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Paytm क्राइसिस: इस फ़िनटेक पर अब भी 22 फ़ंड्स का भरोसा

उन फ़ंड्स की बात भी होगी जिन्होंने Paytm में अपनी हिस्सेदारी बेची या कम की

Paytm क्राइसिस: इस फ़िनटेक पर अब भी 22 फ़ंड्स का भरोसा

जनवरी में Paytm पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की सख़्ती से घरेलू म्यूचुअल फ़ंड मार्केट में हंगामा मच गया था. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि कई फ़ंड्स (22 फ़ंड्स) ने वन 97 कम्युनिकेशंस (Paytm) में अपनी हिस्सेदारी बेच दी, जबकि बाक़ियों ने फ़रवरी में अपना निवेश काफ़ी कम कर दिया.

हालांकि, 22 के क़रीब म्यूचुअल फ़ंड्स पर मौजूदा संकट का असर नहीं पड़ा, भले ही इस फ़िनटेक कंपनी के शेयर की क़ीमत में क़रीब 53 फ़ीसदी की गिरावट आ चुकी है.

इन फ़ंड्स की बात आगे करेंगे, पहले कुछ मुख्य फ़ंड्स पर नज़र डालते हैं जिन्होंने Paytm से अपना नाता तोड़ लिया.

जिन्होंने पूरा निवेश बेचा
जिन 22 फ़ंड्स ने Paytm को पूरी तरह से छोड़ दिया है, उनमें से चार - मोतीलाल ओसवाल लार्ज एंड मिडकैप फ़ंड, JM लार्ज कैप फ़ंड, मोतीलाल ओसवाल ELSS टैक्स सेवर फ़ंड और नावी लार्ज एंड मिड कैप फ़ंड - का नोएडा की इस फ़िनटेक कंपनी में 2 फ़ीसदी से भी ज्यादा एलोकेशन था.

Paytm से नाता तोड़ने वाले फ़ंड मैनेजरों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर वैल्यू रिसर्च (Value रिसर्च) से बात की और कहा: "ये फ़ैसला दो बड़ी वजहों के आधार पर लिया गया. पहला, Paytm बैंक पर हुई रेगुलेटरी कार्रवाई से मर्चेंट्स दूसरे फ़िनटेक प्लेटफ़ॉर्म की तरफ़ जा सकते हैं, जिससे Paytm के प्रॉफ़िट पर असर पड़ सकता है. दूसरा, रेगुलेटर की रडार में आने की वजह से लोन देने वाले पार्टनर भी कंपनी के साथ अब शायद बिज़नस नहीं कर पाएंगे. ये सभी कारण आने वाले वक़्त में कंपनी की कमाई में रुकावट डाल सकते हैं."

उन्होंने ये भी कहा कि अगर रेगुलेटर संजीदा मामलों की जांच-पड़ताल करता है तो बिज़नस के लिए पैसा कमाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

जिन्होंने निवेश घटाया
जैसा कि ऊपर बताया गया है, पांच फ़ंड्स ने Paytm में अपना निवेश कम कर दिया है.

ये हैं-आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ डिजिटल इंडिया फ़ंड, निप्पॉन इंडिया बैंकिंग एंड फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ फ़ंड, निप्पॉन इंडिया इनोवेशन फ़ंड, UTI इनोवेशन फ़ंड और UTI मिड कैप फ़ंड. आख़िरी के तीन फ़ंड्स ने काफ़ी निवेश कम किया है; पहले दो फ़ंड्स में मामूली रूप से निवेश घटाया है.

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जो अब भी बने हुए हैं
आइए अब उन फ़ंड्स की बात करते हैं जिनके पास Paytm क्राइसिस के बावजूद भी पहले जितने ही शेयर हैं.

22 फ़ंड्स में से आठ ऐसे हैं जिनका नए जमाने की फ़िनटेक कंपनी में 1 फ़ीसदी से ज़्यादा एलोकेशन है. जैसा कि आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं, उनमें ये चार फ़ंड्स -- मिराए एसेट्स फ़ंड, मोतीलाल ओसवाल फ़ोकस्ड फ़ंड, हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड और फ्रैंकलिन इंडिया टेक्नोलॉजी फ़ंड -- शामिल हैं.

हालात बदलने का इंतजार

Paytm क्राइसिस के बाद भी इन फ़ंड्स ने कोई शेयर नहीं बेचा है

स्कीम का नाम शेयरों की संख्या पोर्टफ़ोलियो एलोकेशन (% में)
जनवरी-24 फरवरी-24 जनवरी-24 फरवरी-24
मिराए एसेट फ़ोकस्ड फ़ंड 42,35,150 42,35,150 3.56 1.97
मोतीलाल ओसवाल फ़ोकस्ड फ़ंड 6,41,800 6,41,800 2.65 1.44
हेलिओस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड 2,44,170 2,44,170 2.05 1
फ्रैंकलिन इंडिया टेक्नोलॉजी फ़ंड 2,63,460 2,63,460 1.57 0.78
मिराए एसेट लार्ज कैप फ़ंड 67,72,500 67,72,500 1.36 0.72
मिराए एसेट मिड कैप 25,02,330 25,02,330 1.33 0.69
मिराए एसेट ELSS टैक्स सेवर फ़ंड 28,28,000 28,28,000 1.03 0.54
मिराए एसेट लार्ज एंड मिडकैप फ़ंड 44,26,290 44,26,290 1.01 0.53
नोट: उन फ़ंड्स को शामिल किया गया है जिन्होंने अपने शेयर बरक़रार रखे हैं और जिनकी जनवरी 2024 तक 1 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी थी.

एक और फ़ंड मैनेजर, जो अभी भी कंपनी के साथ बने हुए हैं, ने नाम न छापने की शर्त पर हमें बताया: 'RBI ने साफ़-साफ़ कहा है कि उन्हें कंपनी से कोई दिक़्क़त नहीं है, बल्कि इसकी एक एंटिटी (Paytm पेमेंट्स बैंक) से दिक़्क़त है'.

एक और फ़ंड मैनेजर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वे 'साफ़ नज़रिया अपनाने के लिए' 15 मार्च तक का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''15 मार्च को कुछ घोषणाएं देखने के बाद आगे के फ़ैसले लिए जाएंगे.''

15 मार्च की अहमियत
इससे पहले, RBI ने Paytm पेमेंट्स बैंक को "29 फरवरी 2024 के बाद डिपॉज़िट्स लेने और किसी भी ग्राहक के एकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट, फ़ास्टैग, NCMC कार्ड इत्यादि में क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप की अनुमति (ब्याज़ ,कैशबैक, या रिफंड को छोड़कर, जो कभी भी क्रेडिट किया जा सकता है) देने से मना कर दिया था."

बाद में, 29 फ़रवरी की समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च 2024 कर दिया गया था.

RBI ने 'नॉन-कंप्लायंस' और 'बैंक में मैटेरियल सुपरवाइज़री से जुड़ी दिक़्क़तों' के लिए Paytm को आड़े हाथों लिया है.

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