किसी म्यूचुअल फ़ंड का इक्विटी स्टाइल बॉक्स उसके पोर्टफ़ोलियो ओरिएंटेशन को मापने का एक मोटा-मोटा तरीक़ा है, जो मार्केट कैपिटलाइज़ेशन और उसके निवेश के स्टाइल को ध्यान में रखता है. इसमें 3x3 मेट्रिक्स होता है (जिसमें 9 सेल होते हैं). इसके कॉलम (columns) में निवेश का स्टाइल वैल्युएशन के तौर पर दिखाया जाता है, और इसकी रो (rows) फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो का मार्केट कैपिटलाइज़ेशन दिखाती हैं.
एक ऊंचा पोर्टफ़ोलियो मार्केट कैप दिखाता है कि फ़ंड के पास बड़े और अच्छी तरह से स्थापित कंपनियों ज़्यादा हैं. आमतौर पर स्मॉल-कैप के मुक़ाबले लार्ज-कैप स्टॉक्स में ज़्यादा स्थिरता रहती है, यानी स्मॉल-कैप में ज़्यादा उतार-चढ़ाव आते हैं और इनमें लिक्विडिटी भी कम होती है. मार्केट-कैप का क्लासिफ़िकेशन करने के लिए वैल्यू रिसर्च का अपना तरीक़ा है. हमारे सिस्टम के मुताबिक़, 70 प्रतिशत टॉप लिस्टिड कंपनियां जो मार्केट कैप का हिस्सा हैं, वो लार्ज-कैप के तौर पर क्लासिफ़ाई की जाती हैं. जो कंपनियां टोटल मार्केट कैप के 70-90 प्रतिशत के बीच आती हैं उन्हें मिड-कैप के तौर पर क्लासिफ़ाई किया जाता है. लिस्टिड होने वाली, मार्केट कैप की 10 प्रतिशत सबसे छोटी कंपनियां स्मॉल-कैप कहलाती हैं.
जहां तक निवेश के स्टाइल की बात है, तो कोई फ़ंड ग्रोथ इन्वेस्टिंग को फ़ॉलो कर सकता है या वैल्यू इन्वेस्टिंग को या फिर दोनों का मिलाजुला तरीक़ा अपना सकता है (जिसे हम blend कहते हैं). आमतौर पर, ग्रोथ स्टॉक्स का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो (P/E) और प्राइस-टू-बुक रेशियो (P/B) एवरेज से ज़्यादा होता है. इसके उलट, वैल्यू स्टॉक्स का P/E और P/B कुछ कम रहता है.
ये मेट्रिक्स उन म्यूचुअल फ़ंड्स के लिए बनाया जाता है जिनके पोर्टफ़ोलियो में इक्विटी इन्वेस्टमेंट होते हैं, यानी, सभी इक्विटी और हाइब्रिड फ़ंड्स इसमें शामिल किए जाते हैं. इसलिए, मेट्रिक्स के केवल एक ही बॉक्स को हाइलाइट किया जाता है, जो दिए गए पोर्टफ़ोलियो डिस्क्लोज़र में निवेश के स्टाइल और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन को दिखाता है.
उदाहरण: मान लीजिए कि हमारे पास एक इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड है जिसका फ़ंड स्टाइल बॉक्स नीचे दिया गया है. इसमें, हम देख सकते हैं कि फ़ंड, इन्वेस्टमेंट के ग्रोथ स्टाइल को अपनाता है और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के तौर पर इसका ओरिएंटेशन ‘लार्ज-कैप’ का है.
इसका तरीक़ा काफ़ी सीधा-सादा है. हम म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो की सभी इक्विटी होल्डिंग्स को लिस्ट करते हैं, जिसमें पोर्टफ़ोलियो में मौजूद म्यूचुअल फ़ंड होल्डिंग्स भी शामिल हैं.
इसलिए, इसके दो हिस्से होते हैं. हम कैलकुलेट करते हैं (i) पोर्टफ़ोलियो का मार्केट कैप और (ii) पोर्टफ़ोलियो का वैल्युएशन स्कोर. लेकिन मोटे तौर पर, पोर्टफ़ोलियो के इक्विटी वाले हिस्से में शामिल हर कंपनी का मार्केटकैप और वैल्युएशन स्कोर, पोर्टफ़ोलियो में उनके वेटेज/नेट एसेट के रेशियो के मुताबिक़ कुल मार्केट कैप और वैल्युएशन स्कोर (P/E और P/B से तय) में योगदान देता है.
वैल्युएशन स्कोर मार्केट-कैप सेगमेंट (यानी, लार्ज, मिड या स्मॉल) में एलोकेशन और फ़ंड मैनेजर के स्टाइल (ग्रोथ, वैल्यू या ब्लेंड) को लेकर फ़ंड पोर्टफ़ोलियो के ओरिएंटेशन की बड़ी तस्वीर पेश करता है.