बिना शक़, किसी भी फ़ंड को ट्रैक करने का सबसे अहम पैमाना उसका रिटर्न होता है. हालांकि, रिटर्न को कई तरह से कैलकुलेट किया जा सकता है, और रिटर्न के अलग-अलग तरीक़े अलग बातें उजागर करते हैं. यहां कुछ सबसे अहम कैलकुलेशन समझाए गए हैं और साथ ही ये भी बताया गया है कि आप इन्हें कैसे समझें.
ट्रेलिंग रिटर्न (Trailing returns) (%)
ट्रेलिंग रिटर्न बताता है कि एक म्यूचुअल फ़ंड ने एक ख़ास समय के दौरान कैसा प्रदर्शन किया है.
गणितीय फ़ॉर्मूला:
जहां,
ये पूर्व की किसी ख़ास तारीख पर फ़ंड का एडजस्टेड NAV* है | |
ये फ़ंड का हालिया एडजस्टेड NAV है (या सबसे हाल की किसी तारीख़ का) |
उदाहरण - अगर हम किसी म्यूचुअल फ़ंड का 15 मार्च 2023 तक का 1-साल का ट्रेलिंग रिटर्न कैलकुलेट करना चाहते हैं, तो हमें नीचे दिए तरीक़े से कैलकुलेट करना होगा.
कई बार, ट्रेलिंग रिटर्न को प्वाइंट-टू-प्वाइंट रिटर्न भी कहा जाता है क्योंकि ये किसी एक शुरुआती और आख़िरी तारीख़ के बीच का प्रदर्शन कैलकुलेट करता है, और बताता है कि उस फ़ंड ने चुनी हुई अवधि में कैसा प्रदर्शन किया है. किसी फ़ंड का ट्रेलिंग रिटर्न कैलकुलेट करना और तुलना करना आसान है क्योंकि ये उस म्यूचुअल फ़ंड की एक अवधि में सिर्फ़ नेट एसेट वैल्यू (NAV) के बदलाव को देखता है.
किसी ख़ास टाइम पीरियड जिसमें ट्रेलिंग रिटर्न दिए जाते हैं YTD (ईयर टू डेट, यानी, मौजूदा कैलेंडर ईयर की शुरुआत से मिलने वाले रिटर्न), 1-दिन, 1-हफ़्ता, 1-महीना, 3-महीने, 6-महीने, 1-साल, 3-साल, 5-साल, 7-साल, 10-साल, 15-साल, 20-साल और शुरुआत से (यानी, फ़ंड के लॉन्च से) होता है.
नोट: अगर रिटर्न के आंकड़े एक साल से कम के होते हैं, तो वो एबसोल्यूट रिटर्न (absolute returns) होते हैं. अगर दिए गए रिटर्न के आकंड़े एक साल या उससे ज़्यादा के होते हैं, तो उन्हें एनुअलाइज़्ड रिटर्न के आकंड़े कहते हैं. ये रूल हमेशा ही लागू होता है सिवाए तब, जब इसके लिए ख़ासतौर पर कुछ और कहा गया हो.
एनुअलाइज़िंग का गणितीय फ़ॉर्मूला:
जहां,
ये पूर्व की किसी ख़ास तारीख पर फ़ंड का एडजस्टेड NAV* है | |
ये फ़ंड का हालिया एडजस्टेड NAV है (या सबसे हाल की किसी तारीख़ का) | |
ये वर्षों की संख्या में कुल समय है |
नुक़सान: हालांकि पिछला रिटर्न किसी फ़ंड के प्रदर्शन को उसके बेंचमार्क या समकक्षों के साथ मापने और तुलना करने का एक तरीक़ा देता है, लेकिन तुलना के लिए इसे एकमात्र पैरामीटर के रूप में इस्तेमाल करने में एक ख़ामी है. स्वाभाविक रूप से, ट्रेलिंग रिटर्न दो अलग-अलग समय के बीच फ़ंड के प्रदर्शन का एक स्नैपशॉट देता है, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं देता कि फ़ंड ने बीच के समय में में कैसा प्रदर्शन किया. इस तरह से, ये इस बात की जानकारी देने में विफल रहता है कि उस अवधि के दौरान फ़ंड का प्रदर्शन कितना उतार-चढ़ाव वाला या एक समान रहा है.
*रिटर्न कैलकुलेशन के लिए हम एडजस्ट किया हुआ NAV क्यों लें?
वैल्यू रिसर्च में, हम एडजस्ट किए NAV के आधार पर रिटर्न (चाहे ट्रेलिंग, रोलिंग या SIP हो) कैलकुलेट करते हैं, जो कि डिविडेंड और स्प्लिट के लिए एडजस्ट किए NAV के अलावा कुछ भी नहीं है ताकि यह पक्का किया जा सके कि ये म्यूचुअल फ़ंड के शुरू होने के बाद की पूरी अवधि में उसकी हरेक यूनिट के वास्तविक मूल्य को दिखाए.
रोलिंग रिटर्न (%)
सीधे शब्दों में कहें तो, रोलिंग रिटर्न और कुछ नहीं बल्कि ट्रेलिंग रिटर्न की सीरीज़ है जिसे एक ख़ास समय के दौरान अगल-अलग फ़्रीक्वेंसी पर लिया गया हो. इस तरह से, जब आप किसी फ़ंड का रोलिंग रिटर्न देखना चाहते हैं तो उसके लिए तीन पैरामीटर हैं, यानी, ट्रेलिंग पीरियड रिटर्न, वो समय अवधि जिस पर आप पिछले रिटर्न कैलकुलेट करना चाहते हैं, और वो फ़्रीक्वेंसी जिस पर आप उन्हें देखना चाहते हैं.
क्या ये आपको कन्फ़्यूज़ करने वाला लग रहा है? आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं.
उदाहरण - आप ऐसे फ़ंड के बारे में सोचें, जिसके लिए 31/12/2022 को महीने की फ़्रीक्वेंसी पर पिछले छह महीनों में 1-साल का रोलिंग रिटर्न कैलकुलेट करना चाहते हैं.
तो, हमारे पास तीन पैरामीटर हैं जिनसे हम रोलिंग रिटर्न कैलकुलेट कर सकते हैं:
ट्रेलिंग पीरियड रिटर्न | 1-ईयर ट्रेलिंग रिटर्न |
टाइम पीरियड | पिछले 6 महीने, यानी, जुलाई से दिसंबर 2022 |
फ़्रीक्वेंसी | मासिक |
इनपुट पैरामीटर के दिए गए सेट के लिए रोलिंग रिटर्न आपको फ़ंड के पिछले रिटर्न के छह आंकड़े देगा, यानी, जुलाई से दिसंबर तक हर महीने के अंत में 1 साल का पिछला रिटर्न.
पीरियड | रिटर्न (%) |
---|---|
31-जुलाई-2021 से 31-जुलाईJul-2022 | 6.81 |
31-अगस्त-2021 से 31-अगस्त-2022 | 6.86 |
30-सितंबर-2021 से 30-सितंबर-2022 | 3.13 |
31-अक्टूबर-2021 से 31-अक्टूबर-2022 | 7.26 |
30-नवंबर-2021 से 30-नवंबर-2022 | 12.22 |
31-दिसंबर-2021 से 31-दिसंबर-2022 | 6.99 |
रोलिंग रिटर्न का एक फ़ायदा ये है कि इससे ये पहचानने में मदद मिलती हैं कि किसी म्यूचुअल फ़ंड ने ने समय के साथ "कितनी बार" और "कितना" अच्छा या ख़राब प्रदर्शन किया है, यानी, फ़ंड का मज़बूत और कमज़ोर प्रदर्शन, कितनी बार और कितना रहा है. इस तरह ये पिछले रिटर्न की तुलना में फ़ंड के पिछले प्रदर्शन की ख़ूबी की ज़्यादा डिटेल तस्वीर देता है.
कई बार, किसी अवधि के लिए रोलिंग रिटर्न का आंकड़ा एक अवधि में लिए गए रिटर्न की सभी सीरीज़ के औसत के तौर पर दिया जाता है (इनपुट पैरामीटर के मुताबिक़). इसके अलावा, कोई व्यक्ति रोलिंग रिटर्न सीरीज़ को अलग-अलग बकेट में बांट कर उनका अनालेसिस कर सकता है. मिसाल के तौर पर, अगर हमें पिछले 10 साल के लिए मासिक फ़्रीक्वेंसी पर 5-साल का रोलिंग रिटर्न लेना था, तो हमारे पास रोलिंग रिटर्न सीरीज़ में 120 रिटर्न आंकड़े (10 साल x 12 महीने) होंगे और इसके डिस्ट्रीब्यूशन को नीचे दिए तरीक़े से संक्षेप में किया सकता है:
रिटर्न के आंकड़े (% रिटर्न) | 5-साल के डिस्ट्रीब्यूशन के रिटर्न (% कितनी बार) | ||||
---|---|---|---|---|---|
एवरेज | मैक्सिमम | मिनिमम | < 10% | ≥ 10% to 20% ≤ | > 20% |
11.72 | 22.81 | -2.59 | 31.6 | 64.1 | 4.3 |
यहां फ़ंड की औसत, अधिकतम और न्यूनतम रिटर्न से फ़ंड रिटर्न के बुनियादी आंकड़े मिलते हैं. डिस्ट्रिब्यूशन टेबल फ़ंड के पिछले 5-साल के रिटर्न परफ़ॉरमेंस की ख़ूबियां बताती है, जो क़रीब 31.6% बार 10% से कम रहा है, क़रीब 4.3% बार रिटर्न 20% से ज़्यादा रहा है, और ये बाक़ी समय 10% और 20% के बीच रहा है.
SIP रिटर्न (%)
SIP रिटर्न आपको किसी ख़ास तारीख पर म्यूचुअल फ़ंड में आपके निवेश के प्रदर्शन का माप देता है, ये मानते हुए कि आप अतीत में एक तय अवधि के लिए हर महीने फ़ंड में निवेश कर रहे हैं.
आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं.
मान लीजिए कि आप अपने निवेश का मौजूदा रिटर्न चाहते हैं, मान लें कि आपने किसी म्यूचुअल फ़ंड में 1,000 रुपये का SIP की है, जिसमें आप पिछले तीन साल से निवेश कर रहे हैं. फिर आपके द्वारा 1,000 रुपये की SIP राशि के लिए हर महीने (36 महीने, यानी 3 साल के लिए) ख़रीदी गई यूनिट्स का नंबर अलग-अलग होगा, क्योंकि फ़ंड की हर एक यूनिट का NAV उसके प्रदर्शन के मुताबिक़ किसी भी दिन अलग-अलग होगा.
इस तरह से, इन तीन सालों के लिए SIP रिटर्न आज से पिछले तीन साल में अलग-अलग समय पर (यानी, हर महीने के पहले क़ारोबारी दिन को मानते हुए) आपके सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट का रिटर्न होगा.
वक़्त के साथ फ़ंड में आने वाले रिटर्न के फ़्लो की सीरीज़ को कैलकुलेट करने का कोई सीधा तरीक़ा नहीं है, क्योंकि ये ऐसी तकनीक है जो दिए गए फ़ॉर्मूले के लिए रेट ऑफ़ रिटर्न (r) की अलग-अलग वैल्यू बताती है.
जहां,
ith SIP अमाउंट है | |
SIP के लिए रिटर्न की रेट है | |
ith SIP की तारीख़ है | |
SIP की पहली तारीख़ है | |
SIP पेमेंट की कुल संख्या है |
हालांकि, सुविधा के लिए, फ़ाइनेंशियल इंडस्ट्री एक्सटेंडेड रेट ऑफ़ रिटर्न (आमतौर पर MS एक्सेल इस्तेमाल करने वाले इसे XIRR के तौर पर जानते हैं) का इस्तेमाल करती है. इससे आपको अवधि के अंत में समय के साथ निवेशों की सीरीज़ पर रिटर्न का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है. आप यहां विस्तार से जान सकते हैं कि XIRR को कितनी आसानी से कैलकुलेट किया जा सकता है.