकलौती चीज़ जो मुझे ख़ुशी देती है? वो है मेरे डिविडेंड को आते हुए देखना". आख़िरकार, अपने निवेश के ऊपर ईनाम हासिल करना गिफ़्ट मिलने जैसा है - जितना ज़्यादा, उतना बेहतर. इसलिए, स्वाभाविक है कि कुछ निवेशक हाई-डिविडेंड देने वाली कंपनियों की तलाश करते हैं जो साथ-साथ मज़बूत ग्रोथ भी दें.
हालांकि, ऐसी कंपनियों को ढूंढना आसान नहीं है, यही वजह है कि हमने मज़बूत फ़ाइनांस और हाई यील्ड डिविडेंड वाले शेयरों को खोजने के लिए अपने स्टॉक स्क्रीनर का इस्तेमाल किया.
हमें आश्चर्य हुआ, जब हमें FY2024 की पहली छमाही में रिटर्न ऑन इक्विटी पर (ROE) 51 फ़ीसदी और 5 फ़ीसदी से ज़्यादा डिविडेंड यील्ड वाली एक कंपनी मिली! 19 गुना के P/E पर इसका वैल्यूएशन भी कम है. कंपनी है निरलॉन, (Nirlon) जो एक नायलॉन निर्माता से कमर्शियल रियल एस्टेट कंपनी बन गई है.
अपने रिटर्न रेशियो, ऑपरेटिंग मार्जिन और वैल्यूएशन के आधार पर, निरलॉन एक आकर्षक निवेश है. लेकिन यहां हम बता रहे हैं कि हमारा नज़रिया अलग क्यों हैं:
निरलॉन: एक मज़बूत बिज़नस
ये निरलॉन के बिज़नस की परिपक्वता है जिसकी वजह से हाई-डिविडेंड का भुगतान हो रहा है. गोरेगांव में 23 एकड़ से ज़्यादा प्रमुख रियल एस्टेट - निरलोन नॉलेज पार्क - इसके सिर का ताज है जिसे विकसित करने और पूरी तरह से लीज़ या पट्टे पर देने के बाद कंपनी ने साफ़ कर दिया है कि वो अब नए प्रोजेक्ट डवलप नहीं करेगी.
ये देखते हुए कि कोई नया निवेश नहीं किया जा रहा है, कंपनी की लागत काफ़ी कम हो गई है, जिससे ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन बढ़ गया है. तो अब, ये अपने शेयरधारकों को फ़ायदा पहुंचाने वाली मशीन बन गई है.
ध्यान दें कि रियल एस्टेट कंपनियां या तो ग्राहकों के लिए प्रोजेक्ट के ज़रिए या ख़ुद को लीज़ या पट्टे पर देकर या बेचकर रेवेन्यू पैदा करती हैं.
निरलॉन: ग्रोथ का सवाल
ये पूछना स्वाभाविक है कि निरलॉन आगे ग्रोथ की योजना कैसे बना रही है और इसका जवाब कुछ लोगों के लिए निराश करने वाला हो सकता है. कंपनी का कहना है कि उसकी ग्रोथ सिर्फ़ नए किरायेदारों और बढ़े हुए रेट के साथ किराया और लीज़ रिन्यू करने से होगी.
हक़ीकत में, ग्रोथ प्लान कम महत्व रखता है क्योंकि पिछले कुछ साल में कंपनी की कॉन्फ्रेंस कॉल इसके संभावित पुनर्गठन (REIT बनने) और पुरानी टैक्स रिज़ीम के लिए प्राथमिकता जैसे दूसरे मामलों पर ही केंद्रित रही है.
निरलॉन:तो क्या ये स्टॉक निवेश के लायक़ है?
कंपनी अपने 19 गुना P/E पर सस्ती है, जो पांच साल के औसत P/E 23 गुना से कम है. ठोस फ़ाइनेंशियल मैट्रिक्स के साथ इतना कम वैल्यूएशन मिलना मुश्किल है, ख़ासकर पिछले कुछ समय के तेज़ी वाले बाज़ार में.
लेकिन, चूंकि पिछली कुछ तिमाहियों में कंपनी का नेट प्रॉफ़िट स्थिर होना शुरू हो गया है, इसलिए हमने ये जांचने का फ़ैसला किया कि ये फ़िक्स डिपॉज़िट इन्वेस्टमेंट के मुक़ाबले में कैसा है.
पांच सालों में निरलॉन से इनकम
आइए कंपनी के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन (23 अप्रैल तक ₹3,882 करोड़) को इसमें आपका निवेश मान लें. इस निवेश पर आप जो कमाते हैं वह निरलॉन का ₹205 करोड़ (12 महीने बाद) का नेट प्रॉफ़िट है.
कंपनी ने कहा कि वो हर तीन साल में 15 फ़ीसदी किराया बढ़ाती है. तो, 5 फ़ीसदी की अनुमानित सालान बढ़ती हुई दर पर, आपको पांच सालों में ₹1,189 करोड़ का नेट प्रॉफ़िट होगा.
हमारा अंदाज़ा है कि ये कंपनी से आपका अंतिम रिटर्न होगा क्योंकि इसका डिविडेंड भुगतान क़रीब 100 फ़ीसदी है, क्योंकि बिज़नस में दोबारा उतरने की अब कोई ज़रूरत नहीं है.
निरलॉन की तुलना में 5 साल में FD से आमदनी
₹3,882 करोड़ (निरलॉन का मार्केट कैप) के समान निवेश के साथ 8 फ़ीसदी की सालाना दर पर एक फ़िक्स ड़िपॉज़िट, पांच साल में ₹1,552 करोड़ की ऊंची आमदनी करेगी. यह तब होता है जब आपका मूलधन सुरक्षित रहता है.
इसलिए, जब तक उसके पास अपने बिज़नस का बढ़ाने की योजना नहीं है, तब तक निरलॉन के बजाय अपेक्षाकृत सुरक्षित फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में निवेश करना अकलमंदी है.
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