म्यूचुअल फंड बड़े पैमाने पर निवेशकों की सेविंग को इकठ्ठा करके उसको रकम के एक सिंगल पूल की तरह मैनेज करता है। इसमें निवेशक को यह चिंता नहीं करनी पड़ती है कि किस स्टॉक, बांड या कमोडिटी में निवेश करना है। यइ काम प्रोफेशनल फंड मैनेजर करते हैं। म्यूचुअल फ़ंड कंपनियां म्युचुअल फ़ंड चलाती हैं। इनको असेट मैनेजमेंट कंपनियां यानी AMC भी कहते हैं। प्रत्येक AMC कई फंड स्कीम संचालित करती हैं। ये स्कीम निवेशकों की अलग-अलग तरह की जरूरतें पूरी करती हैं।
ज्यादातर फंड में कुछ हजार रुपयों के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं। दूसरे कई निवेश विकल्पों के विपरीत म्यूचुअल फ़ंड में आप रकम कभी भी निकाल सकते हैं। यानी लिक्विडिटी के लिहाज से भी यह काफी सुविधाजनक है।
फंड की दुनिया
बाजार में कई तरह के फंड हैं। ये फंड जोखिम के स्तर, मुनाफे की संभावना और फंड मैनेजमेंट की क्वालिटी के लिहाज से व्यापक रेंज वाले हैं।
इक्विटी में निवेश करने वाले फंड अधिकतम रिटर्न की संभावना वाले होते हैं। ऐसे में इनमें जोखिम का स्तर भी काफी अधिक होता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ फंड शार्ट टर्म बांड और डिपॉजिट में निवेश करते हैं। ये फंड बैंक डिपॉजिट के रिटर्न की रेंज में रिटर्न देते हैं। ये फंड इक्विटी फंड की तुलना में काफी कम जोखिम वाले होते हैं। इसके अलावा, क्वालिटी के लिहाज से फंड अनेक तरह के हैं। इसका मतलब है कि सभी फंड अपने वादे के हिसाब रिटर्न नहीं दे पाते और निवेशक को भी फंड, फंड मैनेजर और AMC के ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर रखनी होती है।
वैल्यू रिसर्च बनाता है आसान
म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि निवेश के लिए बहुत बड़ी संख्या में फंड उपलब्ध हैं। इनमें से निवेश के लिए फंड चुना कैसे जाए। वैल्यू रिसर्च के पब्लिकेशंस और वेबसाइट इस समस्या का समाधान बहुत आसानी से करते हैं। वैल्यू रिसर्च भारत में प्रत्येक म्यूचुअल फ़ंड का विश्लेषण करता है और वन से फाइव स्टार के स्केल पर इनकी रेटिंग करता है।
इसके अलावा वैल्यू रिसर्च के एनॉलिस्ट 'फंड एनॉलिस्ट च्वाइस' के तहत फंड की लिस्ट मेन्टेन करते हैं। इस लिस्ट में शामिल फंड को सावधानी से चुना जाता है। इन फंड को निवेश की आम जरूरतों के हिसाब से वर्गीकृत किया गया है।
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म्यूचुअल फंड के फायदे
· आसान डायवर्सीफिकेशन
· प्रोफेशनल रिसर्च और इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट
· कई तरह के फंड
· निवेश में सहूलियत
· टैक्स के लिहाज से फायदेमंद
· पारदर्शी और नियम कानून से चलने वाली इंडस्ट्री
· कई तरह की असेट्स तक एक्सेस
· पूंजी की सुरक्षा और महंगाई से बचाव
· नगदी की सहूलियत
कहां और कैसे निवेश करें
आप म्यूचुअल फंड में सीधे AMC के जरिए या इंटरमीडियरी के जरिए निवेश कर सकते हैं।
सीधे AMC के जरिए: AMC के जरिए सीधे निवेश करने के लिए आप वेबसाइट के जरिए एएमसी की डिटेल ले सकते हैं। ज्यादातर, AMC की टोल फ्री फोन हेल्पलाइन है। अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो यह आपके लिए अच्छी सुविधा हो सकती है। सभी AMC के पास अपनी मौजूदा फंड स्कीमों के लिए डायरेक्ट प्लान हैं।
इंटरमीडियरीज के जरिए
बाजार में कई तरह के इंटरमीडियरीज उपलब्ध हैं। इनमें बैंक, स्टॉक ब्रोकर्स और बड़े पैमाने पर इंडीविजुअल्स और छोटी फाइनेंशियल एडवाइजरी कंपनियां शामिल हैं। सभी इंटरमीडियरीज को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया (एएमएफआई) के साथ रजिस्टर्ड कराना होता है। www.AMfiIndia.com
किसी फंड में निवेश के लिए नो योर कस्टमर यानी KYC प्रॉसेस को पूरा करना जरूरी है। आपको केवाईसी प्रॉसेस के लिए पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ की जरूरत होगी। पहचान पत्र के तौर पर पैन कॉर्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि मान्य हैं। वहीं एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड मान्य है।
फंड से बाहर कैसे निकलें
अगर आप किसी फंड में ऑनलाइन निवेश करते हैं या आपने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है तो आप फंड ऑनलाइन भुनाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं और रकम आपके बैंक अकाउंट में जमा करा दी जाएगी। ऑफलाइन निवेशकों के लिए एक रिडेम्पशन स्लिप होती है तो आपके अकाउंट स्टेटमेंट के साथ आती है। इसे भर कर, साइन करके नजदीकी सर्विस सेंटर पर जमा कराना होता है। जिस इंटरमीडियरी के जरिए आपने निवेश किया है, वह इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। सभी मामलों में निवेश की रकम आपके अकाउंट में आ जाएगी।
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